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देखिए क्या है आपके यहां मौसम का हाल
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 02 Dec 2025 06:01 AM IST
भारत में आने वाली सर्दियां इस बार पिछली बार से अधिक तीखी और कड़क महसूस होंगी। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी नवीनतम मौसमी पूर्वानुमान में साफ संकेत हैं कि दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के बीच देश के उत्तर, मध्य और प्रायद्वीपीय हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। यह स्थिति न सिर्फ मौसम को अधिक ठंडा बनाएगी, बल्कि कई राज्यों में शीतलहर के दिनों की संख्या भी बढ़ सकती है, जिससे बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों के लिए चुनौती और बढ़ जाएगी।
IMD के मुताबिक आगामी शीतकाल में उत्तर भारत, मध्य भारत और प्रायद्वीपीय राज्यों में रात का तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है या फिर उसके आसपास बना रह सकता है। इसका मतलब है कि इन क्षेत्रों में सुबह और रात के समय ठंड असामान्य रूप से ज्यादा महसूस होगी। इसी के साथ कई राज्यों में कड़ाके की ठंड और शीतलहर की स्थितियां बार-बार देखने को मिल सकती हैं।
इसके विपरीत, पूर्वोत्तर भारत और हिमालय की तलहटी वाले माध्यमिक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा अधिक दर्ज होने की संभावना है। यानी इन इलाकों में दिन के समय ठंड उतनी कठोर नहीं होगी जितनी रात में महसूस होगी।
पूर्वानुमान रिपोर्ट के अनुसार, इस बार घना कोहरा भी बड़ी समस्या बन सकता है। उत्तर, मध्य और पूर्वोत्तर भारत में कोहरे की तीव्रता और अवधि बढ़ सकती है, जिससे-
• रेलवे
• हवाई सेवाएं
• सड़क परिवहन
तीनों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है। दिसंबर के दौरान उत्तरी और उत्तर–पश्चिम भारत में न्यूनतम तापमान लगातार सामान्य से कम रहेगा, जबकि अधिकतम तापमान कई स्थानों पर सामान्य से अधिक भी रिकॉर्ड हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती सर्दी से निपटने के लिए शरीर को भीतर से गर्म रखना बेहद जरूरी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि तिल, बादाम, मूंगफली, काजू, अखरोट, चना और गुड़ पारंपरिक रूप से शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए बहुत प्रभावी माने जाते हैं। साथ ही, अदरक, लहसुन, काली मिर्च, दालचीनी और हल्दी जैसे मसालों की थोड़ी मात्रा भोजन में शामिल करने से रक्त संचार सुधरता है और ठंड से बचाव होता है।
इसके अलावा, बाजरा, ज्वार, रागी, ओट्स और दालें जैसे जटिल कार्बोहाइड्रेट वाले अनाज लंबे समय तक ऊर्जा देते हैं और प्राकृतिक गर्मी उत्पन्न करते हैं।विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि घी, अंडे, चिकन सूप, मूंग दाल और मेथी के दानों वाला भोजन सर्द मौसम में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है।
हृदय, फेफड़ों या गठिया के रोगियों को विशेष सतर्कता बरतने और खाने–पीने के मामले में अपने चिकित्सक से सलाह लेने की जरूरत है।
IMD के ताजा पूर्वानुमान से साफ है कि आने वाली सर्दियां काफी सख्त और लंबे समय तक असरदार रहेंगी। ऐसे में आम जनता को स्वास्थ्य, यात्रा और दैनिक जीवन से जुड़े निर्णय सावधानी से लेने होंगे और विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए उपायों को अपनाकर ठंड से बचाव सुनिश्चित करना होगा।
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