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विपक्षी दलों की बैठक में नीट-जेईई परीक्षा आयोजन का विरोध, जा सकते हैं सुप्रीम कोर्ट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Sneha Baluni Updated Wed, 26 Aug 2020 10:33 PM IST
सार

  • नीट और जेईई परीक्षा के आयोजन को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक
  • परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ हैं ये मुख्यमंत्री, कोरोना वायरस महामारी को लेकर हैं चिंतित
  • बनर्जी ने कही सुप्रीम कोर्ट जाने की बात, सोरेन ने कहा पहले पीएम या राष्ट्रपति से मिलना बेहतर
  • सोनिया गांधी ने जताई नई शिक्षा नीति को लेकर चिंता, ईआईए ड्राफ्ट को बताया अलोकतांत्रिक
  • गहलोत ने कहा, कोरोना महामारी के चलते राज्यों की खराब वित्तीय स्थिति को बनाना होगा मुद्दा

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मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करतीं सोनिया गांधी - फोटो : Congress
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विस्तार
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कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को केंद्र सरकार पर राज्यों के बकाया जीएसटी और नीट-जेईई परीक्षा के आयोजन को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई। इसमें शामिल सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रदेशों के अधिकारों के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट होने पर जोर दिया। राज्यों ने कहा कि कोरोना संकट के कारण राज्यों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार को जीएसटी के मुआवजे का पूरा भुगतान करना चाहिए।

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बैठक में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश को लिए होने वाली नीट और जेईई की परीक्षाओं को आयोजित किए जाने के फैसले का विरोध किया गया और ये परीक्षाएं स्थगित करने की मांग की गई। बैठक में मौजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने परीक्षाएं स्थगित करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही। वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परीक्षा आयोजित करने से बच्चों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने के खतरे का मुद्दा उठाया। 





सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणसामी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिस्सा लिया। इस दौरान सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को पिछले चार महीने से जीएसटी का भुगतान न करने को केंद्र सरकार का छल बताया।

बता दें कि देश में मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा नीट (NEET) और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए होने वाली जेईई (JEE) परीक्षा को एक सितंबर से कराने का निर्णय किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इन परीक्षाओं के आयोजन को अनुमति दे दी है। दूसरी ओर, 27 अगस्त को जीएसटी काउंसिल की बैठक आयोजित होनी है और केंद्र सरकार ने राज्यों की हिस्सेदारी नहीं चुकाई है। गैर एनडीए शासित राज्यों में इससे चिंता है।

राज्यों की खराब वित्तीय स्थिति को बनाएं मुद्दा : गहलोत
बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना वायरस महामारी के चलते राज्यों की खराब वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई और इसे बड़ा मुद्दा बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने सोनिया गांधी से कहा कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्रियों के साथ राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री से मुलाकात करें।

गहलोत ने सोनिया से कहा, 'पहले भी जब अकाल या सूखा पड़ा था तो आप हम सभी मुख्यमंत्रियों को लेकर प्रधानमंत्री वाजपेयी के पास गई थीं, उसका बड़ा असर पड़ा था। वक्त आ गया है, जितने भी मुख्यमंत्री हैं, हम सब आपके साथ चलें और या तो प्रधामंत्री से मिलकर अपनी बात कहें या राष्ट्रपति से मिलें।’

उन्होंने कहा, 'हमें इसे मुद्दा बनाना पड़ेगा। मुद्दा बनाए बगैर मैं समझता हूं, ये ध्यान देने वाले नहीं हैं। जितना हम बोल रहे हैं, उससे ज्यादा विकट स्थिति है। हमें चिंता हो रही है कि आने वाले वक्त में अगर भारत सरकार ने समय रहते हुए कदम नहीं उठाए तो स्थिति और बिगड़ सकती है।'

'बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में हम क्या करेंगे?'
उद्धव ठाकरे ने अमेरिका में स्कूल-कॉलेज खोले जाने पर बनी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, 'अमेरिका से एक रिपोर्ट आई थी कि जब वहां स्कूल खोले गए थे तो लगभग 97,000 बच्चे कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए थे। अगर ऐसी स्थिति यहां बन गई तब हम क्या करेंगे?' ठाकरे ने कहा, 'हमें यह तय करना चाहिए कि हमें डरना है या लड़ना है।' 

ममता बनर्जी ने किया सुप्रीम कोर्ट जाने का आह्वान
ममता बनर्जी ने बैठक में कहा, 'मेरा सभी राज्य सरकारों से अनुरोध है कि हमें साथ मिलकर काम करना होगा। आइए हम साथ में सर्वोच्च न्यायालय जाते हैं और परीक्षा को तब तक के लिए स्थगित करवा देते हैं जब तक कि स्थिति छात्रों के परीक्षा में बैठने लायक नहीं हो जाती।'

कोर्ट जाने से पहले पीएम या राष्ट्रपति से मिलें : सोरेन
बनर्जी ने कहा, परीक्षाएं सितंबर में हैं। छात्रों के जीवन को खतरे में क्यों डाला जाए? हमने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है, लेकिन अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है। , कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बनर्जी का समर्थन किया तो हेमंत सोरेन ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाने से पहले हमें प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के पास जाना चाहिए। सोरेन ने कहा कि सत्ताधारी पार्टी एजेंसियों का विपक्ष का खिलाफ इस्तेमाल कर रही है और संघीय ढांचे को अनदेखा कर रही है।

परीक्षाएं हुईं तो बढ़ेंगे संक्रमण के मामले : नारायणसामी
नारायणसामी ने कहा, परीक्षाओं का आयोजन करने से देश में कोविड-19 मीमलों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो भारत सरकार इसके लिए जिम्मेदार होगी। हम इस मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ यह लड़ाई मिलकर लड़ेंगे। 

सोनिया गांधी ने जताई नई शिक्षा नीति पर चिंता
बैठक में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित कर सकती हैं क्योंकि यह हमारे लिए एक झटका है। छात्रों और परीक्षाओं से संबंधित अन्य समस्याओं का भी ठीक तरह से निपटारा नहीं किया जा रहा है।'

राज्यों को चार महीने से नहीं मिली जीएसटी क्षतिपूर्ति
गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सोनिया ने कहा, '11 अगस्त को वित्त की स्थायी समिति की बैठक में, वित्त सचिव ने कहा कि केंद्र वर्तमान वर्ष में जीएसटी के 14 फीसदी का अनिवार्य भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार का राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं है।' भूपेश बघेल ने कहा, केंद्र ने राज्यों को पिछले चार महीने से जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान नहीं किया है। आज स्थिति भयावह हो गई है। 

केंद्र ने राज्य सरकारों को कुचल दिया : सोनिया
बनर्जी ने कहा, 'सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं।' वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून का मसौदा अलोकतांत्रिक है। मोदी सरकार ने पर्यावरण, लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा वाले कानूनों को कमजोर किया है।

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