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Jammu News: विभाग की अनदेखी से मुरझाए 150 से ज्यादा पाैधे
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नरवाल स्थित वन विभाग के मुख्य कार्यालय परिसर में मियावाकी तकनीक से रोपे गए पौधे। अमर उजाला
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- कासिम नगर फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट सेंटर में अगस्त में रोपे गए थे पौधे
- मियावाकी तकनीक से रोपे गए हैं विभिन्न 6700 फूलों, फलों व औषधीय पौधे
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। मानसून सीजन में पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण के प्रति जागरूक करने के लिए शहर में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया। इसमें नरवाल के कासिम नगर में वन विभाग के मुख्य कार्यालय फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट सेंटर में पौधरोपण किया गया। मियावाकी तकनीक से रोपे गए इन पौधों में यहां की मिट्टी व जलवायु के आधार पर चयन कर औषधीय, फलों व फूलों के पौधों का चयन किया गया। हालत यह हुई कि रोपे गए 6700 पौधों में से 150 से अधिक उचित देखभाल व खाद-पानी न मिलने से सूख गए। अब विभाग इनकी जगह नए पौधे लगा रहा है।
मियावाकी जापान की तकनीक है जिसमें पौधारोपण के समय ऐसे पौधों का चयन किया जाता है जो संबंधित जगह पर जलवायु, मिट्टी का सही पोषण ले सकें। इसके लिए मिट्टी व जलवायु की जांच की जाती है। अगस्त में वन विभाग के मुख्य कार्यालय फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट सेंटर में मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने इस पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया था। बीते तीन माह में 150 से अधिक ऐसे पौधे चिह्नित किए गए हैं जो मौसम के अनुकूल खुद को नहीं ढाल सके और सूख गए। विभाग ने इनके स्थान पर दूसरे पौधे लगाए जाने की कवायद शुरू की है। साथ ही परिसर में करीब 2000 पौधे अतिरिक्त रखवाए गए हैं ताकि यहां पर तैनात किए गए माली पौधों के सूख जाने पर इनके स्थान पर तत्काल नए पौधों का रोपण कर सकें। परिसर को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित करने की योजना है। नगर निगम की तरफ से चलाए गए इस अभियान में पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। 70 कनाल जमीन पर पाैधरोपण किया गया है।
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मियावाकी तकनीक से रोपे गए इन पौधों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने माली की तैनाती की है ताकि इनके स्वास्थ्य को बेहतर रखा जाए सके। इस तकनीक से रोपे गए पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की जरूरत नहीं होती। फिलहाल पौधों की सुरक्षा के लिए आठ माली तैनात किए गए हैं। अगले मानसून तक दो हजार और पौधे लगाए जाने की योजना है।
-अश्वनी कुमार, डीएफओ, जम्मू।
- मियावाकी तकनीक से रोपे गए हैं विभिन्न 6700 फूलों, फलों व औषधीय पौधे
अमर उजाला ब्यूरो
जम्मू। मानसून सीजन में पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण के प्रति जागरूक करने के लिए शहर में बड़े स्तर पर अभियान चलाया गया। इसमें नरवाल के कासिम नगर में वन विभाग के मुख्य कार्यालय फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट सेंटर में पौधरोपण किया गया। मियावाकी तकनीक से रोपे गए इन पौधों में यहां की मिट्टी व जलवायु के आधार पर चयन कर औषधीय, फलों व फूलों के पौधों का चयन किया गया। हालत यह हुई कि रोपे गए 6700 पौधों में से 150 से अधिक उचित देखभाल व खाद-पानी न मिलने से सूख गए। अब विभाग इनकी जगह नए पौधे लगा रहा है।
मियावाकी जापान की तकनीक है जिसमें पौधारोपण के समय ऐसे पौधों का चयन किया जाता है जो संबंधित जगह पर जलवायु, मिट्टी का सही पोषण ले सकें। इसके लिए मिट्टी व जलवायु की जांच की जाती है। अगस्त में वन विभाग के मुख्य कार्यालय फॉरेस्ट रिसोर्सेज मैनेजमेंट सेंटर में मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने इस पौधरोपण अभियान का शुभारंभ किया था। बीते तीन माह में 150 से अधिक ऐसे पौधे चिह्नित किए गए हैं जो मौसम के अनुकूल खुद को नहीं ढाल सके और सूख गए। विभाग ने इनके स्थान पर दूसरे पौधे लगाए जाने की कवायद शुरू की है। साथ ही परिसर में करीब 2000 पौधे अतिरिक्त रखवाए गए हैं ताकि यहां पर तैनात किए गए माली पौधों के सूख जाने पर इनके स्थान पर तत्काल नए पौधों का रोपण कर सकें। परिसर को ग्रीन फील्ड के रूप में विकसित करने की योजना है। नगर निगम की तरफ से चलाए गए इस अभियान में पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी वन विभाग को सौंपी गई है। 70 कनाल जमीन पर पाैधरोपण किया गया है।
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मियावाकी तकनीक से रोपे गए इन पौधों की सुरक्षा के लिए वन विभाग ने माली की तैनाती की है ताकि इनके स्वास्थ्य को बेहतर रखा जाए सके। इस तकनीक से रोपे गए पौधों की सुरक्षा के लिए ट्री गार्ड की जरूरत नहीं होती। फिलहाल पौधों की सुरक्षा के लिए आठ माली तैनात किए गए हैं। अगले मानसून तक दो हजार और पौधे लगाए जाने की योजना है।
-अश्वनी कुमार, डीएफओ, जम्मू।