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नवरात्र 2023: बावे वाली माता मंदिर में उमड़े भक्त, आज ज्योति प्रज्ज्वलन, साख लगाने के लिए पूरा दिन शुभ

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: kumar गुलशन कुमार Updated Wed, 22 Mar 2023 05:19 PM IST
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सार

शहर के प्रसिद्ध बावे वाली माता के दरबार को अमृतसर और कोलकाता से मंगाए गए फूलों से सजाया गया है। रंगबिरंगी लाइट से की गई सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र बन रही।

Navratri 2023: Devotees gathered in the Mata Temple Wali Mata Temple
Jammu - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का महापर्व चैत्र नवरात्र आज से शुरू है। बाजारों से लेकर मंदिरों को रंगबिरंगी लाइट और फूलों से सजाया गया है। पहले दिन मां भगवती के दरबार में माथा टेकने के लिए हजारों की संख्या में भक्त पहुंचेंगे। घरों में भी कलश स्थापना, ज्योति प्रज्ज्वलन और साख स्थापित की जाएगी।

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शहर के प्रसिद्ध बावे वाली माता के दरबार को अमृतसर और कोलकाता से मंगाए गए फूलों से सजाया गया है। रंगबिरंगी लाइट से की गई सजावट विशेष आकर्षण का केंद्र बन रही। मंदिर परिसर में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। यहां प्रतिदिन हजारों की संख्या में भक्तजनों के पहुंचने की उम्मीद है। उधर, शहर में भी अन्य स्थानों पर भी नवरात्र को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। बावे वाली माता मंदिर के महंत बिट्टा पुजारी के अनुसार सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर के कपाट सुबह चार बजे खुल जाएंगे।
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30 को दुर्गा नवमी एवं श्रीरामनवमी

इस बार 29 मार्च(शनिवार) को श्री दुर्गाष्टमी और 30 मार्च को दुर्गा नवमी एवं श्रीरामनवमी होगी। इस बार नवरात्र पूरे नौ दिनों के हैं और मां दुर्गा नाव पर सवार होकर आएंगी। आज पूरा दिन कलश स्थापना,ज्योति प्रज्ज्वलन और साख लगाने के लिए शुभ है।

नवरेह महोत्सव शुरू, आज शुभ थाली के दर्शन करेंगे कश्मीरी पंडित

संजीवनी शारदा केंद्र में तीन दिवसीय नवरेह महोत्सव का आगाज मंगलवार को हुआ। 23 मार्च तक चलने वाले महोत्सव में कश्मीरी पंडित समुदाय कश्मीर घाटी में फिर से वापस जाने का संकल्प लेगा।
महोत्सव के पहले दिन आनंद नगर बोड़ी स्थित शारदा केंद्र में वैद्य शिर्य भट्ट को समर्पित त्याग दिवस मनाया। इस दौरान 15वीं शताब्दी में अपनी संस्कृति को बचाने का बीड़ा उठाने वाले कश्मीर में महाश्री वैद्य शिर्यभट्ट ने उठाया था। 

उन्होंने त्याग ही नहीं बल्कि अपने समय के इतिहासकारों को कश्मीर के गौरवमयी इतिहास को लिपिबद्ध करने के लिए प्रोत्साहित किया। 22 मार्च को नववर्ष का प्रारंभ होगा। आज शुभ थाली का दर्शन किया जाएगा। इसमें कश्मीरी पंडित पारिवारिक स्तर एक पारंपरिक वेशभूषा में संकल्प लेकर शपथ लेंगे। महोत्सव के अंतिम दिन 23 मार्च को शौर्य दिवस मनाया जाएगा। इस दिन शाम छह से सात बजे तक श्रीश्री रविशंकर वर्चुअल मोड के माध्यम से संबोधित करेंगे।

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