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प्रधानमंत्री की एक रैली के बाद बदल जाएगी राजस्थान की हवा- श्याम जाजू
अमित शर्मा, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 18 Nov 2018 10:17 PM IST
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pm modi
- फोटो : PTI
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लोकसभा चुनाव 2019 के पहले पांच राज्यों का चुनाव बेहद अहम है। भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष शयाम जाजू से इन चुनावों सहित अनेक मुद्दों पर हमारे संवाददाता अमित शर्मा ने बातचीत की। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश---
श्याम जाजू जी, पांच राज्यों के चुनाव चल रहे हैं। एक चरण का चुनाव हो भी चुका है। अब आप भाजपा की क्या संभावनाएं देखते हैं?
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हमारी वापसी तय है। तेलंगाना में पार्टी मजबूत होगी और लोकसभा चुनाव में हमें इसकी मदद मिलेगी। मिजोरम से कांग्रेस का सफाया होगा और पूरा पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त हो जाएगा।
राजस्थान में परिस्थितियां आपके खिलाफ बताई जा रही हैं। मुख्यमंत्री वसुंधराराजे के खिलाफ लोगों में गुस्सा है?
देखिए, राजस्थान सरकार ने बेहद अच्छा काम किया है। सड़कों से लेकर पानी की व्यवस्था तक में सरकार ने एक मिसाल कायम की है। लेकिन आप कह सकते हैं कि शासन के कुछ समय के बाद जनता की सरकार से कुछ अपेक्षाएं हो जाती हैं, और कुछ बातें अपने अनुकूल न होने पर लोगों में नाराजगी हो जाती है। यह हमारे स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है। लेकिन जब यही लोग समग्र रुप से विचार कर वोट करने के लिए जाएंगे तो राजस्थान के लिए भाजपा के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। ध्यान रखें कि अभी भी हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने वहां प्रचार नहीं किया है। उनकी एक रैली होने के बाद सारा माहौल बदल जाएगा।
मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस आपको कड़ी टक्कर दे रही है?
(हंसते हुए) आप किससे टक्कर की बात कह रहे हैं। कांग्रेस नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दूसरी तरफ, मध्यप्रदेश के लोगों ने अपने राज्य को बीमारु राज्यों की कैटेगरी से बाहर निकलते हुए देखा है। गड्ढों से होकर शानदार राजमार्ग बनते देखा है। मुझे कतई नहीं लगता कि शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस कोई टक्कर दे पाएगी।
आप दिल्ली के भी प्रभारी हैं। यहीं पर पार्टी में पूर्वांचलियों के साथ भेदभाव का मुद्दा लगातार उठ रहा है। क्या कहेंगे?
क्या आपने दिल्ली के किसी स्टेशन से सारे पूर्वांचलियों को यहां से जाते देखा है? नहीं। ऐसे में किसी एक व्यक्ति की किसी दूसरे व्यक्ति से नाराजगी को पार्टी के बड़े स्तर पर नहीं माना जाना चाहिए। कुछ शिकायतें आईं थीं। हमने एक उचित मंच से बात की जांच करवाई। सामने आया कि कहीं कुछ नहीं था। बेवजह बात को हवा दी जा रही थी। आपने देखा कि छठ पूजा के दौरान पूर्वांचल के लोगों की सबसे ज्यादा सेवा भाजपा ने की। इससे साबित होता है कि पूर्वांचल के लोग सबसे ज्यादा भाजपा से जुड़े हैं।
आपके ऊपर उत्तराखंड की भी जिम्मेदारी हैं जहां निकाय चुनाव चल रहे हैं?
आज मैं सीधे उत्तराखंड से ही आ रहा हूं। पार्टी के लिए बहुत ही अच्छा माहौल है। आप देखेंगे कि इस बार हम सातों नगर निगमों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहेंगे।
पांचों राज्यों के चुनाव का जो भी परिणाम होंगे, क्या उसे नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर जनता की रायशुमारी के रुप में देखा जाएगा?
अभी मैं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई जगह घूम कर आया हूं। मुझे लगा कि जनता में प्रधानमंत्री के प्रति स्नेह लगातार बढ़ा है। लेकिन जहां तक मुद्दों की बात है, लोग स्थानीय स्तर पर मिली योजनाओं के फायदे के बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं। इसके साथ केंद्र की योजनाओं की भी खूब चर्चा हो रही है।
चुनाव परिणामों का श्रेय किसके खाते में जाएगा?
