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बंगाल की खाड़ी में ब्रह्मोस का सफल कॉम्बैट-लॉन्च
अमर उजाला डिजिटल डॉट कॉम Published by: आदर्श Updated Tue, 02 Dec 2025 05:19 AM IST
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भारतीय सेना ने अपनी मारक क्षमता और तकनीकी बढ़त को एक बार फिर बेहतरीन ढंग से दुनिया के सामने रखा है। दक्षिणी कमान की ओर से बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल कॉम्बैट-लॉन्च किया गया। मिसाइल ने निर्धारित लक्ष्य को बेहद सटीकता, ध्वनि से कई गुना अधिक गति और घातक प्रभाव के साथ भेद दिया। यह परीक्षण न केवल भारतीय सेना की मजबूती का प्रतीक है, बल्कि यह भी स्पष्ट संदेश देता है कि भारत किसी भी वास्तविक युद्ध परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
भारतीय सेना ने बताया कि यह परीक्षण एक कॉम्बैट-लॉन्च था अर्थात असल युद्ध की तरह तैयार किया गया मिशन। इस दौरान मिसाइल सिस्टम के सभी पहलुओं का परीक्षण किया गया। ब्रह्मोस ने अपेक्षा से भी ज्यादा शानदार प्रदर्शन करते हुए साबित किया कि भारतीय सेना लंबी दूरी से बिल्कुल सटीक प्रहार करने की क्षमता रखती है।
इस सफलता ने सुरक्षा विशेषज्ञों को यह विश्वास भी दिलाया है कि युद्ध के दौरान आवश्यक त्वरित प्रतिक्रिया, लक्ष्य भेदने की क्षमता और मिशन-कमांड स्ट्रक्चर भारतीय सेना के पूरी तरह नियंत्रण में है।
यह लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब भारत अपनी सीमाओं पर लगातार बदलते भू-रणनीतिक माहौल का सामना कर रहा है। सेना ने कहा कि यह परीक्षण एक स्पष्ट संदेश है कि भारत किसी भी उकसावे या खतरे का जवाब देने के लिए सतर्क, सक्षम और तैयार है।
ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें भारत की डिटरेंस स्ट्रेंथ को कई गुना बढ़ाती हैं और विरोधियों को स्पष्ट संकेत देती हैं कि भारत परंपरागत हो या आधुनिक युद्ध हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है।
इस लॉन्च ने एक बार फिर भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) को मजबूती से स्थापित किया है। ब्रह्मोस का उन्नत संस्करण, उसकी बढ़ी हुई रेंज और उन्नत मार्गदर्शन तकनीक भारतीय वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और सेना की संयुक्त क्षमता का परिणाम है।
स्वदेशी तकनीकों का निरंतर विस्तार भारत को न सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए सक्षम बना रहा है, बल्कि वैश्विक रक्षा विनिर्माण में भी नई पहचान दे रहा है। ब्रह्मोस की सफलता एक ऐसे भारत की तस्वीर पेश करती है जो आत्मविश्वास से भरा, तकनीकी रूप से सक्षम और भविष्य के युद्धक परिदृश्यों के लिए तैयार है।
कॉम्बैट-लॉन्च की सफलता ने भारतीय सेना की परिचालन तत्परता को नए स्तर पर स्थापित कर दिया है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह परीक्षण भारत के रणनीतिक ढांचे को मजबूत करता है चाहे वह समुद्र आधारित स्ट्राइक क्षमता हो, मल्टी-डोमेन वॉरफेयर हो या त्वरित प्रतिक्रिया तंत्र।
इस सफलता के साथ भारत ने न सिर्फ दुनिया को अपनी ताकत दिखाई है, बल्कि यह भी बताया है कि देश तकनीकी श्रेष्ठता और स्वदेशी सैन्य विकास की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
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