Telangana Election: कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के आंकड़े से आगे निकली, पहली बार बदलेगा CM; हॉट सीटों का नतीजा जानिए
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विस्तार
तेलंगाना की 119 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर को चुनाव हुए। कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा- 60 पार कर लिया है। निर्वाचन आयोग के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार (रात आठ बजे) कुल 109 सीटों पर अंतिम नतीजों का एलान हो गया। इसमें कांग्रेस को 61 जबकि सत्ता से बाहर हुई बीआरएस को 33 सीटें मिलीं। तीन दिसंबर को मतगणना के 12 घंटे बीतने (आठ बजे) के बाद बहुमत और सरकार गठन की तस्वीर साफ हो चुकी है, लेकिन 11 सीटों पर अलग-अलग दलों ने बढ़त बना रखी है। निर्वाचन आयोग की तरफ से जीत की आधिकारिक पुष्टि बाकी है। दरअसल, लोकतंत्र के महापर्व और जनभागीदारी के नजरिए से वैसे तो सभी सीटें अपने आप में खास हैं, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा राज्य की हॉट सीटों की है। इन सीटों पर मुख्यमंत्री केसीआर, पूर्व क्रिकेटर अजहरुद्दीन सरीखे सितारों की किस्मत दांव पर रही। कुछ सीटों पर लोकसभा सांसदों ने भी चुनाव लड़े।मतगणना में तेलंगाना के 2,290 प्रत्याशियों की सियासी क्षमता पर फैसला हुआ। जानिए 10 बड़ी सीटों पर प्रत्याशियों का हाल-
| विधानसभा सीट का नाम | उम्मीदवार और दल का नाम | मतगणना के परिणाम |
| गजवेल | के चंद्रशेखर राव (बीआरएस) | 45031 वोटों से जीते। |
| जुबली हिल्स | मोहम्मद अजहरुद्दीन (कांग्रेस) | 24/26 राउंड के बाद 14879 से अधिक वोट से पीछे |
| सिरसिला | केटी रामाराव (बीआरएस) | 29687 वोटों से जीते। |
| चंद्रयानगुट्टा | अकबरुद्दीन ओवैसी (AIMIM) | 81,660 वोटों से जीते। |
| गोशामहल | टी. राजा सिंह (भाजपा) | 21457 से अधिक मतों से जीते |
| करीमनगर | बी संजय कुमार (भाजपा) | 4400 से अधिक मतों से मिली मात। |
| सिद्दीपेट | टी हरीश राव (बीआरएस) | 82308 मतों से शानदार जीत। |
| हुजूरनगर | उत्तम कुमार रेड्डी (कांग्रेस) | 44,888 वोटों से जीते। |
| मल्काजगिरी | एम हनुमंतराव (कांग्रेस) | बीआरएस उम्मीदवार से 49530 वोटों से हारे। |
| कामारेड्डी | रेवंत रेड्डी (कांग्रेस) | कामारेड्डी में 11700 से अधिक वोटों से मात (तीसरे नंबर पर)। हालांकि, रेवंत दूसरी सीट से 32532 मतों से जीतने में सफल रहे। |
12 घंटे की मतगणना के बाद 12 बड़ी सुर्खियां:
- रात आठ बजे तक निर्वाचन आयोग ने 106 सीटों के अंतिम नतीजे घोषित किए।
- पहली बार तेलंगाना में बनेगी गैर-बीआरएस सरकार। पहले सीएम केसीआर की पार्टी का नाम तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) था।
- कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत 61 सीटों पर जीत, अब भी चार सीटों पर बढ़त।
- दुब्बक सीट से कोथा प्रभाकर रेड्डी को 53 हजार से अधिक वोटों से बड़ी जीत।
- रेवंत रेड्डी एक सीट पर हारे; दूसरी सीट पर 32 हजार से अधिक वोट से जीते
- तेलंगाना का अगला सीएम कौन? चौंकाने वाले चुनावी नतीजों के बाद इस सवाल पर मंथन शुरू।
- कांग्रेस नेता उत्तम कुमार रेड्डी हुजूरनगर सीट से 44,888 वोटों से जीते।
- तेलंगाना में सत्ता विरोधी जनभावना यानी एंटी इन्कंबेंसी का स्पष्ट असर।
- बीआरएस को केवल 39 सीट (लीड मिलाकर) मिलने की संभावना, जबकि कांग्रेस की झोली में 64 सीट (बढ़त के साथ)।
