Interview: लेह हिंसा पर ताशी ग्यालसन का बड़ा बयान...जो हुआ, वह कल्पना से परे था, जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के अध्यक्ष ताशी ग्यालसन ने 24 सितंबर की हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि युवाओं की नाराजगी वाजिब है, लेकिन सभी को जिम्मेदारी लेकर समाधान की ओर बढ़ना चाहिए।

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लेह स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के अध्यक्ष ताशी ग्यालसन ने 24 सितंबर की हिंसा को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इस घटना ने लेह को झकझोर कर रख दिया। इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। किसी ने भी ऐसी घटना की कल्पना नहीं की थी।

शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अचानक हिंसा में बदल जाना चौंकाने वाला और बेहद दर्दनाक था। चार निर्दोष लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए, इसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
ताशी ने कहा कि घटना की मजिस्ट्रेट जांच चल रही है लेकिन पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए न्यायिक जांच होनी चाहिए। इस मांग पर लेह अपेक्स बॉडी, कारगिल लोकतांत्रिक गठबंधन और भाजपा बीच आम सहमति बन रही है।
उन्होंने कहा कि नौकरियों में देरी और भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर उनका गुस्सा स्वाभाविक है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए काम कर रहे हैं। इसी क्रम में पिछले दो वर्षों में 3,000 से अधिक सरकारी नौकरियां सृजित की गई हैं। डोमिसाइल संबंधी विवादों का समाधान कर दिया गया है और भर्ती में आयु सीमा में छूट दी गई है।
जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और उसके बाद हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों से जुड़े विवाद पर ताशी ने कहा कि सिर्फ युवाओं पर दोष नहीं मढ़ना चाहिए। सभी को जिम्मेदारी लेनी होगी। कई युवा धार्मिक संगठनों की अपील पर सामने आए और इरादा शांतिपूर्ण प्रदर्शन का था। ताशी ने हिंसा में बाहरी साजिश के आरोप लगाने के बजाय सबूतों पर बात करनी चाहिए।
एलएएचडीसी पर घटा है लोगों का भरोसा
परिषद में जनता के विश्वास और आगामी चुनावों पर ताशी ग्यालसन ने स्वीकार किया कि एलएएचडीसी पर लोगों का भरोसा कुछ कम जरूर हुआ है। विकास और नियोजन में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है लेकिन कानून-व्यवस्था प्रशासन के हाथ में है। उन्होंने कहा कि चुनाव की तारीख सरकार तय करेगी। हमारा ध्यान संवाद और एकता पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी ताकत एकता में निहित है।