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Home Ministry: दो सालों में वामपंथी उग्रवाद का होगा खात्मा, समीक्षा बैठक में अमित शाह की दो टूक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: श्वेता महतो
Updated Fri, 06 Oct 2023 11:47 AM IST
सार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हिस्सा लिया।
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Amit Shah
- फोटो : Social Media
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विस्तार
गृह मंत्री अमित शाह आज वामपंथी उग्रवाद पर समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उनके साथ केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, अर्जुन मुंडा, देवुसिंह चौहान और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी शामिल थे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हिस्सा लिया। गृह सचिव अजय भाला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और एनआईए, एसएसबी, बीआरएस, सीआरपीएफ और एनएसएफ ने भी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह सचिव के साथ इस बैठक में शामिल हुए।
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और इसे उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में 2022 में हिंसक घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है।
समीक्षा बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा, पिछले पांच सालों में देश में वामपंथी उग्रवाद सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। केंद्र सरकार ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी थी। नीति में सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकदारियों को सुनिश्चित करने को शामिल करते हुए एक बहु आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है। 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में 90 प्रतिशत की कमी आई है।
अमित शाह की वामपंथी उग्रवाद पर दो टूक
अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि दो साल में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि 2022 में पिछले 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें हुईं हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2004 से 2014 तक वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2014 से 2023 (15 जून 23 तक) में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं और 2,020 मौतें हुई हैं। 2005 से 2014 की तुलना में 2014 से 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया कि हिंसा के कारण होने वाली मौतों में 69 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की मौतों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है।
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, आंध्र प्रदेश के सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी हिस्सा लिया। गृह सचिव अजय भाला, इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक तपन डेका और एनआईए, एसएसबी, बीआरएस, सीआरपीएफ और एनएसएफ ने भी नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और गृह सचिव के साथ इस बैठक में शामिल हुए।
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#WATCH | Union Home Minister Amit Shah chairs the Review Meeting on Left Wing Extremism (LWE), in Delhi. pic.twitter.com/UHqTZkotgt
— ANI (@ANI) October 6, 2023
वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद मानवता के लिए अभिशाप है और इसे उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 2010 की तुलना में 2022 में हिंसक घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है।
समीक्षा बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा, पिछले पांच सालों में देश में वामपंथी उग्रवाद सुरक्षा स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। केंद्र सरकार ने 2015 में एलडब्ल्यूई से निपटने के लिए राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना को मंजूरी दी थी। नीति में सुरक्षा संबंधी उपायों, विकास हस्तक्षेपों, स्थानीय समुदायों के अधिकारों और हकदारियों को सुनिश्चित करने को शामिल करते हुए एक बहु आयामी रणनीति की परिकल्पना की गई है। 2010 की तुलना में 2022 में सुरक्षा बलों और नागरिकों की मौतों की संख्या में 90 प्रतिशत की कमी आई है।
अमित शाह की वामपंथी उग्रवाद पर दो टूक
अमित शाह ने दो टूक शब्दों में कहा कि दो साल में वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि 2022 में पिछले 4 दशकों में वामपंथी उग्रवाद क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें हुईं हैं।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक 2004 से 2014 तक वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 17,679 घटनाएं हुईं और 6,984 मौतें हुईं। इसके विपरीत, 2014 से 2023 (15 जून 23 तक) में वामपंथी उग्रवाद से संबंधित 7,649 घटनाएं और 2,020 मौतें हुई हैं। 2005 से 2014 की तुलना में 2014 से 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक गिरावट आई है। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया कि हिंसा के कारण होने वाली मौतों में 69 प्रतिशत और सुरक्षा बलों की मौतों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है।
There has been a decline of more than 52 per cent in Left Wing Extremism related violence, 69 per cent in deaths, 72 per cent in security forces deaths and 68 per cent in civilian deaths between 2014 and 2023 compared to the period from 2005 to 2014: Ministry of Home Affairs pic.twitter.com/65mkVrxfTt
— ANI (@ANI) October 6, 2023