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भाजपा की जम्मू-कश्मीर में सियासी शक्ति की गवाह बनेंगी शाह की रैलियां
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जम्मू। गृहमंत्री अमित शाह की चार अक्तूबर को जम्मू संभाग के राजोरी जिले और पांच अक्तूबर को कश्मीर संभाग के बारामूला जिले में रैलियां भाजपा की जम्मू कश्मीर में सियासी शक्ति का गवाह बनेगी। प्रत्येक रैली में भाजपा लाख से ज्यादा लोगों के पहुंचने का दावा कर रही है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद व आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत राजोरी और बारामूला जिले में रैली करने के लिए खास मकसद से चुना है। दरअसल राजोरी और बारामूला जिले अनुच्छेद 370 की समाप्ति से पूर्व विकास में अति पिछड़े जिले माने जाते थे। इन जिलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की संख्या भी ज्यादा है।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए नौ सीटों को आरक्षित किया है। ऐसे में अमित शाह इन जिलों के विकास में पूर्व स्थिति पर नेेकां, पीडीपी और कांग्रेस पर निशाना साधने सहित अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में भाजपा सरकार की तरफ से किए गए कार्यों और विकास कार्यों को उजागर कर सियासी लक्ष्य साधेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुण चुग का कहना है कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के कार्यकाल में राजोरी और बारामूला जिलों को पिछड़ा जिला माना जाता था, लेकिन पांच अगस्त 2019 को मोदी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों से तस्वीर बदल चुकी है और अब हालत यह है कि गृहमंत्री इन्हीं दो जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजाति वर्ग हो या अनुसूचित जाति हर वर्ग के कल्याण व विकास की दिशा में मोदी सरकार ने फैसले लिए हैं और इसका लाभ जमीनी सतर पर लोगों को हासिल भी हो रहा है। पहले केवल अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार तक ही विकास सीमित रहता था।
चुग का दावा है कि राजोरी और बारामूला में होने वाली रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी और भाजपा पर अपना विश्वास जताएगी। उल्लेखनीय हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता तक पहुंचने के लिए अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई नौ सीटों की अहम भूमिका रहने वाली है।
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पार्टी सूत्रों के अनुसार परिसीमन आयोग की रिपोर्ट आने के बाद व आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के तहत राजोरी और बारामूला जिले में रैली करने के लिए खास मकसद से चुना है। दरअसल राजोरी और बारामूला जिले अनुच्छेद 370 की समाप्ति से पूर्व विकास में अति पिछड़े जिले माने जाते थे। इन जिलों में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की संख्या भी ज्यादा है।
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परिसीमन आयोग की रिपोर्ट में विधानसभा में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए नौ सीटों को आरक्षित किया है। ऐसे में अमित शाह इन जिलों के विकास में पूर्व स्थिति पर नेेकां, पीडीपी और कांग्रेस पर निशाना साधने सहित अनुसूचित जनजाति वर्ग के हित में भाजपा सरकार की तरफ से किए गए कार्यों और विकास कार्यों को उजागर कर सियासी लक्ष्य साधेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तरुण चुग का कहना है कि नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के कार्यकाल में राजोरी और बारामूला जिलों को पिछड़ा जिला माना जाता था, लेकिन पांच अगस्त 2019 को मोदी सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक फैसलों से तस्वीर बदल चुकी है और अब हालत यह है कि गृहमंत्री इन्हीं दो जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे।
उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर में अनुसूचित जनजाति वर्ग हो या अनुसूचित जाति हर वर्ग के कल्याण व विकास की दिशा में मोदी सरकार ने फैसले लिए हैं और इसका लाभ जमीनी सतर पर लोगों को हासिल भी हो रहा है। पहले केवल अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार तक ही विकास सीमित रहता था।
चुग का दावा है कि राजोरी और बारामूला में होने वाली रैलियों में लाखों लोगों की भीड़ जुटेगी और भाजपा पर अपना विश्वास जताएगी। उल्लेखनीय हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता तक पहुंचने के लिए अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई नौ सीटों की अहम भूमिका रहने वाली है।