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Ladakh News: लद्दाख की शांत वादियों में शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण, 14,300 फीट ऊंची बनी मूर्ति
अमर उजाला नेटवर्क, लद्दाख
Published by: निकिता गुप्ता
Updated Sat, 28 Dec 2024 07:13 PM IST
सार
पांगोंग त्सो झील के किनारे छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य प्रतिमा का अनावरण हुआ जो भारतीय गौरव, साहस और एकता का प्रतीक बन गई है।
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पांगोंग त्सो झील छत्रपति शिवाजी महाराज प्रतिमा अनावरण
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
भारत के सबसे प्रतिष्ठित और सम्मानित सेनानायक में से एक, छत्रपति शिवाजी महाराज को समर्पित ऐतिहासिक और प्रेरणादायक श्रद्धांजलि आज पांगोंग त्सो की निर्मल झील के किनारे अनावरण की गई। समुद्र तल से 14,300 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह भव्य प्रतिमा शिवाजी महाराज की साहस, दूरदर्शी नेतृत्व और अडिग न्याय की विरासत को साकार करती है, जिसके लिए वे आज भी पूजनीय हैं।
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इस उद्घाटन समारोह की शोभा लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला, फायर एंड फ्यूरी कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग , बढ़ाई । लेफ्टिनेंट जनरल हितेश भल्ला मराठा लाइट इन्फैंट्री के कर्नल भी हैं। यह विशाल प्रतिमा, जो महान शासक की वीरता और गौरव को सटीक रूप से दर्शाती है, लद्दाख की शांत और कठोर सुंदरता के बीच प्रेरणा का प्रतीक बनी हुई है।
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पांगोंग त्सो की चमचमाती नीली झील और हिमालय की ऊंची चोटियों की पृष्ठभूमि में स्थापित यह प्रतिमा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और धरोहर का प्रमाण है। वास्तविक नियंत्रण रेखा के निकट स्थित इस स्थान का रणनीतिक महत्व है, जो चुनौतियों का सामना करने में शक्ति और एकता का प्रतिनिधित्व करता है। यह प्रतिमा भारत के विभिन्न हिस्सों के शिल्पकारों द्वारा सावधानीपूर्वक डिजाइन और तैयार की गई है। अत्यधिक ऊंचाई और कठिन जलवायु परिस्थितियों के बावजूद, इसे स्थापित करना एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण भारत के ऐतिहासिक प्रतीकों को मनाने और राष्ट्रीय गौरव की भावना को जागृत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा है। यह पांगोंग त्सो क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने का भी लक्ष्य रखता है, जो न केवल प्राकृतिक सुंदरता बल्कि इस महान नेता को समर्पित इस भव्य श्रद्धांजलि को देखने के लिए आगंतुकों को आकर्षित करेगा।