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जम्मू-कश्मीर: जमात-ए-इस्लामी पर दूसरे दिन भी एनआईए की कार्रवाई जारी, अब तक बरामद हुए ये सबूत

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जम्मू Published by: प्रशांत कुमार Updated Mon, 09 Aug 2021 03:33 PM IST
सार

जमात-ए-इस्लामी के ठिकानों पर दूसरे दिन भी एनआईए की कार्रवाई जारी है। इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस संगठन के 56 ठिकानों पर छापा मारा था।

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NIA raids five locations linked to Jamaat e Islami in Bandipora jammu kashmir in Terror funding probe
जमात-ए-इस्लामी, फाइल फोटो - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए ने कश्मीर के बांदीपोरा में सोमवार को जमात-ए-इस्लामी के पांच ठिकाना पर छापा मारा है। यह कार्रवाई टेरर फंडिंग मामले में की जा रही है। इससे पहले एनआईए ने रविवार को 14 जिलों में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के 56 ठिकानों पर छापा मारा था। सीआरपीएफ और पुलिस के साथ श्रीनगर, बडगाम, गांदरबल, बारामुला, कुपवाड़ा, बांदीपोरा, अनंतनाग, शोपियां, पुलवामा, कुलगाम, रामबन, डोडा, किश्तवाड़ और राजोरी जिले में कार्रवाई की।

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उधर रविवार को जमात-ए-इस्लामी पर हुई एनआईए की कार्रवाई पर जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी मुखिया महबूबा मुफ्ती ने सवाल उठाया है। महबूबा ने कहा कि जमात पर एनआईए की छापेमारी भारत सरकार के तथाकथित अभिन्न भाग के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रतीक है। इस तरह के दमनकारी उपाय अस्थायी रूप से काम कर सकते हैं लेकिन लंबे समय में यह काउंटर प्रोडक्टिव साबित होंगे। जम्मू-कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों के बीच की खाई हर गुजरते दिन के साथ चौड़ी होती जा रही है।
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आतंकी संगठनों को जमात-ए-इस्लामी की पुश्त पनाही
साल 1941 में एक संगठन बनाया गया जिसका नाम जमात-ए-इस्लामी था। जमात-ए-इस्लामी (जम्मू-कश्मीर) कश्मीर की सियासत में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। साल 1971 से यह संगठन चुनावी मैदान में कूदा। हालांकि तब इसे एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। जमात-ए-इस्लामी काफी लंबे समय से कश्मीर को पाकिस्तान में मिलाने की मुहिम भी चला रहा है। सूत्रों का कहना है कि घाटी में कार्यरत कई आतंकी संगठन जमात के इन मदरसों और मस्जिदों में पनाह लेते रहे हैं। बताया जाता है कि यह आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का राजनीतिक चेहरा है। जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर ने ही हिजबुल मुजाहिदीन को खड़ा किया है और उसे हर  तरह की मदद करता है। 


यह भी पढ़ें- आतंकवाद पर एक और प्रहार: हिजबुल मुजाहिदीन के दो दहशतगर्द गिरफ्तार, हाल ही में चुना था आतंक का रास्ता    

 
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