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Solar Eclipse 2020: सदी का दूसरा सबसे दुर्लभ सूर्यग्रहण, इन बातों का रखें ख्याल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: संदीप भट्ट Updated Sun, 21 Jun 2020 11:00 AM IST
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Solar Eclipse 2020 Tips on how to safely watch the ring of fire
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आज लगा सूर्यग्रहण कई मामलों में अनूठा है, लेकिन इस खागोलीय घटना को देखने के लिए आपको पूरी सावधानी बरतनी होगी। आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान (एरीज) के मुताबिक यह ग्रहण भी वलय (रिंग) रूप में उत्तर भारत में सिर्फ 21 किमी चौड़ी एक पट्टी में ही नजर आएगा। अन्यत्र यह आंशिक ग्रहण की तरह ही दिखेगा। वलय की अधिकतम अवधि मात्र 38 सेकंड रहेगी। इस सदी के बीते 20 वर्षों में भारत से 5 सूर्यग्रहण जो 2005, 2006, 2009, 2010, 2019 में नजर आए। जो बात इस ग्रहण को बेहद दुर्लभ बनाती है वह यह है कि इसके बाद भारत से इस शताब्दी में सिर्फ तीन सूर्यग्रहण और दिखाई देंगे वे भी लंबे अंतरालों के बाद। 

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आज का ग्रहण मिलाकर 20 वर्ष में कुल छह ग्रहण हो जाएंगे, जो एक से लेकर नौ वर्ष तक के अंतराल में पड़ते रहे। इसके चलते देशवासियों के लिए यह एक दुर्लभ घटना नहीं रही लेकिन इसके बाद पूरी इक्कीसवीं सदी में सिर्फ 3 सूर्यग्रहण भारत से नजर आएंगे वे भी क्रमश: 14, 30 और 21 वर्ष के अंतराल में पड़ेंगे। 
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भारत से नजर आने वाला अगला पूर्ण सूर्यग्रहण 2034 में होगा 

एरीज के मुताबिक भारत से नजर आने वाला अगला सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 को पड़ेगा, जो कि एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा और भारत इस दुर्लभ घटना का गवाह बनेगा। उसके बाद भारत से अगला सूर्यग्रहण 17 फरवरी 2064 को नजर आएगा और इस सदी का भारत से नजर आने वाला अंतिम सूर्यग्रहण 22 जून, 2085 को पड़ेगा। 

100 साल में दूसरा सबसे बड़ा सूर्यग्रहण, कब और कहां

इस वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण शनिवार को होगा। आषाढ़ अमावस्या पर होने वाले इस दुर्लभ चूड़ामणि ग्रहण को पूरे देश में देखा जा सकेगा। दिल्ली में ग्रहण सुबह 10:25 बजे शुरू होगा। वहीं, 12:20 बजे ग्रहण का मध्यकाल, यानि सबसे ज्यादा प्रभाव होगा। इस दौरान सूर्य चमकदार अंगूठी की तरह दिखेगा। वहीं, 1:54 बजे ग्रहण समाप्त होगा। भारत के अलावा ग्रहण एशिया और दक्षिण-पूर्व यूरोप में दिखाई देगा। सौ साल में दूसरी बार होने वाला ऐसा ग्रहण अब 25 अक्तूबर, 2022 को लगेगा। हालांकि यह आंशिक होगा। मुंबई स्थित नेहरू तारामंडल के निदेशक अरविंद परांजपे ने कहा,इस दुर्लभ खगोलीय घटना को खुली आंखों से देखना नुकसानदेह हो सकता है।

आकाश में सूर्यग्रहण के समय दिखेगी दो मीटर नीली लाइन

हरियाणा साइंस एवं तकनीकी विभाग के महानिदेशक डॉ. प्रवीण, केंद्र सरकार से आए वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अरविंद, डॉ. पुरुषोत्तम सहित कई अन्य वैज्ञानिक शनिवार को ब्रह्मसरोवर पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि कुरुक्षेत्र में सूर्यग्रहण का मुख्य केंद्र रहेगा। यह टीम शोध के लिए ब्रह्मसरोवर और आसपास के क्षेत्र में दो टेलीस्कोप लगाएगी। टेलीस्कोप वहां पर स्थापित किए जाएंगे जहां पर आकाश में सूर्यग्रहण के समय दो मीटर नीली लाइन नजर आएगी।

