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AI Plane Crash: पायलट के पिता की याचिका पर केंद्र-DGCA से जवाब तलब, SC ने कहा- आपके बेटे पर कोई आरोप नहीं
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: पवन पांडेय
Updated Fri, 07 Nov 2025 12:17 PM IST
सार
Supreme Court On AI Plane Crash: एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए पायलट के पिता की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने उनसे कहा कि वे खुद पर बोझ न डालें। वहीं कोर्ट ने मामले में केंद्र और डीजीसीए को नोटिस भेजा है।
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एअर इंडिया विमान हादसे पर सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब
- फोटो : ANI
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विस्तार
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए पायलट के पिता की स्वतंत्र जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और डीजीसीए से जवाब तलब किया है। वहीं इस मामले में कोर्ट ने मृत पायलट के पिता से साफ कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। कोर्ट ने पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता से कहा कि उनके बेटे को हादसे के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है, और उन्हें खुद पर इसका बोझ नहीं लेना चाहिए।
केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा, 'आपको खुद पर बोझ नहीं लेना चाहिए। पायलट को इस हादसे के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। यह एक दुर्घटना थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी उनके खिलाफ कोई संकेत नहीं है।' पायलट के पिता पुष्कराज सभरवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने दलील दी कि एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित एक खबर में पायलट पर आरोप लगाने की कोशिश की गई थी। इस पर अदालत ने कहा, 'वह तो भारत को बदनाम करने वाली रिपोर्ट थी।'
यह भी पढ़ें - SIR: डीएमके की याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हुआ सुप्रीम कोर्ट, तमिलनाडु में एसआईआर पर रोक लगाने की है मांग
'AAIB की रिपोर्ट में पायलट को नहीं बताया गया दोषी'
अदालत ने 12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि उसमें कहीं भी पायलट को दोषी नहीं बताया गया है। रिपोर्ट में केवल दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। पीठ ने स्पष्ट किया, 'एएआईबी का काम किसी को दोषी ठहराना नहीं बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय सुझाना है। जरूरत पड़ी तो हम यह स्पष्ट कर देंगे कि पायलट को दोषी नहीं माना जा सकता।' अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
पायलट के पिता ने दायर की थी याचिका
पिछले महीने पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस हादसे की जांच पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की थी। उनकी याचिका में कहा गया कि 'अधूरी या पक्षपाती जांच न केवल इस हादसे के असली कारणों को छिपाएगी, बल्कि भविष्य के यात्रियों की जान को भी खतरे में डालेगी। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिलने वाले जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।'
हादसे में पायलट और को-पायलट की हुई मौत
याचिका में केंद्र सरकार, डीजीसीए और एएआईबी को पक्षकार बनाया गया है और एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है, जिसमें तकनीकी और विमानन विशेषज्ञ भी शामिल हों। याचिका के अनुसार, विमान का आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) भी सक्रिय नहीं हुआ था। इस हादसे में पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट कैप्टन क्लाइव कुंदर दोनों की मौके पर मौत हो गई थी।
यह भी पढ़ें - 150 Yrs of Vande Mataram: पीएम मोदी बोले- 1937 में विभाजन के बीज बोए गए, वही सोच आज भी देश के लिए बड़ी चुनौती
अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसा
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस हादसे के दौरान विमान में कुल 241 लोग (229 यात्री, 12 क्रू सदस्य) सवार थे। इस भीषण विमान हादसे में कुल 261 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 241 यात्री और क्रू सदस्य के साथ-साथ जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग भी मारे गए थे। हालांकि चमत्कारिक रूप से विमान में सवार एक यात्री बच गया था।
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केंद्र सरकार और डीजीसीए को नोटिस जारी
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मामले में केंद्र सरकार और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा, 'आपको खुद पर बोझ नहीं लेना चाहिए। पायलट को इस हादसे के लिए दोषी नहीं ठहराया गया है। यह एक दुर्घटना थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी उनके खिलाफ कोई संकेत नहीं है।' पायलट के पिता पुष्कराज सभरवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने दलील दी कि एक अमेरिकी अखबार में प्रकाशित एक खबर में पायलट पर आरोप लगाने की कोशिश की गई थी। इस पर अदालत ने कहा, 'वह तो भारत को बदनाम करने वाली रिपोर्ट थी।'
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'AAIB की रिपोर्ट में पायलट को नहीं बताया गया दोषी'
अदालत ने 12 जुलाई को विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की प्रारंभिक रिपोर्ट का हवाला दिया और कहा कि उसमें कहीं भी पायलट को दोषी नहीं बताया गया है। रिपोर्ट में केवल दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। पीठ ने स्पष्ट किया, 'एएआईबी का काम किसी को दोषी ठहराना नहीं बल्कि भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के उपाय सुझाना है। जरूरत पड़ी तो हम यह स्पष्ट कर देंगे कि पायलट को दोषी नहीं माना जा सकता।' अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 नवंबर को होगी।
पायलट के पिता ने दायर की थी याचिका
पिछले महीने पुष्कराज सभरवाल और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस हादसे की जांच पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की मांग की थी। उनकी याचिका में कहा गया कि 'अधूरी या पक्षपाती जांच न केवल इस हादसे के असली कारणों को छिपाएगी, बल्कि भविष्य के यात्रियों की जान को भी खतरे में डालेगी। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मिलने वाले जीवन के अधिकार का उल्लंघन है।'
हादसे में पायलट और को-पायलट की हुई मौत
याचिका में केंद्र सरकार, डीजीसीए और एएआईबी को पक्षकार बनाया गया है और एक स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित करने की मांग की गई है, जिसमें तकनीकी और विमानन विशेषज्ञ भी शामिल हों। याचिका के अनुसार, विमान का आपातकालीन लोकेटर ट्रांसमीटर (ईएलटी) भी सक्रिय नहीं हुआ था। इस हादसे में पायलट-इन-कमांड कैप्टन सुमीत सभरवाल और को-पायलट कैप्टन क्लाइव कुंदर दोनों की मौके पर मौत हो गई थी।
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अहमदाबाद में एअर इंडिया विमान हादसा
12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रही थी, दुर्घटना का शिकार हो गई थी। इस हादसे के दौरान विमान में कुल 241 लोग (229 यात्री, 12 क्रू सदस्य) सवार थे। इस भीषण विमान हादसे में कुल 261 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें 241 यात्री और क्रू सदस्य के साथ-साथ जमीन पर मौजूद 19 अन्य लोग भी मारे गए थे। हालांकि चमत्कारिक रूप से विमान में सवार एक यात्री बच गया था।