सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   India News ›   who is k suresh INDIA alliance candidate for lok sabha speaker against nda om birla

K Suresh: कौन हैं के. सुरेश? जिन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के लिए किया नामांकन; प्रोटेम स्पीकर के लिए भी आया था नाम

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: नितिन गौतम Updated Tue, 25 Jun 2024 02:50 PM IST
सार

के. सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक हैं। के. सुरेश साल 1989 में पहली बार नौवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे और उसके बाद से हालिया 2024 लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करके वे आठवीं बार संसद पहुंचे हैं। 

विज्ञापन
who is k suresh INDIA alliance candidate for lok sabha speaker against nda om birla
के सुरेश - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

लोकसभा अध्यक्ष को लेकर चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया है। एनडीए की तरफ से ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार होंगे। हालांकि डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बात बिगड़ गई। जिसके बाद विपक्ष ने के. सुरेश को लोकसभा स्पीकर का उम्मीदवार बनाते हुए उनका नामांकन करा दिया। कांग्रेस ने के. सुरेश को सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्यों में से एक होने के चलते प्रोटेम स्पीकर बनाने की भी मांग की थी। तो आइए जानते हैं कि के. सुरेश कौन हैं, कहां से सांसद हैं और डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सत्ता और विपक्ष में क्यों बात बिगड़ी।
Trending Videos


केरल से सांसद हैं कोडिकुन्नील सुरेश
कोडिकुन्नील सुरेश केरल के तिरुवनंतपुरम जिले की मावेलीक्करा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद हैं। 4 जून 1962 को जन्मे के. सुरेश लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सांसदों में से एक हैं। के. सुरेश 27 साल की उम्र में 1989 में पहली बार नौवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। के सुरेश ने केरल की अदूर लोकसभा सीट से जीत हासिल की और फिर 1991, 1996 और 1999 में भी अदूर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। 1998 और 2004 के आम चुनाव में सुरेश को हार का सामना करना पड़ा। साल 2009 के आम चुनाव में के सुरेश ने अपना निर्वाचन क्षेत्र बदला और मावेलीक्करा सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। उसके बाद से सुरेश लगातार जीतकर अब 2024 लोकसभा चुनाव में आठवीं बार संसद पहुंचे हैं। 
विज्ञापन
विज्ञापन


यूपीए सरकार में राज्यमंत्री भी रहे
2024 के चुनाव में के. सुरेश ने सीपीआई उम्मीदवार अरुण कुमार सीए को साढ़े तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया। चुनावी हलफनामे के अनुसार, के. सुरेश करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं। के सुरेश संसद की कई अहम समितियों के सदस्य भी रह चुके हैं, जिनमें पेट्रोलियम और उर्वरक संबंधी स्थायी समिति,  मानव संसाधन विकास मंत्रालय परामर्शदात्री समिति और संसद की विशेषाधिकारी समिति आदि शामिल हैं। के. सुरेश यूपीए की सरकार में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री भी रहे। 18वीं लोकसभा में कांग्रेस ने सुरेश को सचेतक की जिम्मेदारी भी सौंपी है। के. सुरेश केरल कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं और पार्टी संगठन में भी काम का उन्हें लंबा अनुभव है। 



2009 में केरल हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी संसद सदस्यता
कोडिकुन्नील सुरेश की संसद सदस्यता को साल 2009 में केरल हाईकोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी थी। दरअसल 2009 में के.सुरेश के निकटतम प्रतिद्वंदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र पेश किया और आरोप लगाया कि वह ईसाई हैं। सुरेश 'चेरामार' समुदाय के सदस्य नहीं हैं और इसलिए अनुसूचित जाति के नहीं हैं। मामला कोर्ट में गया और केरल हाईकोर्ट ने आरोपों को सही मानते हुए उनकी संसद सदस्यता को अवैध घोषित कर दिया। केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुरेश सुप्रीम कोर्ट गए, जहां सर्वोच्च अदालत ने केरल हाईकोर्ट का फैसला पलट दिया और उनकी संसद सदस्यता बहाल कर दी थी।

'ये मेरा नहीं, पार्टी का फैसला'
विपक्षी गठबंधन की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार बनाए जाने पर के सुरेश ने कहा कि 'मैंने अपना नामांकन भर दिया है। यह पार्टी का फैसला है, मेरा नहीं। लोकसभा में ये राय थी कि स्पीकर सत्ताधारी दल का और डिप्टी स्पीकर विपक्ष का होना चाहिए। डिप्टी स्पीकर पद पर हमारा अधिकार है, लेकिन वे (एनडीए) इसके लिए तैयार नहीं हैं। सुबह 11.50 तक हमने सरकार के जवाब का इंतजार किया, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो हमने नामांकन भर दिया।'

लोकसभा अध्यक्ष को लेकर क्यों नहीं बन पाई सत्ता और विपक्ष में सहमति
लोकसभा स्पीकर पद पर सहमति बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। मुलाकात के बाद मीडिया में खबरें आईं कि लोकसभा स्पीकर पद पर सहमति बन गई है और ओम बिरला एनडीए की तरफ से लोकसभा अध्यक्ष पद के उम्मीदवार होंगे। हालांकि राहुल गांधी ने कहा कि 'राजनाथ सिंह ने मल्लिकार्जुन खड़गे को फोन किया और उनसे स्पीकर को समर्थन देने को कहा। पूरा विपक्ष कहता है कि हम स्पीकर का समर्थन करेंगे लेकिन परंपरा यह है कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने कहा था कि वे मल्लिकार्जुन खड़गे को डिप्टी स्पीकर पद को लेकर सूचित करेंगे, लेकिन उन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है। पीएम मोदी विपक्ष से सहयोग मांग रहे हैं लेकिन हमारे नेता का अपमान हो रहा है।' राहुल गांधी के बयान के कुछ देर बाद ही के सुरेश के लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन करने की खबर आ गई।

वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर लोकसभा अध्यक्ष पद पर समर्थन देने के बदले शर्तें रखने का आरोप लगाया। के. सुरेश को लोकसभा स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा 'उन्होंने (विपक्ष) कहा कि पहले डिप्टी स्पीकर के लिए नाम तय कर लें, फिर हम स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करेंगे! हम ऐसी राजनीति की निंदा करते हैं। अच्छी परंपरा तो यह होती कि स्पीकर सर्वसम्मति से चुना जाता। स्पीकर किसी पार्टी या विपक्ष का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है। इसी तरह डिप्टी स्पीकर भी किसी पार्टी या समूह का नहीं होता, वह पूरे सदन का होता है और इसलिए सदन की सहमति होनी चाहिए। ऐसी शर्तें कि कोई खास व्यक्ति या खास पार्टी का ही डिप्टी स्पीकर हो, लोकसभा की किसी भी परंपरा में फिट नहीं बैठतीं।'
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News apps, iOS Hindi News apps और Amarujala Hindi News apps अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed