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Rupee Hits All Time Low: '$' crosses 90, why did the rupee fall? | Rupee vs Dollar
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Rupee is Hits All Time Low: 90 के पार पहुंचा '$', क्यों गिरा रुपया? | Rupee vs Dollar
अमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Published by: तन्मय बरनवाल Updated Wed, 03 Dec 2025 03:57 PM IST
रुपया क्यों लगातार गिर रहा है? Global trade Payment से लेकर Dollar Outflow और कंपनियों की भारी Hedging कौन-कौन से कारण आपके खर्च को बढ़ाने में सबसे बड़ा रोल निभा रहे हैं? आज हम इस पूरी गिरावट को आसान भाषा में Decode करेंगे…ताकि आपको पता चले कि इस Crisis का असर आपकी जेब पर कैसे पड़ेगा? इसको जाननें के लिए आगे बढ़े उससे पहले जान लीजिए की आखिर मामला क्या है, दरहसाल भारतीय रुपया बुधवार को डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड नीचे पहुँच गया है। यानि की 90 के आसपास 1 डॉलर हो गया। अब विपक्ष ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में यह गिरावट पिछले आठ महीनों से जारी है। इसे Global Trade Payments, Investment Dollars आउटफ्लो और कंपनियों द्वारा संभावित और कमजोरी से बचने के लिए तेजी से की जा रही हेजिंग को वजह बताया जा रहा है।
अब आपके मन में सवाल होगा कि आखिर हेजींग क्या है तो इसका मंतलब निवेश हो या कोई व्यवसाय से है जो जोखिम भरा होता है। इसलिए निवेशक और कारोबारी अपना जोखिम कम करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। ऐसा ही एक प्रचलित तरीका 'हेजिंग' है। असल में जब कोई buyer एंड seller या investor अपने कारोबार या असेट को संभावित मूल्य परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से बचाने के उपाय करता है तो उसे 'हेजिंग' कहते हैं। रुपया इस साल एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्राओं में शामिल हो गया है। डॉलर के मुकाबले रुपये में अब तक 5% की गिरावट दर्ज की गई है। विश्लेषकों के मुताबिक, भारतीय उत्पादों पर अमेरिका की ओर से 50% तक बढ़ाए गए आयात शुल्क ने भारत के सबसे बड़े निर्यात बाजार को झटका दिया है। निर्यात दबाव और विदेशी निवेशकों की कमजोर दिलचस्पी ने भारतीय शेयर बाजार की आकर्षक बढ़त को भी कम कर दिया है। मुद्रा की तेजी से गिरावट का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि रुपये को 85 से 90 के स्तर तक पहुंचने में एक साल से भी कम समय लगा। यह उस अवधि का लगभग आधा है, जितने समय में यह 80 से 85 के स्तर तक गिरा था।
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