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Supreme Court: वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सीपीसीबी से तीन हफ्ते में मांगा प्लान
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Wed, 17 Sep 2025 01:47 PM IST
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सार
सर्दी का मौसम आने वाला है और सर्दी के मौसम में होने वाला प्रदूषण डरा रहा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाया है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स और राज्य सरकारों से प्रदूषण से निपटने की योजना मांगी है।

सुप्रीम कोर्ट
- फोटो : एएनआई
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विस्तार
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को निर्देश दिया कि वे तीन हफ्तों के भीतर वायु प्रदूषण से निपटने की योजना पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह योजना सर्दियों के मौसम की शुरुआत से पहले मांगी है, जब प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्तियों को लेकर भी नाराजगी जाहिर की और राज्यों की खिंचाई।
रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों को तीन महीने के भीतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स में रिक्त पदों को भरने को कहा। पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को भी अपने यहां रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए। हालांकि अदालत ने पदोन्नति के पदों को भरने के लिए छह महीने का समय दिया।
ये भी पढ़ें- Chhota Rajan: सुप्रीम कोर्ट ने 2001 के हत्याकांड में छोटा राजन की जमानत रद्द की; सीबीआई की अपील स्वीकारी
राज्यों को लगाई फटकार
बता दें कि सीएक्यूएम केंद्र द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय है और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उसके आसपास के क्षेत्रों, जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्से शामिल हैं, में वायु गुणवत्ता का प्रबंधन और सुधार करना है। पीठ इन प्राधिकरणों में रिक्त पदों को भरने से संबंधित एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी। अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में लंबे समय से लंबित रिक्तियों को भरने में विफल रहने के लिए राज्यों की कड़ी आलोचना की और कहा कि प्रदूषण के मौसम में मानव संसाधन की कमी पर्यावरणीय संकट को और बढ़ा देते हैं।

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रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्यों को तीन महीने के भीतर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड्स में रिक्त पदों को भरने को कहा। पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) को भी अपने यहां रिक्त पदों को भरने के निर्देश दिए। हालांकि अदालत ने पदोन्नति के पदों को भरने के लिए छह महीने का समय दिया।
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बता दें कि सीएक्यूएम केंद्र द्वारा गठित एक वैधानिक निकाय है और इसका मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और उसके आसपास के क्षेत्रों, जिनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ हिस्से शामिल हैं, में वायु गुणवत्ता का प्रबंधन और सुधार करना है। पीठ इन प्राधिकरणों में रिक्त पदों को भरने से संबंधित एक स्वतः संज्ञान याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले की अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी। अदालत ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में लंबे समय से लंबित रिक्तियों को भरने में विफल रहने के लिए राज्यों की कड़ी आलोचना की और कहा कि प्रदूषण के मौसम में मानव संसाधन की कमी पर्यावरणीय संकट को और बढ़ा देते हैं।
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