Hindi News
›
Video
›
India News
›
Delhi Pollution: What is the new warning on pollution in Delhi? | Global Panel | AQI
{"_id":"692d03c2840e74192800d7ac","slug":"delhi-pollution-what-is-the-new-warning-on-pollution-in-delhi-global-panel-aqi-2025-12-01","type":"video","status":"publish","title_hn":"Delhi Pollution: Delhi में प्रदूषण पर अब नई चेतावनी क्या? | Global Panel | AQI","category":{"title":"India News","title_hn":"देश","slug":"india-news"}}
Delhi Pollution: Delhi में प्रदूषण पर अब नई चेतावनी क्या? | Global Panel | AQI
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: तन्मय बरनवाल Updated Mon, 01 Dec 2025 08:26 AM IST
Link Copied
दिल्ली-NCR समेत दुनिया के बड़े शहरों में प्रदूषण ने लोगों को बेहाल किया है इस बीच उत्तर भारत की हवा आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहाँ से आगे सिर्फ खतरे गहराते जा रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े शोध संस्थानों ने मिलकर जो ताज़ा रिपोर्ट जारी की है, वह सिर्फ दिल्ली-एनसीआर की नहीं, पूरे सिंधु समेत गंगा के मैदान की हवा के लिए “ग्लोबल रेड अलर्ट” करार दिया है। वायु प्रदूषण के संकट पर निगरानी रखने वाले अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क ने अपनी नवीनतम संयुक्त रिपोर्ट में कहा है, दिल्ली-एनसीआर और सिंधु-गंगा का मैदान पृथ्वी के सबसे खतरनाक वायु प्रदूषण क्षेत्र में बदल रहा है। यदि अभी निर्णायक हस्तक्षेप न हुआ तो आने वाले 10 वर्षों में यह क्षेत्र स्थायी रूप से प्रदूषित हवा का केंद्र बन जाएगा। रिपोर्ट विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी), हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एप्लाइड सिस्टम्स एनालिसिस (आईआईएएसए) और कैलिफोर्निया एयर रिसोर्स बोर्ड के आंकड़ों के समन्वय पर आधारित है। इसमें कहा गया है, उत्तर भारत का सर्दियों में पीएम2.5 स्तर कई बार सुरक्षित सीमा से 15 से 25 गुना तक पार कर जाता है। यह पैटर्न वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए चेतावनी है। वैज्ञानिकों के अनुसार, उत्तर भारत का घनघोर वायु प्रदूषण संकट दुनिया में अनोखा लेकिन रोकने योग्य है। रिपोर्ट के अनुसासर, दिल्ली-एनसीआर और सिंधु-गंगा के मैदान की भू-आकृतिक स्थिति, अत्यधिक जनसंख्या घनत्व, तेज कृषि-उद्योग विस्तार और बढ़ते परिवहन दबाव के साथ मिलकर एक तरह से कई तरह की प्रदूषित हवा को रोक रही है। यह संरचना उन शहरों से भी अधिक जटिल है, जिन्होंने लंबे संघर्ष के बाद प्रदूषण पर नियंत्रण पाया। जैसे लंदन (1952-1970), बीजिंग (2013-2023) और लॉस-एंजिलिस (1960-2000)। रिपोर्ट के अनुसार, चुनौती इसलिए विकराल है, क्योंकि दिल्ली-एनसीआर और सिंधु-गंगा का मैदान भौगोलिक रूप से ऐसा विशाल क्षेत्र है, जहां हवा की गुणवत्ता खराब होने पर उसका फैलाव नहीं हो पाता। उत्तर भारत का 8 राज्यों में फैला करीब 7,00,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र सर्दियों में ठंडी और स्थिर हवा की वजह से प्राकृतिक वायु-पकड़ और वायु फांसाव क्षेत्र बन जाता जो और चिंता गहन कर देता है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।