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SC Updates: अरविंद केजरीवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी चुनौती

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Wed, 10 Apr 2024 09:07 AM IST
सार

इससे पहले उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। केजरीवाल ने साथ ही ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें ईडी रिमांड में भेजने के लिए पारित आदेश को भी चुनौती दी थी।

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Arvind Kejriwl Moves To Supreme Court Against HC Orders Challenges Delhi High Court Decision
सुप्रीम कोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति अनियमितता मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी गई थी।

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इससे पहले उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। केजरीवाल ने साथ ही ट्रायल कोर्ट द्वारा उन्हें ईडी रिमांड में भेजने के लिए पारित आदेश को भी चुनौती दी थी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने 3 अप्रैल को लंबी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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हाईकोर्ट ने केजरीवाल के उस तर्क को भी खारिज कर दिया कि उनकी गिरफ्तारी लोकसभा चुनावों में पार्टी को नुकसान पंहुचाने के लिए की गई है और मामले में आरोपी से सरकारी गवाह बने इलैक्ट्रोल बांड एक राजनीतिक पार्टी को दिए है। अदालत ने स्पष्ट किया कि चुनाव लड़ने के लिए टिकट कौन देता है या चुनावी बॉन्ड कौन खरीदता है, यह अदालत की चिंता नहीं है। इतना ही नहीं अदालत ने ईडी के उस तर्क को भी मान लिया कि आम आदमी पार्टी एक कंपनी की तरह काम कर रही थी।

न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसले में कहा कि यह माना गया कि इस मामले में धारा 70 पीएमएलए की कठोरता आकर्षित होती है। धारा 70 कंपनियों द्वारा किए गए अपराधों को दंडित करती है। इसमें प्रावधान है कि जब कोई कंपनी पीएमएलए का उल्लंघन करती है, तो प्रत्येक व्यक्ति जो उल्लंघन के समय कंपनी के व्यवसाय के संचालन का प्रभारी था, उसे दोषी माना जाएगा। 

कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा पंकज बंसल मामले में निर्धारित कानून के सभी आदेशों का पालन किया गया। केजरीवाल को हिरासत में भेजने का मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश भी तर्कसंगत आदेश था। न्यायमूर्ति शर्मा ने केजरीवाल की गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को बरकरार रखते हुए कहा कि ईडी पर्याप्त सामग्री, अनुमोदकों के बयान और आप के अपने उम्मीदवार के बयान पेश करने में सक्षम है कि केजरीवाल को गोवा चुनाव के लिए पैसे दिए गए थे।

केजरीवाल ने दिया था यह तर्क
कोर्ट ने कहा ईडी द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि केजरीवाल ने साजिश रची और उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण में शामिल थे और अपराध की आय का इस्तेमाल किया। वह कथित तौर पर नीति के निर्माण में व्यक्तिगत क्षमता और रिश्वत की मांग में भी शामिल हैं और दूसरे आप के राष्ट्रीय संयोजक की क्षमता में भी शामिल हैं। केजरीवाल ने तर्क दिया था कि उन्हें परोक्ष रूप से उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता क्योंकि आप एक कंपनी नहीं है बल्कि जन प्रतिनिधि अधिनियम के तहत पंजीकृत एक राजनीतिक दल है।

मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश भी तर्कसंगत
अदालत ने कहा केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा पंकज बंसल मामले में निर्धारित कानून के सभी आदेशों का पालन किया गया। केजरीवाल को हिरासत में भेजने का मजिस्ट्रेट अदालत का आदेश भी तर्कसंगत आदेश था। आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी के समय को चुनौती देने वाली केजरीवाल की दलीलों पर अदालत ने कहा याचिकाकर्ता को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया है और अदालत को चुनाव के समय की परवाह किए बिना कानून के अनुसार उसकी गिरफ्तारी और रिमांड की जांच करनी होगी।

सरकारी गवाहों के बयानों की सत्यता पर भी सवाल उठाए थे
केजरीवाल के वकील ने सरकारी गवाहों द्वारा केजरीवाल के खिलाफ दिए गए बयानों की सत्यता पर भी सवाल उठाया था। दलील दी गई कि ये बयान उनकी रिहाई और चुनाव लड़ने के लिए टिकट के बदले में दिए गए थे। अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि अनुमोदकों के बयान अदालत द्वारा दर्ज किए जाते हैं, जांच एजेंसी द्वारा नहीं।

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सुप्रीम कोर्ट - फोटो : ANI

सुप्रीम कोर्ट ने 'ब्रेथलाइजर परीक्षण’ की मांग वाली याचिका खारिज की
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव के दौरान हर मतदान केंद्र पर कतार में लगे मतदाताओं का 'ब्रेथलाइजर परीक्षण’ कराने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने याचिका खारिज करने के आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यह अधिक हद तक प्रचार हित की याचिका है।

जनवाहिनी पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई की ओर से पेश वकील ने कहा कि चूंकि आदर्श आचार संहिता लागू है, इसलिए किसी भी मतदाता को शराब के नशे में मतदान करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि यह क्या है? यह प्रचार के लिए है। मतदान के दिन ड्राई होता है और हर जगह पुलिसकर्मी तैनात होते हैं। हम इस पर विचार नहीं करेंगे। जनवाहिनी पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई ने शुरू में उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसने 28 फरवरी को याचिका खारिज कर दी थी।

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सुप्रीम कोर्ट - फोटो : अमर उजाला

सेंटियागो मार्टिन के खिलाफ धनशोधन मामले में सुनवाई पर रोक
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अपने फैसले में लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ जारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले की सुनवाई पर रोक लगा दी है। मार्टिन ने केरल की विशेष पीएमएलए कोर्ट के 16 मार्च के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की थी। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुयन की पीठ ने मार्टिन को राहत देते हुए नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील आदित्य सोंधी और रोहिणी मूसा ने सैंटियागो मार्टिन का पक्ष रखा। मार्टिन के वकीलों ने दलील दी कि विशेष अदालत को यह विचार करना चाहिए था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुकदमा, पहले से मार्टिन के खिलाफ चल रहे मुकदमे के खत्म होने के बाद ही शुरू हो सकता था। दरअसल मार्टिन ने केरल की विशेष अदालत में याचिका देकर मांग की थी कि उन्हें मुकदमे की सुनवाई में शामिल होने से छूट दी जाए क्योंकि उनके खिलाफ कथित लॉटरी घोटाले में पहले से ही सुनवाई चल रही है।

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