{"_id":"6725a4a2532e7e7e6a0b21b4","slug":"j-k-news-develop-a-mechanism-for-uninterrupted-movement-of-ambulances-in-jammu-and-kashmir-and-ladakh-high-c-2024-11-02","type":"story","status":"publish","title_hn":"J&K News: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एंबुलेंस के निर्बाध आवागमन के लिए एक तंत्र विकसित करें, हाईकोर्ट का फैसला","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
J&K News: जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में एंबुलेंस के निर्बाध आवागमन के लिए एक तंत्र विकसित करें, हाईकोर्ट का फैसला
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: निकिता गुप्ता
Updated Sat, 02 Nov 2024 09:33 AM IST
सार
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में एंबुलेंस सेवाओं के निर्बाध आवागमन के लिए मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया।
विज्ञापन
मुंबई में कोर्ट ने महिला ड्रग तस्कर को जमानत देने से किया मना
- फोटो : ANI
विज्ञापन
विस्तार
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने दोनों यूटी के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों (डीजीपी) को निर्देश दिया है कि वे स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर एंबुलेंस के निर्बाध आवागमन के लिए एक तंत्र विकसित करें।मुख्य न्यायाधीश ताशी रबस्तान और न्यायाधीश पुनीत गुप्ता की पीठ ने यह आदेश 2018 में व्हाइट ग्लोब एनजीओ द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई में दिया। याचिका में एंबुलेंस के बुनियादी ढांचे को यूरोपीय मानकों के अनुसार अपग्रेड करने और विभिन्न सरकारी विभागों, विशेषकर यातायात और स्वास्थ्य विभाग के बीच बेहतर समन्वय की मांग की गई थी।
Trending Videos
पिछले वर्ष अप्रैल में उच्च न्यायालय ने कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर को एंबुलेंस के बुनियादी ढांचे के उन्नयन और उनके निर्बाध आवागमन के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया था। डिविजनल कमिश्नर ने विभिन्न विभागों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर 22 फरवरी को एक हलफनामा अदालत में पेश किया था।
विज्ञापन
विज्ञापन
हलफनामे में बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जम्मू-कश्मीर ने 24 मार्च 2020 से बीवीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत जम्मू-कश्मीर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का एक पहल शुरू की है। अदालत ने कहा कि विभिन्न विभागों ने पहले से ही कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किए गए शिकायतों का संज्ञान लिया है और उपयुक्त कार्रवाई की है। इसलिए, अदालत ने वर्तमान याचिका को समाप्त करते हुए सीएस और डीजीपी को एंबुलेंस के निर्बाध आवागमन के लिए तंत्र विकसित करने का निर्देश दिया।