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Jammu News: अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज, घाट तैयार
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36 घंटे का व्रत शुरू, आज 5:41 बजे सूर्यास्त और कल 6.33 बजे होगा सूर्योदय
संवाद न्यूज एजेंसी
जम्मू। सूर्योपासना के महापर्व छठ की छटा मंदिरों के शहर में भी चहुंओर छाई हुई है। पीरखो, हरकी पौड़ी, बिक्रम चौक, डिग्याना व बाड़ी ब्राह्मणा सहित अन्य जगहों पर छठ पूजा के लिए घाट तैयार किए गए हैं। इन घाटों पर इन दिनों छठ गीत सुनाई दे रहे हैं।
रविवार को व्रतियों ने गुड़, दूध व नए चावल से बनी खीर से खरना पूजन की रस्म पूरी की। इसमें पहले घाट पर व घरों में स्नान-ध्यान किया गया। इसके बाद नियम निष्ठा के साथ पूजा-अर्चना की और खरना का प्रसाद ग्रहण किया। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निराहार-निर्जला छठ व्रत शुरु हो जाता है। महिलाएं सोमवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। मंगलवार सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे। रविवार शाम व्रतियों के घर आस्था व उत्साह के साथ सात्विक माहौल देखने को मिला। घाटों पर भी चहल-पहल रही। मान्यता के अनुसार छठ ही एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें कोई मुहूर्त या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन पहला अर्घ्य यानी सायंकालीन अर्घ्य सूर्यास्त से पहले और प्रातःकालीन अर्घ्य सूर्योदय काल में देने का विधान है। जम्मू में सोमवार को सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा इसलिए व्रतियों को इससे पहले ही अर्घ्य देना चाहिए। 28 अक्तूबर मंगलवार सुबह 6.33 बजे सूर्योदय होगा।
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चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्र निषेध
ज्योतिषाचार्य पंडित राजिंदर शास्त्री ने बताया कि सूर्य उपासना के महापर्व छठ में भगवान भास्कर को पीतल के पात्र से दूध और तांबे के पात्र से जल से अर्घ्य देने से अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है। चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्र से सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
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बाजारों में रौनक
छठ महापर्व को लेकर त्रिकुटा नगर बाजार में रविवार को काफी भीड़ देखने को मिली। लोग खरीदारी करते नजर आए। कारोबारियों ने कहा कि हर साल की तरह महंगाई जरूर बढ़ी हैं लेकिन पर्व को लेकर लोगों का उत्साह है। रविवार को छठ बाजार में काफी रौनक देखने को मिली।
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छठ घाट सजकर तैयार
सोमवार शाम और मंगलवार सुबह भगवान भास्करदेव को अर्घ्य देने के लिए शहर के पीरखो, हरकी पौड़ी, बिक्रम चौक, डिग्याना व बाड़ी ब्राह्मणा सहित विभिन्न जगहों पर घाट तैयार किए गए हैं। इन्हें भव्य रूप से सजाया गया है।
संवाद न्यूज एजेंसी
जम्मू। सूर्योपासना के महापर्व छठ की छटा मंदिरों के शहर में भी चहुंओर छाई हुई है। पीरखो, हरकी पौड़ी, बिक्रम चौक, डिग्याना व बाड़ी ब्राह्मणा सहित अन्य जगहों पर छठ पूजा के लिए घाट तैयार किए गए हैं। इन घाटों पर इन दिनों छठ गीत सुनाई दे रहे हैं।
रविवार को व्रतियों ने गुड़, दूध व नए चावल से बनी खीर से खरना पूजन की रस्म पूरी की। इसमें पहले घाट पर व घरों में स्नान-ध्यान किया गया। इसके बाद नियम निष्ठा के साथ पूजा-अर्चना की और खरना का प्रसाद ग्रहण किया। खरना के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निराहार-निर्जला छठ व्रत शुरु हो जाता है। महिलाएं सोमवार शाम अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी। मंगलवार सुबह व्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे। रविवार शाम व्रतियों के घर आस्था व उत्साह के साथ सात्विक माहौल देखने को मिला। घाटों पर भी चहल-पहल रही। मान्यता के अनुसार छठ ही एकमात्र ऐसा व्रत है जिसमें कोई मुहूर्त या पुरोहित की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन पहला अर्घ्य यानी सायंकालीन अर्घ्य सूर्यास्त से पहले और प्रातःकालीन अर्घ्य सूर्योदय काल में देने का विधान है। जम्मू में सोमवार को सूर्यास्त शाम 5:41 बजे होगा इसलिए व्रतियों को इससे पहले ही अर्घ्य देना चाहिए। 28 अक्तूबर मंगलवार सुबह 6.33 बजे सूर्योदय होगा।
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चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्र निषेध
ज्योतिषाचार्य पंडित राजिंदर शास्त्री ने बताया कि सूर्य उपासना के महापर्व छठ में भगवान भास्कर को पीतल के पात्र से दूध और तांबे के पात्र से जल से अर्घ्य देने से अभिष्ट फल की प्राप्ति होती है। चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के पात्र से सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए।
बाजारों में रौनक
छठ महापर्व को लेकर त्रिकुटा नगर बाजार में रविवार को काफी भीड़ देखने को मिली। लोग खरीदारी करते नजर आए। कारोबारियों ने कहा कि हर साल की तरह महंगाई जरूर बढ़ी हैं लेकिन पर्व को लेकर लोगों का उत्साह है। रविवार को छठ बाजार में काफी रौनक देखने को मिली।
छठ घाट सजकर तैयार
सोमवार शाम और मंगलवार सुबह भगवान भास्करदेव को अर्घ्य देने के लिए शहर के पीरखो, हरकी पौड़ी, बिक्रम चौक, डिग्याना व बाड़ी ब्राह्मणा सहित विभिन्न जगहों पर घाट तैयार किए गए हैं। इन्हें भव्य रूप से सजाया गया है।