एसआईआर: देश के 12 राज्यों में 37 करोड़ वोटरों ने लिया प्रपत्र, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में हो रहा इसका विरोध
देश के 12 राज्यों में एसआईआर के दूसरे चरण में अब तक 50.69 करोड़ मतदाता प्रपत्र मुद्रित किए गए, 37.05 करोड़ वितरित हो चुके हैं। लक्षद्वीप ने 100% वितरण पूरा किया, गोवा 99.99% और तमिलनाडु 78.09% तक पहुंचा। चुनाव आयोग का लक्ष्य कोई वैध मतदाता न छूटे और अवैध मतदाता न जुड़ें, जबकि कुछ राज्य जैसे पश्चिम बंगाल व तमिलनाडु विरोध कर रहे हैं।
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देश के 12 राज्यों में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दूसरे चरण में एक और रिकॉर्ड आयोग ने अपने नाम किया है। इसके तहत 12 नवंबर तक 37 करोड़ मतदाताओं को गणना प्रपत्र- ईएफ वितरित किए गए हैं। आयोग ने कहा कि कोई वैध मतदाता छूटे न और अवैध मतदाता जुड़े न इस भावना के साथ आयोग काम कर रहा है। यद्यपि पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु जैसे राज्य इसका विरोध कर रहे हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 50.69 करोड़ ईएफ मुद्रित किए गए हैं।
इस तरह से मुद्रण का काम 99.41 फीसदी पूरा हो गया है। इसमें से 72.66 प्रतिशत 37.05 करोड़ वितरित किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक देश के 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में विशेष गहन पुनरीक्षण शुरु किया है।
इसमें तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, गोवा जैसे राज्य और लक्षद्वीप सरीखे केंद्र शासित प्रदेश ने लगभग पूर्ण कवरेज हासिल कर लिया है। इसमें लक्षद्वीप ने सौ फीसदी मुद्रण और वितरण का लक्ष्य हासिल किया है। गोवा ने 99.99 फीसदी, पुडुचेरी ने 93.4 प्रतिशत, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ने 89.22 फीसदी, गुजरात ने 4.47 करोड़ यानी 88.08 फीसदी, तमिलनाडु ने 5 करोड़ से ज्यादा यानी 78.09 प्रतिशत गणना प्रपत्र वितरित किए हैं।
उत्तर प्रदेश में 10.8 करोड़ फॉर्म बांटे गए
बात करें सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की तो यहां 10.8 करोड़ गणना प्रपत्र वितरित हुए हैं। इसमें करीब 70 फीसदी कवर हुए हैं। मध्य प्रदेश में धीमी गति के साथ 53 फीसदी और राजस्थान 70 फीसदी के साथ दूसरे स्थान पर है। वहीं चुनावी राज्य और एसआईआर का विरोध कर रहे पश्चिम बंगाल में 6.80 करोड़ गणना प्रपत्र बांटे गए हैं। यह 88.8 फीसदी है। इसमें प्रत्येक पात्र मतदाता तक पहुंच बनाने के लिए चुनाव आयोग ने 5.33 लाख से ज्यादा बूथ स्तर के अधिकारी- बीएलओ, 7.64 लाख बूथ स्तरीय एजेंट- बीएलए तैनात किए गए हैं।
एक भी पात्र मतदाता छूटे न और अपात्र जुड़े न...
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से कहा है कि वह अपने मतदाताओं की विश्वसनीयता के लिए अपने बूथ स्तर के एजेंट बढ़ाए जिससे एक भी पात्र मतदाता छूटे नहीं और अपात्र जुड़े नहीं। इससे मतदाता सूचियों की सटीकता बढ़ेगी और क्षेत्रीय सत्यापन मजबूत होगा।
बिहार चुनाव में पुनर्मतदान नहीं निर्वाचन आयोग ने बताई ऐतिहासिक उपलब्धि
निर्वाचन आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में भी किसी मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान की आवश्यकता नहीं पड़ी। आयोग ने कहा कि यह राज्य के हालिया इतिहास में पहली बार है जब दो चरणों के मतदान में एक भी पुनर्मतदान नहीं हुआ। आयोग के अनुसार, यह रुझान चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और तकनीकी सुधारों का परिणाम है। उल्लेखनीय है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में बिहार में 96 केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ था।