- खुद मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव कामारेड्डी सीट से चुनाव हारे। कामारेड्डी में 20 दौर की मतगणना के बाद भाजपा उम्मीदवार केवी रमना रेड्डी ने 6741 वोट से हराया।
- प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेता और पूर्व सांसद बी संजय कुमार की भी करारी हार।
- बीआरएस नेता केपी विवेकानंद को सबसे बड़े अंतर से जीत; कुतबुल्लापुर सीट पर 22वें और अंतिम दौर की मतगणना के बाद 85,576 वोटों से विजयी घोषित। (ECI वेबसाइट पर)
- सीएम केसीआर के बेटे केटी रामाराव सिरसिला विधानसभा सीट से 29 हजार से अधिक वोटों से जीते।
सिद्दीपेट जिले में पड़ने वाली गजवेल विधानसभा सीट राज्य की सबसे चर्चित सीटों में शामिल है। मुकाबला मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (बीआरएस के उम्मीदवार) और भाजपा नेता एतला रजिंदर के बीच हुआ। कभी केसीआर के करीबी रहे एतला रजिंदर चुनाव से पहले हुजूराबाद सीट से भाजपा के विधायक थे। उन्होंने 2014 से 2018 तक तेलंगाना के पहले वित्त मंत्री और 2019 से 2021 तक तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया। रजिंदर 2021 में बीआरएस छोड़कर भाजपा के साथ आ गए।
गजवेल सीट पर पिछला चुनाव बीआरएस की तरफ से मुख्यमंत्री राव ने जीता था। उन्होंने कांग्रेस के वंतेरू प्रताप रेड्डी को 58,290 वोटों के अंतर से शिकस्त दी थी।
मुख्यमंत्री केसीआर गजवेल के अलावा कामारेड्डी सीट से भी चुनाव लड़े। यहां सीएम का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार ए. रेवंत रेड्डी से माना गया। हालांकि, मतगणना की शुरुआती बढ़त के बाद रेड्डी तीसरे नंबर पर फिसल गए। खुद केसीआर भी प्रतिष्ठा की लड़ाई लड़ते दिखे। तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी मल्काजगिरि लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद भी हैं। इस सीट पर भाजपा ने निजामाबाद जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष के. वेंकट रमण रेड्डी को टिकट दिया।
2018 में कामारेड्डी सीट का परिणाम बीआरएस के पक्ष में आया था। यहां पार्टी के उम्मीदवार गम्पा गोवर्धन ने कांग्रेस के मो. अली शब्बीर को 4,557 वोटों के अंतर से पराजित किया था।
पूर्व क्रिकेटर मोहम्मद मोहम्मद अजहरुद्दीन की दावेदारी से हैदराबाद जिले की जुबली हिल्स सीट भी इस बार काफी चर्चा में रही। 99 टेस्ट मैच और 334 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले अजहरुद्दीन 2009 में पहली बार राजनीति में आए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद 2009 में उन्होंने उत्तर प्रदेश की मुरादाबाद लोकसभा सीट से चुनाव जीता। कांग्रेस ने पूर्व क्रिकेटर को 2018 में तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया था।
मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले अजहरुद्दीन पॉश इलाका माना जाने वाला- जुबली हिल्स से कांग्रेस के प्रत्याशी बने। सत्ताधारी बीआरएस ने मौजूदा विधायक मगंती गोपीनाथ को यहां अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं भाजपा ने लंकाला दीपक रेड्डी को अपना प्रत्याशी बनाया। 26 में 13 दौर की मतगणना तक अजहर दूसरे नंबर पर ही रहे।
2018 में इस सीट से बीआरएस की तरफ से मगंती गोपीनाथ विजयी हुए थे। गोपीनाथ कांग्रेस के पी. विष्णुवर्धन रेड्डी के खिलाफ 16,004 मतों से चुनाव जीते थे।
तेलंगाना की हॉट सीटों में चंद्रयानगुट्टा भी शामिल है। हैदराबाद जिले की इस विधानसभा सीट से असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी ने चुनाव लड़ा। अकबरुद्दीन ओवैसी इस सीट से एआईएमआईएम के मौजूदा विधायक भी हैं। तेलंगाना के गठन होने से पहले भी वो इसी सीट से चुनाव जीतते रहे। उनका मुकाबला भाजपा के कोदी महेंदर और कांग्रेस के बी. नागेश से हुआ, लेकिन 60 हजार से अधिक मतों से निर्णायक अंतर इलाके में उनका असर दिखाता है।
