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Jammu News: पाकिस्तान समेत कई देशाें में छिपे हैं 370 से अधिक आतंकी और उनके मददगार
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-आतंकी गतिविधियों को कश्मीर में दे रहे अंजाम
-बारामुला जिले के सबसे ज्यादा 209, अनंतनाग के 97, बांदीपोरा के 42 और कुलगाम के 28 आतंकवादी और इनके मददगार विदेश में
अजय मीनिया
जम्मू। कश्मीर संभाग के आठ जिलों के 370 से अधिक आतंकी, उनके मददगार और कुख्यात अपराधी पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात समेत कई देशों में पनाह लिए हुए हैं।
पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड आशिक नेंगरू भी इस समय पाकिस्तान में है। घर के ये भेदिये विदेशी धरती से नारको आतंकवाद, आतंकी वारदात और बड़े अपराधों को अंजाम देने का नेटवर्क चला रहे हैं। ये सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ज्यादातर के खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद भी उनको वापस नहीं लाया जा सका है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारियों के जवाब में पुलिस ने बताया कि सबसे ज्यादा 209 आतंकी और उनके मददगार बारामुला के हैं, जो विदेशी धरती से आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं। इनके खिलाफ निकास और आंतरिक आवागमन (नियंत्रण) अध्यादेश-2005, आर्म्स एक्ट और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। बारामुला में इनके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज हैं। बांदीपोरा जिले के 42 आतंकी विदेश में हैं, जिनके खिलाफ 18 एफआईआर दर्ज हैं। इसी तरह कुलगाम जिले के 28 आतंकी विदेशी धरती से देश के खिलाफ गतिविधियां चला रहे हैं। हैरानी की बात है कि इनके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज नहीं है। अनंतनाग जिले के 97 आतंकी और उनके मददगार विदेश में छिपे बैठे हैं। इनके खिलाफ 83 मामले दर्ज हैं।
वहीं, आईजी कश्मीर, विधि कुमार विरधी का कहना है कि आतंकियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं। चूंकि ये पाकिस्तान में हैं, इसलिए इनका आतंकी नेटवर्क तोड़ने के लिए हम इनकी संपत्तियां कुर्क कर रहे हैं। अधिकतर मामलों की जांच एनआईए के पास है। एनआईए की तरफ से अदालत और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से विदेश में छिपे आतंकियों को वापस लाने की प्रक्रिया चलाई जाती है।
पुलवामा : पांच आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ दर्ज हैं 24 मुकदमे
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पुलवामा जिले के 4 आतंकियों व उनके मददगारों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज हैं। वहीं, शोपियां जिले का आतंकी अदनान शफी भी विदेश में है। अदनान के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज हैं। शोपियां जैनपुरा में अदनान कई हत्याओं में शामिल रहा है। इसकी संपत्ति कुछ समय पहले कुर्क की गई है।
गांदरबल : पाकिस्तान में बैठे छह आतंकियों की संपत्ति कुर्क
गांदरबल जिले के 6 आतंकियों- बशीर अहमद, मेहराजुद्दीन शाह, फयाज अहमद शाह, सैफुद्दीन शाह और दो अन्य 1990 में पाकिस्तान भाग गए थे। इन आतंकियों की संपत्तियां कुर्क की गई हैं।
दूतावास के जरिये वापस लाने की यह है प्रक्रिया
विदेश में बैठे आतंकियों को वापस लाने के लिए पुलिस की तरफ से अदालत में अर्जी दी जाती है। इसके बाद अदालत भारतीय दूतावास को आदेश देती है। भारतीय दूतावास इंटरपोल के जरिये संबंधित देश के दूतावास से आतंकियों को सौंपने के लिए कहता है। कई बार आतंकियों को वापस लाने की प्रक्रिया की गई। पर, ज्यादातर आतंकी व उनके मददगार पाकिस्तान में हैं और उसने कभी ऐसे तत्वों को वापस नहीं भेजा।
