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Telangana: हैदराबाद यूनिवर्सिटी की 400 एकड़ जमीन की बिक्री पर बवाल, केंद्रीय मंत्री ने CM रेड्डी को लिखा पत्र
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हैदराबाद
Published by: पवन पांडेय
Updated Mon, 31 Mar 2025 11:06 PM IST
सार
तेलंगाना में हैदराबाद यूनिवर्सिटी के 400 एकड़ जमीन की बिक्री के मामले में सरकार और भाजपा के साथ-साथ छात्र और पर्यावरण समूह आमने-सामने हैं। छात्र और पर्यावरण समूह इस फैसले के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं और केंद्रीय मंत्री ने वहां काटे जा रहे पेड़ों पर रोक लगाने को लेकर सीएम रेड्डी पर पत्र लिखा है।
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रेवंत रेड्डी और जी किशन रेड्डी
- फोटो : ANI
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विस्तार
केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी को पत्र लिखकर हैदराबाद यूनिवर्सिटी (एचसीयू) की 400 एकड़ जमीन की बिक्री रोकने की मांग की है। इस फैसले के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। मंत्री किशन रेड्डी ने कहा कि यह जमीन पेड़ों और जीव-जंतुओं का घर है, लेकिन राज्य सरकार इसे बेचकर कंक्रीट का जंगल बनाना चाहती है। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होगा। उन्होंने मांग की कि पेड़ काटने के लिए लाए गए उपकरणों को तुरंत हटाया जाए।
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'रात में फ्लड लाइट जलाकर गुपचुप काटे जा रहे पेड़'
किशन रेड्डी ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आधी रात को फ्लड लाइट जलाकर चोरी-छिपे पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी केरल में खनन का विरोध करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी खुद हरियाली खत्म कर रही है।' मंत्री किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि छात्रों की आवाज दबाने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया। उन्होंने इसे 'तानाशाही तरीका' करार दिया। वहीं बीजेपी सांसद एटाला राजेंदर ने भी छात्रों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा, 'सरकार को तुरंत यह फैसला वापस लेना चाहिए।'
पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया
इस मामले में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को हिरासत में लिया, साथ ही एक पत्रकार को भी गिरफ्तार किया जो इस मुद्दे की रिपोर्टिंग कर रहा था। छात्रों का कहना है कि वे जमीन बचाने के लिए अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
400 एकड़ जमीन राज्य की है- तेलंगाना सरकार
वहीं इस जमीन को लेकर सोमवार को राज्य सरकार ने कहा कि यह जमीन उसकी है, न कि विश्वविद्यालय की। हालांकि, जमीन का मुद्दा तब और जटिल हो गया जब यूओएच रजिस्ट्रार ने सरकार के इस दावे का खंडन किया कि संबंधित जमीन की सीमा तय हो चुकी है। सरकार ने जमीन के मुद्दे पर एक विस्तृत नोट में आरोप लगाया कि छात्रों को कुछ राजनीतिक नेताओं और रियल्टी समूहों की तरफ से गुमराह किया जा रहा है। कांचा गचीबोवली में 400 एकड़ जमीन यूओएच की सीमा से लगती है।
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छात्रों और पर्यावरण समूहों ने प्रस्ताव का किया विरोध
छात्र समूह और पर्यावरण कार्यकर्ता पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए नीलामी समेत जमीन पर विकास करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि इस जमीन में यूओएच के पूर्वी परिसर के पास मशरूम रॉक क्षेत्र भी शामिल है। सोमवार को एक छात्र नेता ने आरोप लगाया कि रविवार को जमीन साफ करने के लिए तैनात की गई 50 से अधिक भारी मिट्टी हटाने वाली मशीनें पूरी रात चलती रहीं और जंगलों को नष्ट करती रहीं और उन विभागों तक पहुंच गईं जहां छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनें झीलों तक पहुंच गईं और जानवरों और पेड़ों को रौंद गईं।
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'रात में फ्लड लाइट जलाकर गुपचुप काटे जा रहे पेड़'
किशन रेड्डी ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आधी रात को फ्लड लाइट जलाकर चोरी-छिपे पेड़ काटे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी केरल में खनन का विरोध करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी खुद हरियाली खत्म कर रही है।' मंत्री किशन रेड्डी ने आरोप लगाया कि छात्रों की आवाज दबाने के लिए उन पर लाठीचार्ज किया गया और उन्हें हिरासत में लिया गया। उन्होंने इसे 'तानाशाही तरीका' करार दिया। वहीं बीजेपी सांसद एटाला राजेंदर ने भी छात्रों की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा, 'सरकार को तुरंत यह फैसला वापस लेना चाहिए।'
पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को हिरासत में लिया
इस मामले में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को हिरासत में लिया, साथ ही एक पत्रकार को भी गिरफ्तार किया जो इस मुद्दे की रिपोर्टिंग कर रहा था। छात्रों का कहना है कि वे जमीन बचाने के लिए अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।
400 एकड़ जमीन राज्य की है- तेलंगाना सरकार
वहीं इस जमीन को लेकर सोमवार को राज्य सरकार ने कहा कि यह जमीन उसकी है, न कि विश्वविद्यालय की। हालांकि, जमीन का मुद्दा तब और जटिल हो गया जब यूओएच रजिस्ट्रार ने सरकार के इस दावे का खंडन किया कि संबंधित जमीन की सीमा तय हो चुकी है। सरकार ने जमीन के मुद्दे पर एक विस्तृत नोट में आरोप लगाया कि छात्रों को कुछ राजनीतिक नेताओं और रियल्टी समूहों की तरफ से गुमराह किया जा रहा है। कांचा गचीबोवली में 400 एकड़ जमीन यूओएच की सीमा से लगती है।
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छात्रों और पर्यावरण समूहों ने प्रस्ताव का किया विरोध
छात्र समूह और पर्यावरण कार्यकर्ता पर्यावरण संरक्षण संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए नीलामी समेत जमीन पर विकास करने के सरकार के प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। छात्रों का दावा है कि इस जमीन में यूओएच के पूर्वी परिसर के पास मशरूम रॉक क्षेत्र भी शामिल है। सोमवार को एक छात्र नेता ने आरोप लगाया कि रविवार को जमीन साफ करने के लिए तैनात की गई 50 से अधिक भारी मिट्टी हटाने वाली मशीनें पूरी रात चलती रहीं और जंगलों को नष्ट करती रहीं और उन विभागों तक पहुंच गईं जहां छात्र पढ़ते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मशीनें झीलों तक पहुंच गईं और जानवरों और पेड़ों को रौंद गईं।
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