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World AIDS Day: एचआईवी के खिलाफ भारत की बड़ी जीत, नए मामलों में 48% गिरावट, एड्स से मौतों में आई 81 फीसदी कमी
अमर उजाला ब्यूरो
Published by: शिवम गर्ग
Updated Mon, 01 Dec 2025 06:54 AM IST
सार
भारत ने एचआईवी और एड्स के खिलाफ बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 15 साल में नए एचआईवी मामलों में 48% और एड्स से मौतों में 81% की गिरावट दर्ज की गई है। यह वैश्विक औसत से काफी बेहतर है।
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विश्व एड्स दिवस 2025
- फोटो : Freepik.com
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विस्तार
भारत ने एचआईवी के खिलाफ जांच से लेकर इलाज और रोकथाम में बड़ी कामयाबी हासिल की है। विश्व एड्स दिवस पर केंद्र सरकार ने बीते 15 साल में आए बदलाव पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में सरकार ने दावा है कि बीते 15 साल में एचआईवी के नए मामलों में 48.7% की कमी आई है, जबकि वैश्विक स्तर पर यह गिरावट 40% है। इसी तरह एड्स से होने वाली मौतों में भारत ने 81.4% की गिरावट दर्ज की है। यह भी वैश्विक औसत (54%) से काफी बेहतर है।
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रिपोर्ट सोमवार को विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा जारी करेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एचआईवी जांच में बढ़ोतरी देखी गई है। 2020–21 में जहां 4.13 करोड़ टेस्ट हुए, वहीं 2024–25 में यह बढ़कर 6.62 करोड़ तक पहुंच गई। एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को उपचार की उपलब्धता में भी बड़ा सुधार हुआ है।
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उदाहरण के तौर पर एंटी-रेट्रोवायरल थेरैपी (एआरटी) पर रहने वाले मरीजों की संख्या 14.94 लाख से बढ़कर 19.15 लाख हो गई है। वायरल लोड टेस्टिंग यानी जो मरीज के इलाज की प्रभावशीलता का प्रमुख संकेतक है, इसी अवधि में 8.90 लाख से बढ़कर 15.98 लाख हो गई।
मंत्रालय की अपर सचिव वी हेकाली झीमोमी ने बताया कि 2010–24 के बीच मां-से-बच्चे में एचआईवी संक्रमण की दर में 74.6% की गिरावट आई है जबकि वैश्विक स्तर पर यह कमी 57% रही। इस समय भारत का वयस्क एचआईवी दर 0.20% वैश्विक औसत 0.70% से काफी कम है जबकि नए मामलों की वार्षिक दर 0.05 प्रति 1,000 आबादी है। यह भी अंतरराष्ट्रीय औसत (0.16) से काफी नीचे है।
मजबूत राजनीतिक नेतृत्व से मिली कामयाबी
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्यसलिला श्रीवास्तव का कहना है कि मजबूत राजनीतिक नेतृत्व, घरेलू निवेश, साक्ष्य-आधारित रणनीतियों और समुदाय आधारित कार्यक्रमों ने मिलकर भारत की एचआईवी प्रतिक्रिया को प्रभावी बनाया है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत मिली ये उपलब्धियां देश के उस लक्ष्य को मजबूत करती हैं, जिसके तहत भारत आने वाले वर्षों में एड्स को जन स्वास्थ्य जोखिम के रूप में समाप्त करने के अपने संकल्प को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।