जम्मू : डेढ़ माह बाद ज्यौड़ियां के हर्ष नागोत्रा का शव पाकिस्तान से पहुंचा घर, आज हुआ अंतिम संस्कार
हर्ष 11 जून को ज्यौड़ियां के बकार क्षेत्र में चिनाब नदी में नहाते हुए बह गया था। उसका शव पाकिस्तान के सियालकोट की नहर से मिला था। वहां उसके शव को दफना दिया गया था।
विस्तार
केंद्र सरकार और सेना के प्रयासों से जम्मू के ज्यौड़ियां निवासी हर्ष नागोत्रा (22) का शव शनिवार को एक माह और 16 दिन बाद पाकिस्तान से घर पहुंचा। रविवार सुबह हर्ष का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान परिवार के सदस्य, ग्रामीण और अन्य गणमान्य लोग हर्ष की अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
पाकिस्तानी रेंजरों ने शनिवार शाम सवा छह बजे के करीब सुचेतगढ़ बॉर्डर से शव बीएसएफ को सौंपा। परिजन शव को लेकर एंबुलेंस के जरिये घर पहुंचे। इस दौरान 61 आर्मर शाखा के सैन्य अधिकारी भी थे। हर्ष का अंतिम संस्कार रविवार सुबह ज्यौड़ियां स्थित श्मशानघाट पर किया जाएगा।
11 जून को चिनाब नदी में बह गया था हर्ष
बता दें, हर्ष 11 जून को ज्यौड़ियां के बकार क्षेत्र में चिनाब नदी में नहाते हुए बह गया था। उसका शव पाकिस्तान के सियालकोट की नहर से मिला था। वहां उसके शव को दफना दिया गया था।
महीने बाद हर्ष के शव का सियालकोट में होने की खबर मिली
इधर हर्ष के परिजन उसकी तलाश कर रहे थे। एक महीने बाद पता चला कि हर्ष का शव बह कर सियालकोट चला गया और वहां अज्ञात समझकर दफना दिया गया। इसके बाद परिजनों ने केंद्र सरकार और सेना से बेटे के शव को वापस लाने की गुहार लगाई थी। इस मामले में सांसद जुगल किशोर शर्मा भी नई दिल्ली में विदेश मंत्री से मिले थे और परिजनों की तरफ से दिए गए पत्र को उन्हें सौंपा था।
शव वापस लाने की मांग को लेकर ज्यौड़ियां में ब्राह्मणा सभा खौड़ ने प्रदर्शन किया था। हर्ष के पिता सुभाष चंद्र रखमुट्ठी स्टेशन पर सेना के अधिकारियों से भी मिले थे। इस मांग को लेकर प्रेस कोर काउंसिल ने भी हर्ष के परिजनों की मदद की। काउंसिल ने उच्च न्यायालय में शव वापस लाने की मांग संबंधी याचिका दायर की थी। इसमें मांग की गई थी कि केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह हर्ष नागोत्रा का शव वापस लाने में हस्तक्षेप करे, ताकि परिजन सनातन धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर सकें।
व्हाट्सएप से पता चला कि हर्ष का शव पाकिस्तान पहुंच गया है
हर्ष नागोत्रा 11 जून से लापता था और 12 जून को परिजनों की तरफ से ज्यौड़ियां पुलिस चौकी में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। उसका शव 13 जून को सियालकोट पाकिस्तान की एक नहर से मिला। शव पाकिस्तान में होने की जानकारी परिजनों को पाकिस्तान से फोन पर आए एक व्हाट्सएप मैसेज से मिली।
सियालकोट में हर्ष की पहचान उसके गले में लटक रहे पहचान पत्र से हुई, जिस पर फोन नंबर लिखा हुआ था। वहां से व्हाट्सएप पर 13 जून को ही मैसेज कर दिया गया था। एक महीने बाद परिजनों की तरफ से जब 12 जुलाई को डुप्लीकेट सिम निकाल कर फोन में डाला तो व्हाट्सएप पर हर्ष के नहर में पड़े शव के फोटो और आई कार्ड का फोटो पड़ा था। इसके बाद परिजनों ने शव वापस लाने की प्रक्रिया शुरू की।
पिता ने केद्र और अन्य संगठनों का आभार जताया
आरएस पुरा। सुचेतगढ़ बार्डर की आक्ट्राय पोस्ट से शव को सीधे हर्ष के पैतृक गांव ज्यौड़ियां लाया गया। हर्ष के पिता सुभाष नागोत्रा शनिवार दोपहर परिजनाें के साथ बेटे का शव लेने सीमा पर पहुंचे थे। पाकिस्तानी सेना ने हालांकि शव को सौंपने का समय दोपहर तीन बजे दिया था, लेकिन तीन घंटे के बिलंब के बाद शाम 6:20 बजे शव को सौंपा गया। बताया जा रहा है कि आरएस पुरा प्रशासन के साथ पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। हर्ष के पिता सुभाष चंद्र ने केंद्र सरकार, मीडिया व अन्य संगठनों और लोगों का आभार जताया।