आपने हमेशा देखा है कि हमारे अध्यक्ष सामूहिक कार्य और सामूहिक जिम्मेदारी की बात करते हैं। जीत में ऊपर से लेकर नीचे तक हमारे हर कार्यकर्ता की भूमिका है, हम ऐसा मानते हैं।
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श्याम जाजू जी, पांच राज्यों के चुनाव चल रहे हैं। एक चरण का चुनाव हो भी चुका है। अब आप भाजपा की क्या संभावनाएं देखते हैं?
मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हमारी वापसी तय है। तेलंगाना में पार्टी मजबूत होगी और लोकसभा चुनाव में हमें इसकी मदद मिलेगी। मिजोरम से कांग्रेस का सफाया होगा और पूरा पूर्वोत्तर कांग्रेस मुक्त हो जाएगा।
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राजस्थान में परिस्थितियां आपके खिलाफ बताई जा रही हैं। मुख्यमंत्री वसुंधराराजे के खिलाफ लोगों में गुस्सा है?
देखिए, राजस्थान सरकार ने बेहद अच्छा काम किया है। सड़कों से लेकर पानी की व्यवस्था तक में सरकार ने एक मिसाल कायम की है। लेकिन आप कह सकते हैं कि शासन के कुछ समय के बाद जनता की सरकार से कुछ अपेक्षाएं हो जाती हैं, और कुछ बातें अपने अनुकूल न होने पर लोगों में नाराजगी हो जाती है। यह हमारे स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है। लेकिन जब यही लोग समग्र रुप से विचार कर वोट करने के लिए जाएंगे तो राजस्थान के लिए भाजपा के अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं है। ध्यान रखें कि अभी भी हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने वहां प्रचार नहीं किया है। उनकी एक रैली होने के बाद सारा माहौल बदल जाएगा।
मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस आपको कड़ी टक्कर दे रही है?
(हंसते हुए) आप किससे टक्कर की बात कह रहे हैं। कांग्रेस नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद ही एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। दूसरी तरफ, मध्यप्रदेश के लोगों ने अपने राज्य को बीमारु राज्यों की कैटेगरी से बाहर निकलते हुए देखा है। गड्ढों से होकर शानदार राजमार्ग बनते देखा है। मुझे कतई नहीं लगता कि शिवराज सिंह चौहान को कांग्रेस कोई टक्कर दे पाएगी।
आप दिल्ली के भी प्रभारी हैं। यहीं पर पार्टी में पूर्वांचलियों के साथ भेदभाव का मुद्दा लगातार उठ रहा है। क्या कहेंगे?
क्या आपने दिल्ली के किसी स्टेशन से सारे पूर्वांचलियों को यहां से जाते देखा है? नहीं। ऐसे में किसी एक व्यक्ति की किसी दूसरे व्यक्ति से नाराजगी को पार्टी के बड़े स्तर पर नहीं माना जाना चाहिए। कुछ शिकायतें आईं थीं। हमने एक उचित मंच से बात की जांच करवाई। सामने आया कि कहीं कुछ नहीं था। बेवजह बात को हवा दी जा रही थी। आपने देखा कि छठ पूजा के दौरान पूर्वांचल के लोगों की सबसे ज्यादा सेवा भाजपा ने की। इससे साबित होता है कि पूर्वांचल के लोग सबसे ज्यादा भाजपा से जुड़े हैं।
आपके ऊपर उत्तराखंड की भी जिम्मेदारी हैं जहां निकाय चुनाव चल रहे हैं?
आज मैं सीधे उत्तराखंड से ही आ रहा हूं। पार्टी के लिए बहुत ही अच्छा माहौल है। आप देखेंगे कि इस बार हम सातों नगर निगमों पर जीत हासिल करने में कामयाब रहेंगे।
पांचों राज्यों के चुनाव का जो भी परिणाम होंगे, क्या उसे नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज पर जनता की रायशुमारी के रुप में देखा जाएगा?
अभी मैं मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कई जगह घूम कर आया हूं। मुझे लगा कि जनता में प्रधानमंत्री के प्रति स्नेह लगातार बढ़ा है। लेकिन जहां तक मुद्दों की बात है, लोग स्थानीय स्तर पर मिली योजनाओं के फायदे के बारे में ज्यादा बात कर रहे हैं। इसके साथ केंद्र की योजनाओं की भी खूब चर्चा हो रही है।
चुनाव परिणामों का श्रेय किसके खाते में जाएगा?
आपने हमेशा देखा है कि हमारे अध्यक्ष सामूहिक कार्य और सामूहिक जिम्मेदारी की बात करते हैं। जीत में ऊपर से लेकर नीचे तक हमारे हर कार्यकर्ता की भूमिका है, हम ऐसा मानते हैं।