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मल्हार हत्याकांड: परिजन न्याय के लिए उपराज्यपाल से मिले
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बिलावर। मल्हार इलाके में 8 मार्च 2025 को तीन निर्दोष नागरिकों की हत्या के मामले में मृतकों के परिजन न्याय के लिए बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से जम्मू में मिले। परिजन ने एलजी को ज्ञापन सौंपकर घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
ज्ञापन में परिजनों ने इस घटना को आतंकी स्वरूप का बताया और आरोप लगाया कि इसमें आतंकियों के साथ ओवर ग्राउंड वर्कर्स की संलिप्तता रही है। उन्होंने कहा कि मल्हार क्षेत्र पहले से ही संवेदनशील है, जहां पिछले वर्षों में सेना और पुलिस के कई जवान शहीद हुए हैं। ज्ञापन में प्रारंभिक जांच के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही का उल्लेख करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही मामले की जांच सीबीआई या एनआईए जैसी एजेंसियों से करवाने की अपील की गई।
परिजनों ने मृतक वरुण, योगेश और दर्शन को आधिकारिक रूप से शहीद का दर्जा देने की मांग की। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को स्थायी पुनर्वास और सरकारी सहायता देने तथा मृतक योगेश और दर्शन की विधवा पत्नियों को स्थायी सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग भी रखी गई। ज्ञापन में मल्हार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
पीड़ित परिवारों के सदस्य चमेल सिंह ने कहा कि उन्होंने सांविधानिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हुए उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है लेकिन यदि 31 जनवरी तक न्याय में देरी हुई तो आंदोलन को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। कहा कि यह आंदोलन केवल स्थानीय मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, निर्दोष नागरिकों के न्याय और कानून व्यवस्था में विश्वास से जुड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि 5 मार्च 2025 को मलाड इलाके से मल्हार क्षेत्र में गई एक बरात में शामिल वरुण, दर्शन और योगेश के शव इच्छू नाले में एक साथ मिले थे। घटना के नौ महीने बाद भी उनके परिजन को न्याय नहीं मिला और मौत के कारणों का कोई खुलासा नहीं हुआ। इसके बाद 10 नवंबर 2025 को परिजन और स्थानीय लोग बिलावर में भूख हड़ताल पर बैठे।
15 नवंबर को एडीसी बिलावर विनय खोसला की अध्यक्षता में कई अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। परिजन ने भूख हड़ताल समाप्त कर आंदोलन को 31 जनवरी तक स्थगित कर दिया था।
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ज्ञापन में परिजनों ने इस घटना को आतंकी स्वरूप का बताया और आरोप लगाया कि इसमें आतंकियों के साथ ओवर ग्राउंड वर्कर्स की संलिप्तता रही है। उन्होंने कहा कि मल्हार क्षेत्र पहले से ही संवेदनशील है, जहां पिछले वर्षों में सेना और पुलिस के कई जवान शहीद हुए हैं। ज्ञापन में प्रारंभिक जांच के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों द्वारा बरती गई लापरवाही का उल्लेख करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही मामले की जांच सीबीआई या एनआईए जैसी एजेंसियों से करवाने की अपील की गई।
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परिजनों ने मृतक वरुण, योगेश और दर्शन को आधिकारिक रूप से शहीद का दर्जा देने की मांग की। इसके अलावा पीड़ित परिवारों को स्थायी पुनर्वास और सरकारी सहायता देने तथा मृतक योगेश और दर्शन की विधवा पत्नियों को स्थायी सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग भी रखी गई। ज्ञापन में मल्हार क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
पीड़ित परिवारों के सदस्य चमेल सिंह ने कहा कि उन्होंने सांविधानिक प्रक्रिया में विश्वास रखते हुए उपराज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक है लेकिन यदि 31 जनवरी तक न्याय में देरी हुई तो आंदोलन को व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाएगा। कहा कि यह आंदोलन केवल स्थानीय मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा, निर्दोष नागरिकों के न्याय और कानून व्यवस्था में विश्वास से जुड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि 5 मार्च 2025 को मलाड इलाके से मल्हार क्षेत्र में गई एक बरात में शामिल वरुण, दर्शन और योगेश के शव इच्छू नाले में एक साथ मिले थे। घटना के नौ महीने बाद भी उनके परिजन को न्याय नहीं मिला और मौत के कारणों का कोई खुलासा नहीं हुआ। इसके बाद 10 नवंबर 2025 को परिजन और स्थानीय लोग बिलावर में भूख हड़ताल पर बैठे।
15 नवंबर को एडीसी बिलावर विनय खोसला की अध्यक्षता में कई अधिकारी अनशन स्थल पर पहुंचे और निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। परिजन ने भूख हड़ताल समाप्त कर आंदोलन को 31 जनवरी तक स्थगित कर दिया था।