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-बारामुला जिले के सबसे ज्यादा 209, अनंतनाग के 97, बांदीपोरा के 42 और कुलगाम के 28 आतंकवादी और इनके मददगार विदेश में
अजय मीनिया
जम्मू। कश्मीर संभाग के आठ जिलों के 370 से अधिक आतंकी, उनके मददगार और कुख्यात अपराधी पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात समेत कई देशों में पनाह लिए हुए हैं।
पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड आशिक नेंगरू भी इस समय पाकिस्तान में है। घर के ये भेदिये विदेशी धरती से नारको आतंकवाद, आतंकी वारदात और बड़े अपराधों को अंजाम देने का नेटवर्क चला रहे हैं। ये सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं। ज्यादातर के खिलाफ मामले दर्ज होने के बाद भी उनको वापस नहीं लाया जा सका है। सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारियों के जवाब में पुलिस ने बताया कि सबसे ज्यादा 209 आतंकी और उनके मददगार बारामुला के हैं, जो विदेशी धरती से आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं। इनके खिलाफ निकास और आंतरिक आवागमन (नियंत्रण) अध्यादेश-2005, आर्म्स एक्ट और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। बारामुला में इनके खिलाफ छह एफआईआर दर्ज हैं। बांदीपोरा जिले के 42 आतंकी विदेश में हैं, जिनके खिलाफ 18 एफआईआर दर्ज हैं। इसी तरह कुलगाम जिले के 28 आतंकी विदेशी धरती से देश के खिलाफ गतिविधियां चला रहे हैं। हैरानी की बात है कि इनके खिलाफ कोई मामला भी दर्ज नहीं है। अनंतनाग जिले के 97 आतंकी और उनके मददगार विदेश में छिपे बैठे हैं। इनके खिलाफ 83 मामले दर्ज हैं।
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वहीं, आईजी कश्मीर, विधि कुमार विरधी का कहना है कि आतंकियों के खिलाफ विभिन्न थानों में मामले दर्ज हैं। चूंकि ये पाकिस्तान में हैं, इसलिए इनका आतंकी नेटवर्क तोड़ने के लिए हम इनकी संपत्तियां कुर्क कर रहे हैं। अधिकतर मामलों की जांच एनआईए के पास है। एनआईए की तरफ से अदालत और केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से विदेश में छिपे आतंकियों को वापस लाने की प्रक्रिया चलाई जाती है।
पुलवामा : पांच आतंकवादियों और उनके मददगारों के खिलाफ दर्ज हैं 24 मुकदमे
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार पुलवामा जिले के 4 आतंकियों व उनके मददगारों के खिलाफ 14 एफआईआर दर्ज हैं। वहीं, शोपियां जिले का आतंकी अदनान शफी भी विदेश में है। अदनान के खिलाफ 10 एफआईआर दर्ज हैं। शोपियां जैनपुरा में अदनान कई हत्याओं में शामिल रहा है। इसकी संपत्ति कुछ समय पहले कुर्क की गई है।
गांदरबल : पाकिस्तान में बैठे छह आतंकियों की संपत्ति कुर्क
गांदरबल जिले के 6 आतंकियों- बशीर अहमद, मेहराजुद्दीन शाह, फयाज अहमद शाह, सैफुद्दीन शाह और दो अन्य 1990 में पाकिस्तान भाग गए थे। इन आतंकियों की संपत्तियां कुर्क की गई हैं।
दूतावास के जरिये वापस लाने की यह है प्रक्रिया
विदेश में बैठे आतंकियों को वापस लाने के लिए पुलिस की तरफ से अदालत में अर्जी दी जाती है। इसके बाद अदालत भारतीय दूतावास को आदेश देती है। भारतीय दूतावास इंटरपोल के जरिये संबंधित देश के दूतावास से आतंकियों को सौंपने के लिए कहता है। कई बार आतंकियों को वापस लाने की प्रक्रिया की गई। पर, ज्यादातर आतंकी व उनके मददगार पाकिस्तान में हैं और उसने कभी ऐसे तत्वों को वापस नहीं भेजा।