पिछले चुनाव में यहां अकबरुद्दीन औवेसी ही विजेता रहे थे। उन्होंने भाजपा की ओर से उतरी शहजादी सय्यद को 80,263 मतों के भारी अंतर से हराकर चुनाव में जीत हासिल की थी।
करीमनगर जिले की करीमनगर विधानसभा सीट भाजपा नेता बी. संजय कुमार की दावेदारी से सुर्खियों में रही। संजय 2005 से 2019 तक करीमनगर में नगर निगम के पार्षद के पद पर थे। इसके बाद 2019 में वह करीमनगर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद चुने गए। बी. संजय कुमार को 2014 और 2018 में भाजपा ने तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार बनाया था। उन्होंने दोनों ही बार करीमनगर सीट से चुनाव लड़ा और हार गए।
इस बार करीमनगर सीट पर उनका मुकाबला केसीआर कैबिनेट में उपभोक्ता मामले, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गंगुला कमलाकर से हुआ। कांग्रेस ने पुरुमल्ला श्रीनिवास को अपना उम्मीदवार बनाया। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां बीआरएस के उम्मीदवार गंगुला कमलाकर की जीत हुई थी। कमलाकर ने बी. संजय कुमार को 14,974 वोटों के अंतर से हराया था।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे के.टी. रामाराव सिरसिला सीट से बीआरएस के उम्मीदवार बने। सीएम के बाद तेलंगाना सरकार के दूसरे सबसे बड़े चेहरे केटीआर को 20 हजार से अधिक मतों से जीत मिली। उनके पास नगरपालिका प्रशासन और शहरी विकास, उद्योग और वाणिज्य और सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार जैसे अहम मंत्रालय थे। सिरसिला सीट से विधायक केटीआर भारत राष्ट्र समिति (BRS) के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।
इस चुनाव में सीएम के बेटे का मुकाबला कांग्रेस नेता केके महेंदर रेड्डी और भाजपा की रानी रुद्रमा रेड्डी से हुआ। पेशे से वकील महेंदर रेड्डी ने चौथी बार केटीआर के खिलाफ चुनाव मैदान में ताल ठोकी। पेशे से पत्रकार और अब भाजपा में पार्टी प्रवक्ता की जिम्मेदारी संभाल रहीं रानी रुद्रमा रेड्डी ने बीजेपी की टिकट पर ताल ठोकी।
बता दें कि 2018 में केटीआर ने कांग्रेस की ओर से उतरे महेंदर रेड्डी के खिलाफ 89,009 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से सीट जीती थी।
केसीआर परिवार की दावेदारी सिद्दिपेट विधानसभा सीट पर भी चर्चा में रही। यहां बीआरएस के टिकट पर हरीश राव ने चुनावी जीत हासिल की। रिश्ते में हरीश राव मुख्यमंत्री केसीआर के भतीजे लगते हैं। राज्य सरकार में वित्त और स्वास्थ्य जैसे अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हरीश दक्षिण की राजनीति के चुनिंदा बड़े चेहरों में गिने जाते हैं।
विधानसभा चुनाव 2023 के रण में हरीश राव का मुकाबला भाजपा के डूडी श्रीकांत रेड्डी और कांग्रेस के पुजाला हरिकृष्ण से हुआ। श्रीकांत रेड्डी भाजयुमो में प्रदेश महासचिव रह चुके हैं तो वहीं पुजाला हरिकृष्ण कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता हैं। हरीश ने सभी 20 राउंड की मतगणना के बाद 82,300 से अधिक मतों से जीत हासिल की।
पिछले विधानसभा चुनाव में सिद्दिपेट सीट पर हरीश राव विजेता थे। बीआरएस के टिकट पर उतरे हरीश राव ने तेलंगाना जन समिति की उम्मीदवार भवानी मरिकांती को 1,18,699 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया था।
