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Leh Violence: लेह में हुई हिंसा पर डीजीपी का खुलासा, कहा- यह हमला था...जिसमें चार मौतें, दर्जनों लोग हुए घायल

अमर उजाला नेटवर्क, लेह Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 27 Sep 2025 02:29 PM IST
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सार

24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा में सुरक्षाबलों और नागरिकों के कई लोग घायल हुए, जिसमें चार लोगों की मौत भी हुई। लद्दाख डीजीपी एस.डी. सिंह जामवाल ने असामाजिक तत्वों द्वारा शांति प्रक्रिया को बिगाड़ने और विदेशी दखल की संभावना पर जांच जारी होने की जानकारी दी।

On the 24th Sept violence, Ladakh DGP Dr. S.D Singh Jamwal says, "Ever since Ladakh became a UT, there has bee
डीजीपी डॉ. एस.डी. सिंह जामवाल - फोटो : ANI
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विस्तार
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लद्दाख के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. एस.डी. सिंह जामवाल ने 24 सितंबर को हुए हिंसक घटनाक्रम पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही यहां 6वीं अनुसूची और स्टैट्हुड की राजनीतिक मांगें चल रही हैं। लेह एपेक्स बॉडी और केडीए ने सरकार के साथ इस मामले पर लंबी बातचीत की है, जो अभी भी जारी है। लेकिन इस प्रक्रिया को विफल करने की कोशिशें भी हो रही हैं।

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डीजीपी ने कहा कि कुछ पर्यावरण कार्यकर्ता और संदिग्ध संगठन इस मंच का गलत इस्तेमाल कर शांति और कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से सोनम वांगचुक का नाम लिया, जिनके कार्यों से पहले भी इस प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाने की कोशिशें हुईं हैं।
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उन्होंने बताया कि 24 सितंबर को एक बड़ी भीड़ (लगभग 5000-6000 लोग) ने सरकारी भवनों और राजनीतिक कार्यालयों को क्षतिग्रस्त किया, पुलिस और सुरक्षा बलों पर पथराव किया। सीआरपीएफ के जवानों पर बर्बरता हुई, जिनमें से एक गंभीर रीढ़ की चोट के साथ अस्पताल में भर्ती है। वहीं, आग लगने वाले एक भवन में चार महिला पुलिसकर्मी भी थीं। बाद में एक और बड़ी भीड़ वहां पहुंची और उस बिल्डिंग पर भी हमला किया। सुरक्षा बलों ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हुई।

डीजीपी ने बताया कि पहले दिन 32 लोग गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से 17 सीआरपीएफ के और 15 लद्दाख पुलिस के थे। बाद में यह संख्या बढ़कर 70-80 तक पहुंच गई। साथ ही, 70-80 नागरिक भी घायल हुए, जिनमें से सात की हालत गंभीर है। एक युवती को बेहतर इलाज के लिए दिल्ली एयरलिफ्ट किया गया है और 6-7 लोग अभी भी लद्दाख के अस्पताल में भर्ती हैं।
 

उन्होंने खुद भी इस हिंसा में घायल हुए, लेकिन मामूली चोटों के साथ बच गए। उन्होंने कहा कि यह हिंसा असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर हमला करके शुरू हुई और इसमें काफी आगजनी व पथराव हुआ।

विदेशी दखल के सवाल पर डीजीपी ने कहा कि जांच में तीन नेपाली नागरिक घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए और दो अन्य को पकड़ा गया है। यह स्पष्ट नहीं है कि वे जानबूझकर शामिल थे या नहीं, क्योंकि यहां कई नेपाली मजदूर के तौर पर आते रहते हैं। मामले की जांच जारी है।
 

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