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Parliament Winter Session: There will be ruckus again in the winter session of Parliament, the opposition has
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Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र में फिर होगा हंगामा, विपक्ष ने तैयार किया प्लान!
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Mon, 01 Dec 2025 06:30 AM IST
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भाजपा नेता शाहनवाज़ हुसैन ने सर्वदलीय बैठक पर कहा, "संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। राहुल गांधी को अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए संसद में व्यवधान डालने का अपना तरीका बदलना चाहिए। जैसे ही राहुल गांधी ने 99 सीटें जीतीं, उन्होंने संसद में विपक्ष के नेता का मतलब व्यवधान का नेता बना लिया है। सदन चर्चा के लिए होती है, और वहां चर्चा होनी चाहिए। रुकावट डालने से कोई फ़ायदा नहीं होगा। जिस तरह से विपक्ष SIR पर हंगामा करना चाहता है, वह ठीक नहीं है। हमें उम्मीद है कि संसद में कोई रुकावट नहीं आएगी और संसद आसानी से चलेगी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "स्ट्रेटेजी कमिटी की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि सभी विपक्षी पार्टियों को लगता है कि चुनाव सुधारों पर चर्चा होनी चाहिए। इस पर चर्चा हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। अगर आतंकवादी गतिविधियां दिल्ली के लाल किले तक पहुंच गई हैं, तो देश का कौन सा हिस्सा सुरक्षित है? आज महंगाई है, बेरोजगारी है, भाजपा शासित राज्यों के साथ अलग तरह से व्यवहार किया जाता है और गैर-भाजपा शासित राज्यों में अलग तरह से। यह सब हमारा आधार है। कल सुबह 10 बजे हम सभी पार्टियों के नेताओं से मिलेंगे और एक रणनीति बनाएंगे।"
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसकी कुल अवधि 19 दिन होगी। इस दौरान सदन की कुल 15 बैठकें ही होंगी, जिससे यह सत्र सामान्य सत्रों की तुलना में छोटा माना जा रहा है। विपक्षी दलों, विशेष रूप से कांग्रेस ने सत्र को छोटा रखने के लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने इसे संसदीय इतिहास के सबसे छोटे सत्रों में से एक बताया है और आरोप लगाया है कि सरकार जानबूझकर संसद की लोकतांत्रिक परंपराओं को "पटरी से उतारना" चाहती है ताकि महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर कम चर्चा हो। सरकार ने इस सत्र के दौरान विचार और पारित करने के लिए लगभग 13-14 प्रमुख विधेयकों को सूचीबद्ध किया है, जिनमें परमाणु ऊर्जा, उच्च शिक्षा और कॉर्पोरेट/शेयर बाजार से जुड़े सुधार संबंधी विधेयक शामिल हैं। हालांकि, विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा, प्राकृतिक आपदाओं और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की मांग पर अड़ा है, और शीतकालीन सत्र के शांतिपूर्ण संचालन के लिए सरकार और विपक्ष दोनों ने एक-दूसरे से सहयोग की अपील की है।
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