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Telangana: अच्छे धान की फसल पर 500 रुपये बोनस के एलान का सरकार को जबरदस्त फायदा, 61 फीसदी बढ़ी फसल की खेती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Sun, 17 Nov 2024 01:21 PM IST
सार
एक सोशल मीडिया पोस्ट में राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने किसानों को बधाई दी और कहा कि तेलंगाना के अलग होने के बाद यह पहली बार है, जब कलेश्वरम प्रोजेक्ट में पानी इकट्ठा न कर पाने के बावजूद धान की उपज रिकॉर्ड स्तर पर हुई है।
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धान
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
तेलंगाना में सरकार की तरफ से धान की अच्छी फसल उगाने पर 500 रुपये प्रति क्विंटल के बोनस का एलान जबरदस्त असर दिखा रहा है। सरकार के सूत्रों के मुताबिक, इस पहले से अलग-अलग किस्म के धान की फसल की खेती में 61 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। बीते साल खरीफ सीजन में 25 लाख एकड़ पर खेती के मुकाबले इस बार 40 लाख एकड़ क्षेत्र में खेती की गई।
एक सोशल मीडिया पोस्ट में राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने किसानों को बधाई दी और कहा कि तेलंगाना के अलग होने के बाद यह पहली बार है, जब कलेश्वरम प्रोजेक्ट में पानी इकट्ठा न कर पाने के बावजूद धान की उपज रिकॉर्ड स्तर पर हुई है।
सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना में चुनाव के दौरान कांग्रेस ने धान की अच्छी फसल होने पर किसानों को प्रति क्विंटल पर 500 रुपये बोनस के तौर पर देने का वादा किया था। सरकार ने यह बोनस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर देने का एलान किया था। ऐसे में बीते साल के मुताबिक, धान की खेती 61 फीसदी तक बढ़ गई।
दूसरी तरफ कम महीन और गुणवत्ता स्तर में कमजोर धान की खेती काफी घट गई है। इस तरह के धान की खेती को बीते साल के 41 लाख एकड़ की जगह इस साल सीजन में 26.3 लाख एकड़ पर ही किया गया।
इस साल धान का कुल उत्पादन 1 करोड़ 53 लाख टन हुआ, जो कि पिछले साल के 1 करोड़ 46 लाख टन से ज्यादा है। वहीं, वर्षा ऋतु के दौरान धान की खेती कुल 66.67 लाख एकड़ में हुई, जबकि पिछले साल इसी सीजन के दौरान धान की बुआई का कुल क्षेत्रफल 65.94 एकड़ था।
राज्य सरकार का अनुमान है कि इस सीजन नागरिक वितरण विभाग को 80 लाख टन धान की खरीद करनी होगी, जो कि राज्य में 7411 केंद्रों के जरिए की जाएगी। अब तक विभाग ने राज्य के 1.41 लाख किसानों से 10 लाख टन धान खरीद भी लिया है।
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एक सोशल मीडिया पोस्ट में राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने किसानों को बधाई दी और कहा कि तेलंगाना के अलग होने के बाद यह पहली बार है, जब कलेश्वरम प्रोजेक्ट में पानी इकट्ठा न कर पाने के बावजूद धान की उपज रिकॉर्ड स्तर पर हुई है।
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सूत्रों ने बताया कि तेलंगाना में चुनाव के दौरान कांग्रेस ने धान की अच्छी फसल होने पर किसानों को प्रति क्विंटल पर 500 रुपये बोनस के तौर पर देने का वादा किया था। सरकार ने यह बोनस न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के ऊपर देने का एलान किया था। ऐसे में बीते साल के मुताबिक, धान की खेती 61 फीसदी तक बढ़ गई।
दूसरी तरफ कम महीन और गुणवत्ता स्तर में कमजोर धान की खेती काफी घट गई है। इस तरह के धान की खेती को बीते साल के 41 लाख एकड़ की जगह इस साल सीजन में 26.3 लाख एकड़ पर ही किया गया।
इस साल धान का कुल उत्पादन 1 करोड़ 53 लाख टन हुआ, जो कि पिछले साल के 1 करोड़ 46 लाख टन से ज्यादा है। वहीं, वर्षा ऋतु के दौरान धान की खेती कुल 66.67 लाख एकड़ में हुई, जबकि पिछले साल इसी सीजन के दौरान धान की बुआई का कुल क्षेत्रफल 65.94 एकड़ था।
राज्य सरकार का अनुमान है कि इस सीजन नागरिक वितरण विभाग को 80 लाख टन धान की खरीद करनी होगी, जो कि राज्य में 7411 केंद्रों के जरिए की जाएगी। अब तक विभाग ने राज्य के 1.41 लाख किसानों से 10 लाख टन धान खरीद भी लिया है।