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Leh Violence: 'वांगचुक पर कोई ज्यादती नहीं हुई... न फंसाया गया, कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर', लद्दाख प्रशासन

अमर उजाला नेटवर्क, लेह Published by: निकिता गुप्ता Updated Wed, 01 Oct 2025 12:31 PM IST
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सार

लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक पर किसी भी तरह की ज्यादती या फंसाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विश्वसनीय सूचनाओं के आधार पर की गई है। उपराज्यपाल ने लेह हिंसा में शामिल किसी को भी न बख्शने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

Wangchuk was not subjected to any cruelty or framed; action was based on credible information from law enforce
एलजी कविंद्र गुप्ता लेह में सुरक्षा को लेकर बैठक करते हुए। - फोटो : एजेंसी
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विस्तार
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लद्दाख प्रशासन ने सोनम वांगचुक समेत लेह हिंसा प्रदर्शन व हिंसा से जुड़े कुछ व्यक्तियों को लेकर लगातार आ रही तमाम मीडिया रिपोर्टों पर मंगलवार की रात को स्पष्टीकरण जारी किया। प्रशासन ने किसी को फंसाने के आरोपों को निराधार बताया है और कड़ाई से इनका खंडन किया। कहा गया कि सोनम वांगचुक के साथ व कुछ अन्य लोगों के साथ कोई ज्यादती नहीं की गई।

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प्रशासन की ओर से कहा गया कि यूटी प्रशासन ये स्पष्ट करना चाहता है कि जो भी कार्रवाई हुई है, उसका आधार कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विश्वसनीय सूचनाएं और दस्तावेज हैं। एजेंसियों को प्रभावित किए बिना निष्पक्ष रूप से अपनी जांच जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।
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प्रशासन के बयान में कहा गया कि हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ अल्टरनेटिव लर्निंग से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले जांच एजेंसियों के अधीन हैं। प्रथम दृष्टया उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर जांच की जा रही है। उनके एनजीओ के लाइसेंस को रद्द करने का फैसला भी प्रमाणों के आधार पर लिया गया है। संगठन चाहे तो उचित मंच का सहारा ले सकता है। प्राधिकािरियों से अपील की जा सकती है। बयान में वांगचुक पर कई भड़काऊ बयान का दोषी पाया है। 

वांगचुक की ओर से नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश का हवाला देकर लोगों, खासकर युवाओं को भड़काने की कोशिश की गई।
11 सितंबर, 2025 को एनडीएस पार्क में लद्दाख एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में वांगचुक ने कहा कि युवा कह रहे हैं कि वे शांति नहीं चाहते और महात्मा गांधी के रास्ते पर चलना जरूरी नहीं है। लोग तैनात सुरक्षा बलों से नहीं डरते और अगर लोग बाहर निकलेंगे तो और भी बुरा हो सकता है।

अनशन शुरू करने से पहले वांगचुक ने 9 सितंबर को लोगों को कोविड का बहाना बनाकर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के दौरान मास्क, टोपी और हुडी आदि पहनने का सुझाव दिया जबकि लद्दाख में कोविड फैलने का कोई संकेत नहीं है।

अपने यूट्यूब चैनल ‘अचोए निंगस्टाम’ (लद्दाखी दर्शकों के लिए एक समर्पित चैनल जहां वे केवल स्थानीय भाषा में बोलते हैं) पर कहा वे सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भारत में अरब स्प्रिंग जैसी क्रांति लाएंगे।

आक्रामक भीड़ को शांत करने के लिए कई नेता दौड़े लेकिन वांगचुक ने शांति सुनिश्चित करने का कोई प्रयास नहीं किया।

उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अगली बैठक की तिथि घोषित किए जाने के बावजूद उन्होंने भूख हड़ताल समाप्त नहीं की।

नजरबंदी पर सोनम वांगचुक को विधिवत सूचित कर दिया गया है।

हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा : एलजी
लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने मंगलवार को साफ कहा कि हिंसा में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान करके
उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कानून अपना काम करेगा और किसी को भी सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। एलजी ने मंगलवार को भी पुलिस-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों संग बैठक कर लद्दाख की मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने बीती 24 सितंबर को लेह हिंसा में घायल सुरक्षाकर्मियों का भी हालचाल जाना। उन्हें बताया गया कि हिंसा के दौरान विभिन्न स्थानों पर अपनी ड्यूटी निभाते हुए 57 सीआरपीएफ कर्मी और 48 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। एलजी ने घायल कर्मियों को सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार मिलने का भरोसा दिलाया।

प्रशासन को इन कर्मियों को पूर्ण सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए।
लद्दाख में सामान्य हालात बहाल करने में स्थानीय निवासियों की ओर से दिखाई जा रही परिपक्वता और संयम की भी सराहना की। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. पवन कोतवाल, पुलिस महानिदेशक डॉ. एसडी सिंह जामवाल, सेना, सीआरपीएफ और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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