J&K: जम्मू में रोजाना पड़ रही 250 यूनिट खून की जरूरत, ब्लड बैंक पर बढ़ा दबाव; निगेटिव ग्रुप मिलना सबसे दुर्लभ
जम्मू के मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े अस्पतालों में रोजाना करीब 250 यूनिट खून की आवश्यकता होती है, जिसे पूरा करने के लिए नियमित रूप से ब्लड डोनेशन किया जाता है। पॉजिटिव ब्लड ग्रुप आसानी से मिल जाता है, जबकि निगेटिव ग्रुप की उपलब्धता चुनौतीपूर्ण होने के कारण अस्पतालों को दानदाताओं से लगातार संपर्क बनाए रखना पड़ता है।
विस्तार
मेडिकल काॅलेज सहित इससे संबद्ध अस्पतालों में सभी जगह ब्लड बैंक स्थापित किए गए हैं। रोजाना कम से कम 250 यूनिट ब्लड की जरूरत होती है। इतनी ही संख्या में ब्लड डोनेशन भी होता है। इसमें पाॅजिटिव ब्लड ग्रुप की मांग सबसे अधिक रहती है। वहीं, निगेटिव ब्लड ग्रुप की आवश्यकता को मेडिकल काॅलेज मांग के आधार पर पूरा करने की कोशिश करता है। जम्मू शहर में लगभग 25 ऐसे निजी अस्पताल हैं जिनके पास खुद का ब्लड बैंक हैं।
मरीजों के बीच ब्लड की कमी को पूरा करने में पाॅजिटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों की सूची मेडिकल काॅलेज व राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी के पास है। पाॅजिटिव ब्लड ग्रुप में ओ, ए और एबी पाॅजिटिव ब्लड ग्रुप के ब्लड के दानदाता आसानी से मिल जाते हैं लेकिन निगेटिव ब्लड ग्रुप के दानदाता को खोजकर लाना मुश्किल होता है।
इसके लिए ओ निगेटिव वाले रक्तदाताओं से लगातार संपर्क किया जाता है ताकि आपातकालीन स्थिति में इनको रक्तदान के लिए बुलाया जा सके। रक्त से संबंधित बीमारियों से लड़ने वाले मरीजों जिसमें हीमोफीलिया, ब्लड कैंसर सहित डायलिसिस कराने वालों को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाता है।
ताकि इन मरीजों को किसी तरह की समस्या न हो सके। सैंपलिंग, जांच व इसके रख-रखाव को लेकर खास सतर्कता बरती जाती है। मेडिकल कालेज, एसएमजीएस शालामार अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में अपना खुद का ब्लड बैंक संचालित किया जा रहा है।
- जम्मू ब्लड सेंटर
- आईवी हाॅस्पिटल
- न्यू रूबी हाॅस्पिटल
- प्रणव मल्टी स्पेसलिटी हास्पिटल
- बीएन जनरल हाॅस्पिटल ब्लड बैंक
- ग्रीन एवेन्यू ब्लड सेंटर, ह्यूमिनिटी ब्लड सेंटर
- भगवत बुद्ध चैरिटेबल ब्लड सेंटर
समय-समय पर की की जाती है जांच
मेडिकल काॅलेज से संबद्ध अन्य अस्पतालों के ब्लड बैंक व निजी अस्पतालों के ब्लड बैंक की जांच की जाती है ताकि यह पता किया जा सके कि जो रक्त मिला उसका पूरा सदुपयोग हुआ कि नहीं। कई बार ऐसा भी होता है कि किसी खास ब्लड ग्रुप का रक्त होने के बाद भी उसका उपयोग नहीं हो पाता, ऐसे में मांग के आधार पर उसे दूसरे अस्पतालों को भी उपलब्ध करा दिया जाता है। लोगों को खास तौर पर जागरूक किया जा रहा है कि वह रक्तदान से घबराएं नहीं, रक्त की जरूरत जागरूकता से ही पूरी होगी।
मेडिकल कालेज में संचालित ब्लड बैंक में हर समय पर्याप्त संख्या ब्लड की उपलब्धता रहती है। यहां पर ब्लड की स्टोरेज क्षमता बेहतर है। आने वाले दिनों में इसे और अपग्रेड करने जा रहे हैं। इसका लाभ मरीजों को मिलेगा। निजी अस्पतालों में ब्लड बैंक की जानकारी नहीं है। -डाॅ. आशुतोष गुप्ता, प्रिंसिपल मेडिकल कालेज, जम्मू