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UP: 12 साल में 45.44 करोड़ लोग पहुंचे काशी; धार्मिक पर्यटकों ने भरा सरकार का खजाना, रोजगार में वृद्धि
डिजिटल ब्यूरो अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: राहुल कुमार
Updated Wed, 17 Dec 2025 05:01 PM IST
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वाराणसी में सीएम योगी
- फोटो : अमर उजाला
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पर्यटन को आर्थिक समृद्धि बढ़ाने और बेरोजगारी कम करने का सबसे कारगर तरीका माना जाता है। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे अपना मूलमंत्र बनाते हुए यूपी की अर्थव्यवस्था को बेहतर करने में अद्भुत उपलब्धि हासिल की है। केवल पिछले 12 वर्षों में काशी पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या 45.44 करोड़ पार कर गई है। अकेले 2025 में ही सितंबर महीने तक 14.69 करोड़ पर्यटक वाराणसी पहुंचे हैं। इसे यूपी सरकार की प्रो-पर्यटन नीति को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
यूपी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 से वर्ष 2025 (सितम्बर तक) तक 12 वर्षों में 45 करोड़ 44 लाख 82 हजार 662 भारतीय और विदेशी पर्यटकों ने काशी का भ्रमण किया है। नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के वर्ष यानी 2014 में केवल 54 लाख 89 हजार 997 पर्यटक काशी पहुंचे थे, लेकिन काशी का विकास करने के बाद आज यह संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है। इसी वर्ष यानी 2025 में सितंबर महीने तक ही 14.69 करोड़ पर्यटक काशी पहुंच चुके हैं। जबकि इसमें साल के अंत के तीन महीनों के पर्यटकों की संख्या शामिल नहीं है। अंतिम आंकड़ों में यह संख्या 18 करोड़ के लगभग होने का अनुमान है। कोरोना काल के दौरान 2020 में केवल 9.82 लाख और 2021 में 30.7 लाख पर्यटक काशी पहुंचे थे।
दूसरे पर्यटन केंद्रों को भी मिला लाभ
काशी क्षेत्र का विकास होने से इसका लाभ पूरे उत्तर प्रदेश को होने का अनुमान है। माना जाता है कि जो देशी-विदेशी पर्यटक काशी पहुंचते हैं, वे केवल यहीं तक आकर नहीं रुक जाते हैं। वे अपनी यात्रा में अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट और वृंदावन-मथुरा के धार्मिक केंद्रों में से कुछ को अवश्य शामिल करते हैं। ऐसे में पूरे राज्य में पर्यटन बढ़ने से राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।
अर्थव्यवस्था को संभालने, रोजगार देने में मिली सहायता
उत्तर प्रदेश कभी बीमारू राज्यों में सबसे आगे समझा जाता था, लेकिन सरकार ने पर्यटन को अर्थव्यवस्था को सुधारने के केंद्र में रखा और धार्मिक केंद्रों का विकास किया। अयोध्या, काशी से लेकर चित्रकूट तक विकास कार्य किए गए। इसका राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया गया। इसका असर हुआ कि देश-दुनिया के पर्यटक यूपी पहुंचने लगे। इससे एक तरफ तो अर्थव्यवस्था की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ, वहीं युवाओं को भारी संख्या में रोजगार मिले। पश्चिम के जेवर एयरपोर्ट और मथुरा-वृंदावन के कॉरीडोर का विकास होने के बाद यूपी की अर्थव्यस्था नई ऊंचाई को पहुंच जाएगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
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यूपी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014 से वर्ष 2025 (सितम्बर तक) तक 12 वर्षों में 45 करोड़ 44 लाख 82 हजार 662 भारतीय और विदेशी पर्यटकों ने काशी का भ्रमण किया है। नरेंद्र मोदी के देश का प्रधानमंत्री बनने के वर्ष यानी 2014 में केवल 54 लाख 89 हजार 997 पर्यटक काशी पहुंचे थे, लेकिन काशी का विकास करने के बाद आज यह संख्या करोड़ों में पहुंच चुकी है। इसी वर्ष यानी 2025 में सितंबर महीने तक ही 14.69 करोड़ पर्यटक काशी पहुंच चुके हैं। जबकि इसमें साल के अंत के तीन महीनों के पर्यटकों की संख्या शामिल नहीं है। अंतिम आंकड़ों में यह संख्या 18 करोड़ के लगभग होने का अनुमान है। कोरोना काल के दौरान 2020 में केवल 9.82 लाख और 2021 में 30.7 लाख पर्यटक काशी पहुंचे थे।
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दूसरे पर्यटन केंद्रों को भी मिला लाभ
काशी क्षेत्र का विकास होने से इसका लाभ पूरे उत्तर प्रदेश को होने का अनुमान है। माना जाता है कि जो देशी-विदेशी पर्यटक काशी पहुंचते हैं, वे केवल यहीं तक आकर नहीं रुक जाते हैं। वे अपनी यात्रा में अयोध्या, प्रयागराज, चित्रकूट और वृंदावन-मथुरा के धार्मिक केंद्रों में से कुछ को अवश्य शामिल करते हैं। ऐसे में पूरे राज्य में पर्यटन बढ़ने से राज्य की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।
अर्थव्यवस्था को संभालने, रोजगार देने में मिली सहायता
उत्तर प्रदेश कभी बीमारू राज्यों में सबसे आगे समझा जाता था, लेकिन सरकार ने पर्यटन को अर्थव्यवस्था को सुधारने के केंद्र में रखा और धार्मिक केंद्रों का विकास किया। अयोध्या, काशी से लेकर चित्रकूट तक विकास कार्य किए गए। इसका राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार भी किया गया। इसका असर हुआ कि देश-दुनिया के पर्यटक यूपी पहुंचने लगे। इससे एक तरफ तो अर्थव्यवस्था की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ, वहीं युवाओं को भारी संख्या में रोजगार मिले। पश्चिम के जेवर एयरपोर्ट और मथुरा-वृंदावन के कॉरीडोर का विकास होने के बाद यूपी की अर्थव्यस्था नई ऊंचाई को पहुंच जाएगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।