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SIR: बंगाल में मतदाता सूची का मसौदा बना सियासी रणभूमि, ‘एक करोड़ अवैध वोटर’ के दावे पर आमने-सामने BJP-TMC

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कोलकाता Published by: पवन पांडेय Updated Tue, 16 Dec 2025 03:46 PM IST
सार

मसौदा सूची के साथ ही उत्तर 24 परगना के सीमावर्ती इलाकों, हाकिमपुर और बनगांव, में कथित सीमा-पार आवाजाही का मुद्दा भी फिर गरमा गया है। स्थानीय लोगों और सुरक्षा कर्मियों के अनुसार, नवंबर की शुरुआत से कुछ मामलों में बिना दस्तावेज वाले लोग कच्चे रास्तों और बिना बाड़ वाले हिस्सों से बांग्लादेश लौटने की कोशिश करते दिखे हैं। संख्या भले कम हो, लेकिन इन दृश्यों ने राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है।

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TMC says Bengal draft rolls 'puncture' BJP's '1 crore Rohingyas' claim as 'ghost voters' at 1.83L
शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी - फोटो : ANI
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विस्तार
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पश्चिम बंगाल में जारी विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत मंगलवार को जारी मसौदा मतदाता सूची को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि इस सूची ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के उस दावे की हवा निकाल दी है, जिसमें उन्होंने राज्य में एक करोड़ रोहिंग्या और बांग्लादेशी होने की बात कही थी।
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ड्राफ्ट रोल में फर्जी मतदाताओं की संख्या 1.83 लाख
टीएमसी के मुताबिक, ड्राफ्ट रोल में फर्जी या घोस्ट वोटर की संख्या 1,83,328 दर्ज की गई है, जो भाजपा के दावों से कहीं कम है। यह सूची 2026 विधानसभा चुनावों से पहले एक महीने की गणना, सत्यापन और जांच के बाद जारी की गई है। इसमें मौत, स्थायी पलायन, डुप्लीकेशन और गणना फॉर्म जमा न होने जैसे कारणों से नाम हटाए गए हैं। कुल मिलाकर 58 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं, लेकिन फर्जी वोटरों की संख्या सीमित बताई गई है।

भाजपा के दावे और टीएमसी का पलटवार
शुभेंदु अधिकारी लंबे समय से आरोप लगाते रहे हैं कि अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या प्रवासियों ने पहले चुनावी नतीजों को प्रभावित किया है और उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। हालांकि, ड्राफ्ट सूची में एक करोड़ अवैध मतदाताओं के दावे का कोई ठोस आधार नहीं दिखता। टीएमसी प्रवक्ता कृष्णानु मित्रा ने आंकड़ों के साथ पलटवार करते हुए कहा कि राज्य में कुल डिलीशन रेट करीब 4 प्रतिशत है। मुस्लिम बहुल इलाकों में औसतन 0.6 प्रतिशत नाम कटे हैं, जबकि मातुआ बहुल क्षेत्रों में यह औसतन 9 प्रतिशत तक है। उन्होंने सवाल उठाया कि मौतों को हटाकर बाकी हटाए गए मतदाता आखिर कहां गए और किन रास्तों से राज्य छोड़ा?

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'भाजपा चुनाव से पहले गढ़ रही घुसपैठ की कहानी'
टीएमसी का कहना है कि बंगाल में रोहिंग्या मतदाता नहीं हैं और बड़े पैमाने पर घुसपैठ की कहानी चुनाव से पहले राजनीतिक रूप से गढ़ी जा रही है। वहीं भाजपा ने आरोपों को खारिज किया। शुभेंदु अधिकारी ने तंज कसते हुए कहा, 'यह तो बस शुरुआत है। नाश्ता हुआ है, अभी लंच, चाय और डिनर बाकी है।' उन्होंने कहा कि अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी को आने के बाद ही वह विस्तार से बोलेंगे।

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