संविधान दिवस: जम्मू-कश्मीर में भेदभाव खत्म और आतंकवाद को उखाड़ फेंकना मेरा मिशन, बोले एलजी मनोज सिन्हा
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान दिवस पर कहा कि जम्मू-कश्मीर में उनका मिशन भेदभाव और अन्याय को समाप्त कर नागरिकों के जीवन में सुधार लाना तथा आतंकवाद के पूरे तंत्र को खत्म करना रहा है।
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जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि उनके जम्मू-कश्मीर में मिशन का उद्देश्य नागरिकों के जीवन में सुधार लाना, भेदभाव और अन्याय को समाप्त करना तथा आतंकवाद के पूरे तंत्र को खत्म करना रहा है।
संविधान दिवस समारोह में बोलते हुए सिन्हा ने कहा कि लंबे समय तक अलगाववादियों को पुरस्कृत करने और देशभक्तों को प्रताड़ित करने की जो नीति चली आ रही थी, उसे पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। समारोह में उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पाठ कराया और संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि दी।
एलजी ने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 को रद्द करने और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में संविधान की सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह लागू कर दी गईं, जिससे भेदभाव और अन्याय का शासन समाप्त हुआ।
अब जम्मू-कश्मीर संविधान में निहित समानता, सामाजिक और आर्थिक न्याय के आदर्शों के मार्गदर्शन में आगे बढ़ रहा है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि पिछले पांच वर्षों में जो भी उपलब्धियां मिली हैं, उनमें मुख्य उपलब्धि यह है कि अलगाववादियों को पुरस्कृत करने और देशभक्तों को प्रताड़ित करने की नीति पूरी तरह खत्म कर दी गई है।
उपराज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान की सभी व्यवस्थाओं को लागू कर जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के सम्मान, गौरव और गरिमा को सुनिश्चित किया है।
संविधान दिवस समारोह संस्कृति विभाग और कानून, न्याय एवं संसदीय कार्य विभाग के संयुक्त आयोजन में आयोजित किया गया। समारोह में जम्मू-कश्मीर विधान सभा के स्पीकर अब्दुल रहीम रदर, वरिष्ठ नागरिक और पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।
सिन्हा ने अधिकारियों और नीति निर्धारकों से संविधान के मूल्यों की रक्षा और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह किया और कहा कि संविधान हमें एकता, समानता और आत्म-सम्मान का मार्ग दिखाता है। राष्ट्रीय एकता और अखंडता बनाए रखना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है और हमें भारत को शक्तिशाली और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करना चाहिए।