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Jammu News: बारामुला में अवैध रेत खनन पर लोगों ने जताया रोष
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बारामुला में अवैध खनन। संवाद
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बोले-परमिट नारबल-उड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान मिट्टी उठाने का, माफिया कर रहे हैं अवैध रेत खनन
संवाद न्यूज एजेंसी
बारामुला। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर स्थानीय लोगों ने कड़ा रोष जताया है। लोगों का कहना है कि ठेकेदारों पर नारबल-उड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान मिट्टी उठाने का परमिट है। इसकी आड़ में कुछ खनन माफिया रेत का अवैध खनन करने में लगे हैं।
लोगों ने बताया कि उपठेकेदार जेसीसी कंपनी जिसे केवल राजमार्ग निर्माण के लिए मिट्टी निकालने की अनुमति थी, बडगाम सहित विभिन्न क्षेत्रों में रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। यह करीब सात हजार रुपये प्रति टिप्पर और 13 हजार रुपये प्रति डंपर की दर से निजी ठेकेदारों को रेत बेच रहे हैं। यह कथित गतिविधि खनन नियमों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन है।
स्थानीय लोगों ने जेसीसी और भूविज्ञान एवं खनन विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाए हैं और सवाल उठाया है कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधि बिना किसी रोक-टोक के कैसे जारी है।
एक निवासी ने कहा कि यह अज्ञानता नहीं बल्कि मिलीभगत है। अवैध खनन में शामिल भारी वाहनों और मशीनों की लगातार आवाजाही के कारण इलाके की संपर्क सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस स्थल पर चलने वाले कई टिप्पर और डंपर के पास संबंधित अधिकारियों से वैध परमिट नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 33,000 वोल्ट की एक बिजली लाइन सीधे उस स्थल से होकर गुजरती है। अगर खनन गतिविधि पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे बड़ी दुर्घटना या बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
इस तरह का अनियमित खनन न केवल पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करता है, बल्कि क्षेत्र के नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है। उन्होंने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि यह विकास नहीं है, यह प्रगति की आड़ में दिनदहाड़े लूट है। उन्होंने कंपनी और कथित तौर पर अवैध व्यापार में शामिल अधिकारियों दोनों से जवाबदेही की मांग की।
इस मामले में बारामुला के जिला खनिज अधिकारी सरफराज अहमद ने कहना कि बारामूला के खुशालपुरा-चेनाद में अवैध खनन गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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संवाद न्यूज एजेंसी
बारामुला। क्षेत्र में हो रहे अवैध खनन पर स्थानीय लोगों ने कड़ा रोष जताया है। लोगों का कहना है कि ठेकेदारों पर नारबल-उड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के दौरान मिट्टी उठाने का परमिट है। इसकी आड़ में कुछ खनन माफिया रेत का अवैध खनन करने में लगे हैं।
लोगों ने बताया कि उपठेकेदार जेसीसी कंपनी जिसे केवल राजमार्ग निर्माण के लिए मिट्टी निकालने की अनुमति थी, बडगाम सहित विभिन्न क्षेत्रों में रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। यह करीब सात हजार रुपये प्रति टिप्पर और 13 हजार रुपये प्रति डंपर की दर से निजी ठेकेदारों को रेत बेच रहे हैं। यह कथित गतिविधि खनन नियमों और मानक संचालन प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन है।
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स्थानीय लोगों ने जेसीसी और भूविज्ञान एवं खनन विभाग के अधिकारियों के बीच सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाए हैं और सवाल उठाया है कि इतने बड़े पैमाने पर अवैध गतिविधि बिना किसी रोक-टोक के कैसे जारी है।
एक निवासी ने कहा कि यह अज्ञानता नहीं बल्कि मिलीभगत है। अवैध खनन में शामिल भारी वाहनों और मशीनों की लगातार आवाजाही के कारण इलाके की संपर्क सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस स्थल पर चलने वाले कई टिप्पर और डंपर के पास संबंधित अधिकारियों से वैध परमिट नहीं हैं।
स्थानीय लोगों ने बताया कि 33,000 वोल्ट की एक बिजली लाइन सीधे उस स्थल से होकर गुजरती है। अगर खनन गतिविधि पर ध्यान नहीं दिया गया तो इससे बड़ी दुर्घटना या बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है।
इस तरह का अनियमित खनन न केवल पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन करता है, बल्कि क्षेत्र के नाज़ुक पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है। उन्होंने जिला प्रशासन से हस्तक्षेप करने और कड़ी दंडात्मक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा कि यह विकास नहीं है, यह प्रगति की आड़ में दिनदहाड़े लूट है। उन्होंने कंपनी और कथित तौर पर अवैध व्यापार में शामिल अधिकारियों दोनों से जवाबदेही की मांग की।
इस मामले में बारामुला के जिला खनिज अधिकारी सरफराज अहमद ने कहना कि बारामूला के खुशालपुरा-चेनाद में अवैध खनन गतिविधियों में शामिल पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।