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Pink Bus in Jammu: महिलाओं के लिए पिंक टैक्सी चलाने की तैयारी, हकीकत; पहले से चल रही महिला बस है बंद
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: kumar गुलशन कुमार
Updated Wed, 22 Mar 2023 02:17 PM IST
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सार
इस बार के बजट में सरकार प्रदेश में महिलाओं के लिए पिंक टैक्सी सुविधा शुरू करने का दावा कर रही है, लेकिन 2016 में शुरू की महिला विशेष बस बंद पड़ी है, जो सरकार की कथनी और करनी को दर्शाता है।

Pink Bus in Jammu
- फोटो : अमर उजाला

विस्तार
प्रदेश की आधी आबादी को बेहतर सुविधा देने के नाम पर सरकारे घोषणाएं तो करती है, लेकिन इच्छाशिक्त कमी से वह घोषणाएं सिर्फ सरकारी फाइलों तक सीमित रह जाती है। इस बार के बजट में सरकार प्रदेश में महिलाओं के लिए पिंक टैक्सी सुविधा शुरू करने का दावा कर रही है, लेकिन 2016 में शुरू की महिला विशेष बस बंद पड़ी है, जो सरकार की कथनी और करनी को दर्शाता है।
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महिलाओं को सुविधाजनक और सम्मानजनक परिवहन सुविधा देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुरू करवाया था। इससे न सिर्फ कामकाजी महिलाओं बल्कि स्कूल कॉलेज जाने वाले छात्रों को भी सुविधा मिलती थी। 2016 में सेवा शुरू होने के बाद जम्मू में एक साल तक बस चल, जो बंद हो गए।
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कम रुझान होने का हवाला
बस बंद करने पर जेकेआरटीसी ने यात्रियों कम रुझान होने का हवाला दिया, जिसके बाद महिला बस बंद हो गई। वहीं श्रीनगर शहर में दो महिला विशेष बसें चलती थी। कुछ समय तक बस सेवा नियमित चलती रही और महिलाओं का भी रुझान रहा, लेकिन कोविड-19 के समय जेकेआरटीसी ने इस बस सेवा को बंद किया, जो फिर दोबारा शुरू नहीं हो पाई। जम्मू शहर में महिला बस परेड, पंजतर्थी, रिहाड़ी, गांधीनगर सहित अन्य रुट पर चलती थी।
आरक्षित सीटें तो हैं पर मिलती नहीं
कामकाजी महिलाओं और स्कूल- कॉलेज जाने वाली छात्रों को काफी सुविधा थी। महिलाओं के लिए मेटाडोर और बस में आरक्षित सीटें तो होती हैं, लेकिन वह महिलाओं को मिलती नहीं है। जेकेआरटीसी के एक अधिकारी ने बताया की यात्री नहीं मिलने से बस सेवा को बंद करना पड़ा है। निजी मेटाडोर और हमारी सामान्य बसों में महिलाओं की भीड़ रहती थी, लेकिन महिला बस खाली रहती। इसके बाद बस सेवा को बंद करना का फैसल लिया था।
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फिर शुरू करने की योजना
जेकेआरटीसी फिर से बस सेवा को शुरू करने की योजना बना रहा है। पहले जैसे परेशानी न हो इसके लिए इस बार जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि उन महिलाओं को इसकी सुविधा मिले, जिनके लिए सुविधा शुरू की है।
शहर में महिलाओं के लिए दो बसें चलाने की तैयारी
जेकेआरटीसी महा प्रबंधक राकेश संगराल ने कहा कि जम्मू शहर में जेकेआरटीसी दो महिला विशेष बसें चलाएगी। ये बसे शहर के प्रमुख कॉलेज, महिला कॉलेज, निजी और सरकारी कार्यालय के रूट्स पर चलेगी। दो बसों को महिला विशेष बस के रूप में डिजाइन किया है। इन बसों का रंग गुलाबी होगा, जिनपर महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े नंबर और अन्य जानकारी होगी।
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Pink Bus in Jammu Kashmir
- फोटो : अमर उजाला
विभिन्न राज्यों में महिलाओं के लिए विशेष बस चलती है। जम्मू में भी इस तरह की सुविधा होनी चाहिए। मै कॉलेज विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं और सार्वजनिक परिवहन में सफर करती हूं। मेटाडोर में भीड़- भाड़ रहती है। ऐसे में यहां भी बस चलनी चाहिए। -रांजू देवी, जम्मू विवि में पीजी छात्रा।
जम्मू-कश्मीर में भी महिलाएं कामकाजी है, प्रतिदिन सार्वजनिक परिवहन में सफर करती है। ऐसे में जम्मू शहर में दिल्ली और पंजाब की महिलाओं के लिए विशेष बसें चलनी चाहिए। सरकार पिंक टैक्सी चलाने की बात, लेकिन महिला विशेष बस ही नहीं चल पा रहा है। ऐसे में पिंक टैक्सी सिर्फ जुमला न बनके रह जाए। -जीवन ज्योति, सामाजिक कार्यकर्ता।
कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए विशेष बस सुविधा होनी चाहिए। अगर पंजाब और दिल्ली सरकार महिलाओं को निशुल्क परिवहन सुविधा दे सकती है, तो जम्मू-कश्मीर में इस तरह की सुविधा नहीं है। मैरी जैसी लाखों महिलाएं कार्यकालय जाती है, जिनके लिए महिला बस सुविधा काफी सुविधाजनक। -समीना कौसर, अधिवक्ता।
मेटाडोर और बसों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होती है, लेकिन महिलाओं को सीटें नहीं मिलती है। ट्रैफिक पुलिस भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते है। सार्वजनिक बस और मेटाडोर में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें की पहचान के अगल सीट कवर के लिए होनी चाहिए। -आरती देवी, विवि जम्मू की छात्रा।
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जम्मू-कश्मीर में भी महिलाएं कामकाजी है, प्रतिदिन सार्वजनिक परिवहन में सफर करती है। ऐसे में जम्मू शहर में दिल्ली और पंजाब की महिलाओं के लिए विशेष बसें चलनी चाहिए। सरकार पिंक टैक्सी चलाने की बात, लेकिन महिला विशेष बस ही नहीं चल पा रहा है। ऐसे में पिंक टैक्सी सिर्फ जुमला न बनके रह जाए। -जीवन ज्योति, सामाजिक कार्यकर्ता।
कामकाजी महिलाओं और छात्राओं के लिए विशेष बस सुविधा होनी चाहिए। अगर पंजाब और दिल्ली सरकार महिलाओं को निशुल्क परिवहन सुविधा दे सकती है, तो जम्मू-कश्मीर में इस तरह की सुविधा नहीं है। मैरी जैसी लाखों महिलाएं कार्यकालय जाती है, जिनके लिए महिला बस सुविधा काफी सुविधाजनक। -समीना कौसर, अधिवक्ता।
मेटाडोर और बसों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित होती है, लेकिन महिलाओं को सीटें नहीं मिलती है। ट्रैफिक पुलिस भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं करते है। सार्वजनिक बस और मेटाडोर में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें की पहचान के अगल सीट कवर के लिए होनी चाहिए। -आरती देवी, विवि जम्मू की छात्रा।
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