Mizoram: सड़क-विकास की बदहाली में अटका वोट, राष्ट्रीय दलों की मौजूदगी से मुश्किल में क्षेत्रीय पार्टियां
पहली बार वोट करने वाली रिशा कहती हैं, मैं उस सरकार को चुनना चाहूंगी जो हमारी मूलभूत सुविधाएं पूरी कर सके। युवाओं को उनके कॅरिअर को बढ़ाने के अवसर देने वाली हो। उच्च शिक्षा के लिए हमको बाहर नहीं जाना पड़े। अच्छी सड़कें हों, परिवहन सुव्यवस्थित हो।
विस्तार
अन्य राज्यों की तरह ही मिजोरम में भी चुनाव के मुख्य मुद्दे हैं-विकास और सड़कें। सड़कों की हालत बहुत दयनीय है। भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों में सबसे अधिक वार्षिक वृद्धि मिजोरम में दर्ज की गई है। लोग मानते हैं कि विकास की बात तब की जा सकती है जब सड़कें अच्छी हों। इसके अलावा म्यांमार से आए शरणार्थी, मणिपुर हिंसा, किसानों से वादे भी अन्य अहम मुद्दे हैं। यह भी मानना पड़ेगा कि लोग सत्तारूढ़ सरकार के कामों से बहुत खुश भी नहीं हैं। लेकिन सड़क और विकास प्रमुख मुद्दा है।
चुनाव विश्लेषक अजय कहते हैं कि विकास और सड़क मुख्य मुद्दे हैं। मिजोरम में सड़कों की हालत बेहद खस्ता है। सरकार को ध्यान देना चाहिए था। वे कहते हैं सरकार भले कहे कि इस दौरान कोविड काल, म्यांमार शरणार्थियों का मामला रहा या मणिपुर के विस्थापितों को संभालने में वक्त गुजरा लेकिन लोग इस बात को सुनने को शायद ही तैयार हों। विकास की रफ्तार उतनी नहीं रही, जितनी की होनी चाहिए। किसान भी सरकार से बहुत खुश नहीं है। ऐसा लगता है कि इस बार का चुनाव पिछले चुनावों से हटकर होगा। इस बार कुछ नया देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय पार्टियों के आने से इस बार क्षेत्रीय पार्टियां ज्यादा सजग हो गई हैं।
युवाओं की चिंता रोजगार
पहली बार वोट करने वाली रिशा कहती हैं, मैं उस सरकार को चुनना चाहूंगी जो हमारी मूलभूत सुविधाएं पूरी कर सके। युवाओं को उनके कॅरिअर को बढ़ाने के अवसर देने वाली हो। उच्च शिक्षा के लिए हमको बाहर नहीं जाना पड़े। अच्छी सड़कें हों, परिवहन सुव्यवस्थित हो।
हादसों में सर्वाधिक वार्षिक वृद्धि
यातायात अनुशासन के लिए मशहूर मिजोरम में सड़क हादसों की मौतों में भी देश में सबसे ज्यादा वृद्धि देखी गई है। हाल ही में जारी ‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं-2022’ की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई है। देश में कुल मिलाकर हर दिन 1,264 दुर्घटनाएं और 462 मौतें होती हैं या हर घंटे 53 दुर्घटनाएं और 19 मौतें होती हैं। मिजोरम में दुर्घटनाओं में 2021 में 56 लोगों की मौत हुई, जो 2022 में 113 हो गई, जिसमें 101.79% की वृद्धि दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि 57 लोगों की मौत ओवरस्पीडिंग के कारण हुई, 13 की मौत नशे में गाड़ी चलाने के कारण हुई, 9 की मौत गाड़ी चलाने के कारण हुई और बाकी की मौत अन्य कारणों से हुई।
ईसाइयों की मतगणना तिथि बदलने की मांग
चर्च, नागरिक समाज समूह और राजनीतिक दलों ने 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा के लिए आगामी चुनावों के लिए वोटों की गिनती की तारीख चुनाव आयोग से बदलने की मांग की है। पिछले महीने भी चर्च निकाय, राजनीतिक दलों और गैर सरकारी संगठनों ने संयुक्त रूप से चुनाव आयोग को मतगणना की तारीख को पुनर्निर्धारित करने के लिए लिखा था। मतगणना 3 दिसंबर को पड़ रहा है, जो ईसाई समुदाय के लिए एक पवित्र दिन है।
बदलाव से बचे
ओम सैनी, वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि कार्यकर्ताओं की नाराजगी से बचने के लिए कांग्रेस ने पुराने चेहरे नहीं बदले। कांग्रेस-भाजपा ने जिन सीटों पर चेहरे बदले, वहां विरोध है। वहीं, श्रीपाल सिंह शक्तावत, वरिष्ठ पत्रकार का कहना है कि जिस तरह से कुश्ती के दर्शक कमजोर पहलवान के साथ होते हैं। उसी तरह राजस्थान की जनता को बड़े चहरों को हराने में आनंद आता है। यहां बड़ी जातियों वाले नेता चुनाव हार जाते थे, जिनका जाति जनाधार कमजोर होता है, वो चुनाव जीत जाता है।