इंडिया साइंस के सोशल लिंक पर विदेशों में सीधा प्रसारण

डॉ. प्रवीण ने बताया कि कंगनाकार सूर्यग्रहण का सीधा प्रसारण इंडिया साइंस द्वारा कुरुक्षेत्र से किया जाएगा। इसके अलावा विख्यात धार्मिक टीवी चैनलों, न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से भी सीधा प्रसारण होगा।

कहां दिखाई देगा वलयाकार सूर्य ग्रहण

देहरादून, सिरसा तथा टिहरी कुछ प्रसिद्ध शहर हैं, जहां पर वलयाकार सूर्यग्रहण दिखाई देगा। जयपुर सहित नई दिल्ली, चंडीगढ़, मुम्बई, कोलकाता, हैदराबाद, बंगलौर, लखनऊ, चेन्नई, शिमला कुछ प्रसिद्ध शहर हैं, जहां से आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।

एरीज के फेसबुक पेज, जूम एप पर देखें सूर्यग्रहण

आज होने वाली सूर्य ग्रहण की घटना को आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान (एरीज) के वैज्ञानिक संस्थान के फेसबुक पेज और जूम एप की मदद से लाइव दिखाएंगे। आप घर बैठे ही ग्रहण के नजारे देख सकते हैं। ग्रहण सुबह 10:25 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:54 बजे खत्म होगा। एरीज के निदेशक डॉ. दीपांकर बनर्जी ने बताया कि खगोल प्रेमियों को सूर्य ग्रहण को फेसबुक पेज पर लाइव दिखाने के लिए एरीज ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।  

सूर्यग्रहण के दौरान क्या करें?

  • सूर्य ग्रहण के लिए बने चश्मे (आईएसओ प्रमाणित) या कैमरे में उचित फिल्टर लगाकर ही ग्रहण को देखें।
  • पिन होल कैमरे या टेलीस्कोप से परदे पर ग्रहण का प्रतिबिंबित देख सकते हैं।
  • वैज्ञानिकों के अनुसार ग्रहण के दौरान खाना, पीना, नहाने और बाहर जाने में कोई हानि नहीं है। 
  • इस भव्य एवं दुर्लभ घटना का अवलोकन सुरक्षित तरीके से करें। सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें।
  • सूर्य को सीधे कोरी आंखों से न देखें और ग्रहण को एक्स-रे फिल्म या साधारण चश्मे से भी नहीं देखना चाहिए। 
  • पेंट किए हुए शीशे से भी ग्रहण को देखना सुरक्षित नहीं है।
  • धूप के चश्मे, एक्स-रे शीट से न देखें सूर्यग्रहण, पानी में देखने से भी जाेखिम, आंखें हो सकती हैं खराब
  • इसे सीधे देखने से आंखाें काे नुकसान हाे सकता है। इसे देखने के लिए धूप के चश्मे, काले चश्मे, एक्सरे शीट या लैंप की लाै से काले किए गए शीशे का उपयाेग न करें। इससे आंखों को भारी नुकसान हो सकता है।
  • सूर्यग्रहण ऐसे देखें- एक कार्ड शीट में पिनहोल करें। नीचे सफेद कागज रखें। पिनहाेल के जरिए कागज पर सूर्य की छवि देख सकते हैं।
  • सीधे देखने के लिए विशेष चश्मे या वेल्डर ग्लास #13 या #14 इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • मेकअप किट मिरर को काले कागज से ढंक दें। बीच में छेद करें। इस पर पड़ने वाली किरणों से दीवार पर प्रतिबिंब देख सकते हैं।

कब होता है सूर्य ग्रहण

पूर्ण सूर्य ग्रहण उस समय लगता है जब सूर्य और चंद्रमा का एक- दूसरे का एक दूसरे से सामना होता है लेकिन चंद्रमा का आकार तुलनात्मक रूप से छोटा होने के कारण सूर्य एक चमकती हुई अंगूठी की तरह नजर आता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण केवल उत्तरी भारत के कुछ जगहों पर ही दिखेगा जबकि देश के बाकी हिस्सों में यह आंशिक रूप से नजर आएगा।

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