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West Bengal: जिस कोर्ट के आदेश पर मिली थी नौकरी, उसी के आदेश पर गई; हाईकोर्ट ने तीसरी अभ्यर्थी को दी नौकरी

एन. अर्जुन, कोलकाता Published by: अभिषेक दीक्षित Updated Tue, 16 May 2023 10:29 PM IST
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सार

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी की जगह नौकरी हासिल करने वाली बबीता सरकार की भी नौकरी रद्द कर दी। कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने मंगलवार को यह आदेश दिया है। उन्हीं के आदेश पर बबीता को नौकरी मिली थी।

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अनामिका राय (जिन्हें अब नौकरी मिली) - फोटो : Amar Ujala
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यह देश का पहला मामला होगा, जहां हाईकोर्ट ने एक वर्ष के अंदर-अंदर एक ही सीट पर तीसरी नियुक्ति दी है। जिस कोर्ट ने उनको नौकरी दी थी, उन्हीं के आदेश पर उनकी नौकरी भी चली गई। मामला कूचबिहार के मेखलीगंज इंदिरा उच्च विद्यालय का है। पूरे प्रदेश में इस मामले की चर्चा है। लोग कह रहे हैं, अगर कोर्ट न हो तो सही अभ्यर्थी को अपना हक नहीं मिल पाता। इस दौरान जहां एक कोर्ट में रो पड़ीं तो नौकरी मिलने पर दूसरी के चेहरा खिल उठा।

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कोर्ट ने कहा, सारे पैसे तुरंत जमा कराएं
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी की बेटी अंकिता अधिकारी की जगह नौकरी हासिल करने वाली बबीता सरकार की भी नौकरी रद्द कर दी। कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने मंगलवार को यह आदेश दिया है। उन्हीं के आदेश पर बबीता को नौकरी मिली थी। कोर्ट ने कहा कि उन्हें जो भी वेतन मिला है अथवा अंकिता अधिकारी से रुपये लेकर उन्हें जो दिए गए थे, वे सारे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार के पास तत्काल जमा कराएं। बबीता ने कोर्ट से पैसे लौटाने के लिए तीन महीने का समय मांगा।
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अब बबीता की जगह अनामिका राय को नौकरी
उल्लेखनीय है कि कूचबिहार के मेखलीगंज इंदिरा उच्च विद्यालय में अंकिता अधिकारी की नौकरी लगी थी। बबीता यह दावा करते हुए हाईकोर्ट चली गईं थी कि उनके नंबर अंकिता से अधिक होने के बावजूद अंकिता को गैरकानूनी तरीके से नौकरी दी गई। साक्षों को देखने के बाद न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने अंकिता की नौकरी खारिज कर बबीता को दी गई थी। बतीबा की नौकरी लगने के बाद उनके भी एकेडमिक स्कोर में हेरफेर के आरोप लगे। दवा है कि स्नातक स्तर पर 800 नंबर में से 440 नंबर बबीता को मिले था। यानी 55 फ़ीसदी जबकि उसके आवेदन पत्र में 60 फीसदी का जिक्र किया गया था।

अनामिका वकील सुदीप्त दासगुप्त ने अमर उजाला बताया कि जब दिसंबर, 2022 में नंबरों में गड़बड़ी की जानकारी अनामिका को मिली तो उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को माननीय हाईकोर्ट ने बबीता की नौकरी रद्द कर दी। साथ ही सिलिगुड़ी की अनामिका जिसका कि एकेडमिक स्कोर बबीता से अधिक है, उसे नौकरी दी गई है। कोर्ट के आदेश के बाद अनामिका ने कहा है कि आज का दिन उसकी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन है।

नौकरी बर्खास्त करने संबंधी आदेश को हाईकोर्ट ने किया संशोधित
कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गांगुली ने 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों की नौकरी रद्द करने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि ये सारे लोग अप्रशिक्षित हैं इसलिए इनकी नौकरी रद्द की जाएगी, लेकिन मंगलवार को उन्होंने अपने आदेश में संशोधन किया है। उन्होंने कहा है कि अप्रशिक्षित लोगों की संख्या 36 हजार नहीं बल्कि 32 हजार के करीब है इसलिए बाकी लोगों की नौकरी बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि टाइपोग्राफिकल गलती की वजह से 36 हजार लोगों की नौकरी रद्द करने का आदेश जारी हुआ था। नौकरी गंवाने वाले लोगों की संख्या 32 हजार के करीब होगी। इसके अलावा एक और संशोधन उन्होंने किया। नियुक्ति पैनल में सबसे कम नंबर 14.191 लिखा गया था जो 13.796 है।

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