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Sanchar Saathi App: Controversy did not stop the pace of Sanchar Saathi, the app set a record.
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Sanchar Saathi App: विवाद नहीं रोक पाया संचार साथी की रफ्तार, APP ने बनाया रिकॉर्ड | Amar Ujala
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: तन्मय बरनवाल Updated Wed, 03 Dec 2025 03:17 PM IST
सरकार की साइबर सुरक्षा और मोबाइल सेफ्टी के लिए बनाई गई संचार साथी एप इन दिनों सुर्खियों में है। जहां एक तरफ एप को मोबाइल फोन्स में अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के आदेश को लेकर विरोध जारी है, वहीं दूसरी ओर एप का डाउनलोड का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है। दूरसंचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एप को लगभग 6 लाख लोगों ने डाउनलोड किया, जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा करीब 60 हजार रहता था। यानी एक दिन में डाउनलोड 10 गुना तक बढ़ गए। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, आदेश जारी होने से पहले ही 1.5 करोड़ लोग संचार साथी एप डाउनलोड कर चुके थे। ऐसे में 28 नवंबर को जारी आदेश में सभी मोबाइल कंपनियों को यह एप नए और पुराने सभी फोन्स में प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो दूरसंचार विभाग के 28 नवंबर के आदेश के मुताबिक, भारत में फोन बेचने वाली सभी कंपनियों को अपने फोन्स में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल देना होगा। जबकि पुराने डिवाइसेस में भी एप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए देना अनिवार्य होगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एप पहली बार फोन ऑन करते ही यूजर को दिखाई दे। निर्माता एप को छिपा या निष्क्रिय करके कॉम्प्लायंस का दावा नहीं कर सकते। टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यूजर चाहे तो एप को अनइंस्टॉल भी कर सकता है। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। संचार साथी को पहली बार 2023 में एक पोर्टल के रूप में शुरू किया गया था। इसका उपयोग स्कैम कॉल की रिपोर्ट दर्ज करने, यूजर्स को उनके नाम पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड की पहचान करने और फोन चोरी होने पर उसे निष्क्रिय करने के लिए किया जाता रहा है। यह भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के डीएनडी एप की तरह है। इसके एप वर्जन में भी पोर्ट वाले ही सभी सुविधाएं मिलती हैं।
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