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नसीहत: विश्व होम्योपैथी दिवस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति का राहुल पर तंज, कहा- राजनीतिक चश्मा उतारकर जाएं विदेश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: वीरेंद्र शर्मा
Updated Tue, 11 Apr 2023 07:02 AM IST
सार
विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित एक समारोह में धनखड़ ने कहा, भारत 2047 में अपनी आजादी की शताब्दी की नींव रख रहा है, ऐसे में देश की गरिमा पर हमला करने की हर कोशिश को कुंद किया जाना चाहिए।
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Vice President Jagdeep Dhankhar
- फोटो : @
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विस्तार
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर बिना नाम लिए तंज कसते हुए कहा, लोगों को विदेश दौरे पर जाते समय अपना राजनीतिक चश्मा यहीं उतार देना चाहिए। विश्व होम्योपैथी दिवस पर आयोजित एक समारोह में धनखड़ ने कहा, भारत 2047 में अपनी आजादी की शताब्दी की नींव रख रहा है, ऐसे में देश की गरिमा पर हमला करने की हर कोशिश को कुंद किया जाना चाहिए।
उन्होंने सवाल किया, क्या आपने कभी इस महान लोकतंत्र की यात्रा पर आए किसी विदेशी गणमान्य व्यक्ति या विदेशी नागरिक को अपने देश की निंदा करते या उसकी आलोचना करते हुए देखा है? जवाब स्पष्ट तौर पर नहीं है। हम अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व क्यों नहीं कर सकते और हमारे नवाचार की सराहना क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा, जब भी हम देश से बाहर जाते हैं, हमें अपना राजनीतिक चश्मा देश में ही छोड़ देना चाहिए। यह देश के साथ-साथ व्यक्ति विशेष के लिए भी फायदेमंद होगा। उपराष्ट्रपति का यह बयान ब्रिटेन में राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने खेद जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस बात पर ध्यान देने में विफल रहे हैं कि भारत में ‘लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा तबाह हो गया है’।
स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक दृष्टिकोण जरूरी
उपराष्ट्रपति ने कहा है कि होम्योपैथी प्रकृति से जुड़ी चिकित्सा है, जो विश्व भर में अपनाई जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी उपचार पद्धति है। समय के साथ इसको बढ़ावा देना जरूरी है। हमें स्वास्थ्य सेवा के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना होगा। उपराष्ट्रपति सोमवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में विश्व होम्योपैथी दिवस पर केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने एक दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। धनखड़ ने कहा कि ऋषियों ने पहला सुख निरोगी काया का मंत्र दिया है। देश के बेहतर भविष्य के लिए स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ भी मौजूद रहीं।
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उन्होंने सवाल किया, क्या आपने कभी इस महान लोकतंत्र की यात्रा पर आए किसी विदेशी गणमान्य व्यक्ति या विदेशी नागरिक को अपने देश की निंदा करते या उसकी आलोचना करते हुए देखा है? जवाब स्पष्ट तौर पर नहीं है। हम अपने वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य योद्धाओं पर गर्व क्यों नहीं कर सकते और हमारे नवाचार की सराहना क्यों नहीं कर सकते? उन्होंने कहा, जब भी हम देश से बाहर जाते हैं, हमें अपना राजनीतिक चश्मा देश में ही छोड़ देना चाहिए। यह देश के साथ-साथ व्यक्ति विशेष के लिए भी फायदेमंद होगा। उपराष्ट्रपति का यह बयान ब्रिटेन में राहुल गांधी की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने खेद जताया था कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्से इस बात पर ध्यान देने में विफल रहे हैं कि भारत में ‘लोकतंत्र का एक बड़ा हिस्सा तबाह हो गया है’।
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स्वास्थ्य सेवा के लिए व्यापक दृष्टिकोण जरूरी
उपराष्ट्रपति ने कहा है कि होम्योपैथी प्रकृति से जुड़ी चिकित्सा है, जो विश्व भर में अपनाई जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी उपचार पद्धति है। समय के साथ इसको बढ़ावा देना जरूरी है। हमें स्वास्थ्य सेवा के लिए एक व्यापक और एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना होगा। उपराष्ट्रपति सोमवार को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में विश्व होम्योपैथी दिवस पर केंद्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद ने एक दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। धनखड़ ने कहा कि ऋषियों ने पहला सुख निरोगी काया का मंत्र दिया है। देश के बेहतर भविष्य के लिए स्वास्थ्य भी अच्छा होना चाहिए। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति की पत्नी सुदेश धनखड़ भी मौजूद रहीं।