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Leh Violence: DGP जामवाल बोले- सोनम वांगचुक पर पाकिस्तानी कनेक्शन और विदेशी फंडिंग का शक... जांच जारी

अमर उजाला नेटवर्क, लेह Published by: निकिता गुप्ता Updated Sat, 27 Sep 2025 06:56 PM IST
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सार

सोनम वांगचुक पर लद्दाख में हिंसा भड़काने, विदेशी फंडिंग और पाकिस्तान से कथित संबंध रखने के आरोपों की जांच जारी है। उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार कर जोधपुर जेल भेजा गया है।

Sonam wangchuk being probed for Pak links, Ladakh Police chief
सोनम वांगचुक - फोटो : Instagram
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विस्तार
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लद्दाख के पुलिस महानिदेशक एस. डी. सिंह जामवाल ने शनिवार को बताया कि सोनम वांगचुक के खिलाफ पाकिस्तान से कथित संबंधों को लेकर जांच जारी है। यह जांच पिछले महीने एक पाकिस्तानी खुफिया एजेंट की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई है, जो वांगचुक के विरोध प्रदर्शनों के वीडियो सीमा पार भेज रहा था।

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डीजीपी जामवाल ने सोनम वांगचुक को बुधवार को हुई हिंसा का मुख्य सूत्रधार बताया, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। शुक्रवार को वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेकर राजस्थान के जोधपुर जेल भेज दिया गया।
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उनकी गतिविधियां संदिग्ध हैं
डीजीपी ने कहा अब तक जांच में जो सामने आया है, उसे फिलहाल सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। लेकिन वांगचुक के भाषणों और गतिविधियों से यह साफ है कि उनकी मंशा लोगों को भड़काने की थी। उन्होंने ‘अरब स्प्रिंग’ और नेपाल, बांग्लादेश व श्रीलंका में हुए आंदोलनों का जिक्र कर लोगों को उकसाया।

उन्होंने बताया कि विदेशी फंडिंग और एफसीआरए  उल्लंघन की भी जांच की जा रही है। एक पाकिस्तानी खुफिया ऑपरेटिव को पकड़ा गया है, जो वांगचुक के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों के वीडियो पाकिस्तान भेज रहा था।

विदेश यात्राएं भी जांच के दायरे में
पुलिस प्रमुख ने वांगचुक की कुछ विदेश यात्राओं को भी संदिग्ध बताया। वांगचुक ने पाकिस्तान के एक मीडिया हाउस 'द डॉन' के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और बांग्लादेश की यात्रा भी की थी।

वांगचुक ने शांति भंग करने की कोशिश की
डीजीपी ने कहा कि वांगचुक लेह एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की ओर से चल रहे राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची की मांग को लेकर आंदोलन का चेहरा बने थे, लेकिन उन्होंने संवाद प्रक्रिया को पटरी से उतारने की कोशिश की।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और लद्दाख प्रतिनिधियों के बीच 25 सितंबर को एक अनौपचारिक बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन वांगचुक ने उसी दिन भड़काऊ वीडियो और बयान जारी कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की, जिसका नतीजा हिंसक झड़पों के रूप में सामने आया।


 

नेपालियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में
एलजी कविंद्र गुप्ता के विदेशी साजिश के बयान का समर्थन करते हुए डीजीपी ने कहा कि तीन नेपाली नागरिकों को गोली लगने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, और अन्य संदिग्ध विदेशी नागरिकों की भूमिका भी सामने आ रही है।

बुधवार की हिंसा के मामले में अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 6 प्रमुख षड्यंत्रकारी माने जा रहे हैं। डीजीपी जमवाल ने कहा, साफ है कि वांगचुक ही इस पूरे घटनाक्रम के मुख्य प्रेरक थे, इसलिए उन्हें राज्य से बाहर की जेल में रखा गया है।

यह खबर भी पढ़ें: Leh Violence: लेह में हुई हिंसा पर डीजीपी का खुलासा, कहा- यह हमला था...जिसमें चार मौतें, दर्जनों लोग हुए घायल

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