तेलंगाना में कांग्रेस ने अपने जिन लोकसभा सांसदों को टिकट दिया उनमें एक बड़ा नाम उत्तम कुमार रेड्डी का भी शामिल रहा। उत्तम कुमार सूर्यापेट जिले की हुजूरनगर सीट से चुनाव मैदान में उतरे। उत्तम कुमार रेड्डी नलगोंडा लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद भी रह चुके हैं। 2019 में सांसद बनने से पहले रेड्डी हुजूरनगर सीट से विधायक रह चुके हैं। भारतीय वायुसेना में पायलट रहे उत्तम सक्रिय राजनीति में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 44 हजार से अधिक मतों से जीते।
रेड्डी का मुकाबला बीआरएस के शानमपुडी सैदी रेड्डी और भाजपा की श्रीलता रेड्डी से हुआ। सैदी रेड्डी हुजूरनगर सीट से बीआरएस के मौजूदा विधायक हैं। वहीं भाजपा से चुनाव लड़ने वाली श्रीलता रेड्डी नारेडुचर्ला नगर उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने पिछले महीने ही बीआरएस छोड़ भाजपा का दामन थामा था।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उत्तम कुमार रेड्डी ही विजेता हुए थे। उत्तम ने बीआरएस के शानमपुडी सैदी रेड्डी को 7,466 वोटों से हराया था।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 में हैदराबाद जिले की गोशामहल सीट भी खूब चर्चित रही। दरअसल, भाजपा ने यहां अपने विधायक टी. राजा सिंह को उम्मीदवार बनाया। सभी 17 दौर की मतगणना के बाद राजा के पास 21 हजार से अधिक वोट की बढ़त रही। अगस्त 2022 में राजा विवादों में घिरे थे, जब उन्होंने पैगंबर मुहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस विवाद के बाद भाजपा ने उन्हें निलंबित कर दिया गया था। वहीं विधानसभा चुनाव से ऐन पहले 22 अक्तूबर 2023 को उनका निलंबन रद्द कर दिया गया।
तेलंगाना भाजपा के सचेतक रह चुके राजा सिंह ने गोशामहल सीट से बीआरएस और कांग्रेस को हराया। बीआरएस ने पूर्व विधायक मदन लाल व्यास के बेटे नंद किशोर व्यास को अपना उम्मीदवार बनाया। नंद किशोर एक रियल एस्टेट डेवलपर और बिल्डर्स के साथ-साथ एक सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं। इस सीट पर कांग्रेस ने तेलंगाना महिला कांग्रेस अध्यक्ष मोगिली सुनीता को टिकट दिया था।
यहां पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी, जो भाजपा के खाते में जाने वाली भी एकलौती सीट थी। यहां भाजपा के टिकट पर विजेता टी. राजा सिंह ने बीआरएस के प्रेम सिंह राठौड़ को 17,734 वोटों से शिकस्त दी थी।
2023 विधानसभा चुनाव में मल्काजगिरी विधानसभा सीट पर एम. हनुमंत राव की दावेदारी ने इसे दिलचस्प बनाया। हालांकि, उन्हें 40 हजार से अधिक वोटों से बड़ी हार का सामना करना पड़ा। दरअसल, अगस्त में बीआरएस ने सूची जारी की थी। इसमें हनुमंत राव के बेटे रोहित का नाम नहीं था। मल्काजगिरि से विधायक हनुमंत राव अपने बेटे के लिए मेडक सीट से टिकट चाहते थे। हालांकि, टिकट न मिलने पर राव बीआरएस का दामन छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए। चुनावी मैदान में उन्हें बीआरएस नेता एमआर रेड्डी के हाथों करारी शिकस्त मिली।
बीआरएस ने यहां केसीआर कैबिनेट में मंत्री मल्ला रेड्डी के दामाद मैरी राजशेखर रेड्डी को टिकट दिया। वहीं, भाजपा ने वकील नारापाराजू रामचंदर राव को अपना प्रत्याशी बनाया। पूर्व एमएलसी रामचंदर राव भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य, भाजपा की हैदराबाद इकाई के अध्यक्ष और बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य हैं।
2018 के विधानसभा में बीआरएस के टिकट पर हनुमंत राव जीते थे। उन्होंने भाजपा के रामचंदर राव को 73,698 वोटों से हराया था।