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Jammu Kashmir: वक्फ बिल के जरिए एक धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, बोले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला

अमर उजाला नेटवर्क, श्रीनगर Published by: निकिता गुप्ता Updated Tue, 16 Sep 2025 11:39 AM IST
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सार

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम को धर्म विशेष के खिलाफ बताते हुए इसके प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक को सकारात्मक कदम कहा। उन्होंने आप विधायक मेहराज मलिक की पीएसए के तहत गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए उनकी रिहाई और कश्मीर राजमार्ग बहाली की मांग भी की।

Jammu Kashmir: People of one religion are being targeted through the Waqf Bill, said Chief Minister Omar Abdul
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला - फोटो : ANI
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विस्तार
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जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम के जरिए एक धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के इस फैसले को एक सकारात्मक कदम बताया, जिसमें उसने पूरे कानून पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया, लेकिन इसके कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी।

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पत्रकारों से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा हम लगातार कह रहे हैं कि इस बिल के जरिए एक धर्म के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। यह अच्छी बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे समझा है। अगर इस अधिनियम के अन्य आपत्तिजनक हिस्सों पर भी ध्यान दिया जाए तो यह और बेहतर होगा।इससे पहले दिन में, उच्चतम न्यायालय ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 पर पूरी तरह से रोक लगाने से इन्कार कर दिया, लेकिन इसकी सांविधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम फैसला आने तक इसके कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि संशोधित अधिनियम के कुछ हिस्सों को सुरक्षा की आवश्यकता है।
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मुख्यमंत्री ने आप विधायक मेहराज मलिक के खिलाफ दर्ज लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) मामले को वापस लेने और उन्हें जल्द से जल्द रिहा करने की भी मांग की। उन्होंने कहा उनके खिलाफ पीएसए मामला वापस लिया जाना चाहिए और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिए।

आप विधायक मेहराज मलिक, जो जम्मू-कश्मीर के डोडा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, को 8 सितंबर को जम्मू और कश्मीर लोक सुरक्षा अधिनियम 1978 (पीएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी उनकी गतिविधियों को सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक मानने के आधार पर की गई थी।लोक सुरक्षा अधिनियम एक निवारक निरोध कानून है, जो जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों को कुछ मामलों में व्यक्तियों को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है।

अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कश्मीर घाटी में राजमार्ग को बंद करना केंद्र सरकार के नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि अगर यह उनके पास होता तो वह इसे खोल देते। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह राजमार्ग को बहाल करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से बात करेंगे। उन्होंने कहा, "यह राजमार्ग भारत सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। मैं राजमार्ग मंत्री गडकरी जी से बात करूंगा और उनसे राजमार्ग को बहाल करने और खोलने का आग्रह करूंगा। मैं रेल मंत्री से भी कहना चाहूंगा कि यहां से और अधिक ट्रेनें चलाई जाएं।

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