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Jammu News: गृह मंत्रालय पर लद्दाख के मुद्दों को लेकर दबाव बनाने की होगी कोशिश
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करीब चार महीने के इंतजार के बाद आज नई दिल्ली में होगी एचपीसी की बैठक
हालात के मद्देनजर लद्दाख समेत देश भर की नजर रहेगी इस महत्वपूर्ण बैठक पर
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। लगभग चार माह के इंतजार के बाद लद्दाख मामलों पर गठित हाईपावर कमेटी (एचपीसी) की गृह मंत्रालय के साथ बुधवार को दिल्ली में बैठक होने जा रही है। इसमें लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधि केंद्र सरकार पर लद्दाख के मुद्दों को लेकर दबाव बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
इनकी प्रमुख मांगों में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, उसे संविधान की छठी सूची में शामिल किए जाना, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की बगैर शर्त रिहाई और हिंसा पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांगें प्रमुख तौर पर शामिल हैं।
इस बीच केंद्र की ओर से स्थानीयवासियों की लेह हिंसा की न्यायिक जांच की मांग जरूर मान ली गई है लेकिन जांच समिति में स्थानीय प्रतिनिधि को शामिल न किए जाने से वे नाखुश है। उन्हें आशंका है कि लद्दाखी प्रतिनिधि को इस कमेटी में शामिल किए गए बगैर निष्पक्ष जांच नहीं हो सकेगी। लद्दाख के पूर्व सांसद जमग्याल छेरिंग नमग्याल ने इस बैठक से काफी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की लद्दाख के लोगों के साथ संवाद, शांति और एकता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बीती 27 मई को हुई थी एचपीसी की आखिरी बैठक
गृह मंत्रालय के साथ एचपीसी की बैठक बीती 27 मई को हुई थी। वह भी करीब चार महीने के लंबे इंतजार के बाद। इसके बाद 22 अक्तूबर को यह बैठक होने जा रही है। इस पर सबकी नजर लगी है। एलएबी के को-चेयरमैन छेरिंग दोरजे दोहरा चुके हैं कि इस बैठक के नतीजे पर ही अगली बैठक का भाग्य निर्धारित होगा।
बैठक के लिए ही भूख हड़ताल पर बैठे थे वांगचुक
एचपीसी की बैठक जल्द बुलाए जाने को लेकर ही पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लेह में भूख हड़ताल पर बैठे थे। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने 25 सितंबर की तिथि बैठक के लिए तय की थी और लद्दाख के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हाेने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उससे ऐन पहले 24 सितंबर को लेह में हिंसा और आगजनी हो गई।
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हालात के मद्देनजर लद्दाख समेत देश भर की नजर रहेगी इस महत्वपूर्ण बैठक पर
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। लगभग चार माह के इंतजार के बाद लद्दाख मामलों पर गठित हाईपावर कमेटी (एचपीसी) की गृह मंत्रालय के साथ बुधवार को दिल्ली में बैठक होने जा रही है। इसमें लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के प्रतिनिधि केंद्र सरकार पर लद्दाख के मुद्दों को लेकर दबाव बनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
इनकी प्रमुख मांगों में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा, उसे संविधान की छठी सूची में शामिल किए जाना, पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक समेत लेह हिंसा के बाद गिरफ्तार किए गए सभी लोगों की बगैर शर्त रिहाई और हिंसा पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांगें प्रमुख तौर पर शामिल हैं।
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इस बीच केंद्र की ओर से स्थानीयवासियों की लेह हिंसा की न्यायिक जांच की मांग जरूर मान ली गई है लेकिन जांच समिति में स्थानीय प्रतिनिधि को शामिल न किए जाने से वे नाखुश है। उन्हें आशंका है कि लद्दाखी प्रतिनिधि को इस कमेटी में शामिल किए गए बगैर निष्पक्ष जांच नहीं हो सकेगी। लद्दाख के पूर्व सांसद जमग्याल छेरिंग नमग्याल ने इस बैठक से काफी उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा कि यह सरकार की लद्दाख के लोगों के साथ संवाद, शांति और एकता की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बीती 27 मई को हुई थी एचपीसी की आखिरी बैठक
गृह मंत्रालय के साथ एचपीसी की बैठक बीती 27 मई को हुई थी। वह भी करीब चार महीने के लंबे इंतजार के बाद। इसके बाद 22 अक्तूबर को यह बैठक होने जा रही है। इस पर सबकी नजर लगी है। एलएबी के को-चेयरमैन छेरिंग दोरजे दोहरा चुके हैं कि इस बैठक के नतीजे पर ही अगली बैठक का भाग्य निर्धारित होगा।
बैठक के लिए ही भूख हड़ताल पर बैठे थे वांगचुक
एचपीसी की बैठक जल्द बुलाए जाने को लेकर ही पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक लेह में भूख हड़ताल पर बैठे थे। हालांकि इस बीच केंद्र सरकार ने 25 सितंबर की तिथि बैठक के लिए तय की थी और लद्दाख के प्रतिनिधि बैठक में शामिल हाेने की तैयारी कर रहे थे लेकिन उससे ऐन पहले 24 सितंबर को लेह में हिंसा और आगजनी हो गई।