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Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने वाले वकीलों के लिए जारी की एसओपी, तेज होगी न्याय की प्रक्रिया
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली।
Published by: निर्मल कांत
Updated Tue, 30 Dec 2025 03:45 PM IST
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सार
Supreme Court: अदालत में प्रबंधन सुधारने और जल्दी न्याय देने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पेश होने वाले वकीलों के लिए एसओपी जारी की है। इसके तहत सभी वकीलों को तय समय-सीमा का सख्ती से पालन करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने सामने पेश होने वाले वकीलों के लिए दलीलें रखने और लिखित नोट जमा करने की समय-सीमा तय की। शीर्ष कोर्ट ने इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। इस कदम का मकसद कोर्ट के कामकाज को बेहतर बनाना और न्याय की प्रक्रिया को तेज करना है।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों ने सोमवार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें सभी मामलों में मौखिक दलीलों को तय समय में पूरा करने के लिए एसओपी तय की गई है।
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यह एसओपी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इस एसओपी के तहत कहा गया है कि नोटिस के बाद और नियमित सुनवाई वाले सभी मामलों में वरिष्ठ वकील, बहस करने वाले वकील या रिकॉर्ड पर वकील को सुनवाई शुरू होने से कम से कम एक दिन पहले मौखिक दलीलों की समय-सीमा जमा करनी होगी। यह जानकारी रिकॉर्ड पर वकील को दिए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिये माननीय न्यायालय को भेजी जाएगी।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ वकीलों समेत जो वकील बहस करने वाले होंगे, उन्हें रिकॉर्ड पर अपने वकील के जरिये अधिकतम पांच पन्नों की लिखित दलील जमा करनी होगी। साथ इसकी एक प्रति सुनवाई की तारीख से कम से कम तीन दिन पहले दूसरे पक्ष को देना अनिवार्य होगा।
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इसमें कहा गया है कि सभी वकीलों को तय समय-सीमा का सख्ती से पालन करना होगा और अपनी मौखिक दलीलें उसी समय के भीतर पूरी करनी होंगी। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के चार रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर किए हैं।
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मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और सुप्रीम कोर्ट के अन्य जजों ने सोमवार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें सभी मामलों में मौखिक दलीलों को तय समय में पूरा करने के लिए एसओपी तय की गई है।
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यह एसओपी तत्काल प्रभाव से लागू हो गई। इस एसओपी के तहत कहा गया है कि नोटिस के बाद और नियमित सुनवाई वाले सभी मामलों में वरिष्ठ वकील, बहस करने वाले वकील या रिकॉर्ड पर वकील को सुनवाई शुरू होने से कम से कम एक दिन पहले मौखिक दलीलों की समय-सीमा जमा करनी होगी। यह जानकारी रिकॉर्ड पर वकील को दिए गए ऑनलाइन पोर्टल के जरिये माननीय न्यायालय को भेजी जाएगी।
नोटिस में यह भी कहा गया है कि वरिष्ठ वकीलों समेत जो वकील बहस करने वाले होंगे, उन्हें रिकॉर्ड पर अपने वकील के जरिये अधिकतम पांच पन्नों की लिखित दलील जमा करनी होगी। साथ इसकी एक प्रति सुनवाई की तारीख से कम से कम तीन दिन पहले दूसरे पक्ष को देना अनिवार्य होगा।
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इसमें कहा गया है कि सभी वकीलों को तय समय-सीमा का सख्ती से पालन करना होगा और अपनी मौखिक दलीलें उसी समय के भीतर पूरी करनी होंगी। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट के चार रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर किए हैं।