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Raghubar Das: 'झारखंड में हुए शराब घोटाले की सीबीआई जांच हो' पूर्व सीएम रघुवर दास की मांग; सीएम सोरेन पर बिफरे

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जमशेदपुर Published by: शबाहत हुसैन Updated Sat, 24 May 2025 06:41 PM IST
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सार

Jharkhand: रघुवर दास ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने जहां अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकानों को सीमित किया था, वहीं नई आबकारी नीति 2025 में इन क्षेत्रों में और अधिक शराब दुकानें खोलने का प्रावधान है। उन्होंने इसे युवाओं को नशे की ओर धकेलने वाला कदम बताया।

Former CM Raghuvar Das demanded CBI investigation into the liquor scam in Jharkhand
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास - फोटो : Facbook profile
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विस्तार
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शनिवार को झारखंड में हुए शराब घोटाले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। उन्होंने दावा किया कि यह घोटाला छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले से जुड़ा हुआ है और इसकी जांच CBI को सौंपनी चाहिए। दास ने कहा कि झारखंड में हुआ घोटाला मीडिया में सामने आई 100 करोड़ की राशि से कहीं अधिक 600–700 करोड़ रुपये का हो सकता है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा वहां के शराब घोटाले की CBI जांच की सिफारिश का हवाला देते हुए झारखंड में भी इसी तरह की जांच की मांग की।
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32 विधायकों की फंडिंग पर उठाए सवाल
रघुवर दास ने अगस्त 2022 में छत्तीसगढ़ भेजे गए 32 विधायकों की यात्रा और उनके होटल प्रवास की फंडिंग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि इन विधायकों के खर्च की भरपाई छत्तीसगढ़ सरकार ने की या शराब माफिया ने? उन्होंने कहा कि यह मामला भी जांच का विषय है और इससे जुड़ी सच्चाई सामने आनी चाहिए। दास ने 2018 में अपनी सरकार द्वारा लागू की गई आबकारी नीति का उल्लेख करते हुए कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने कैबिनेट बैठक में स्वीकार किया कि वह नीति राज्यहित में थी। उन्होंने कहा कि वर्तमान सोरेन सरकार ने 'आबकारी नियमावली 2025' को मंजूरी देते हुए माना है कि हमारी 2018 की नीति सबसे बेहतर थी और उसी के आधार पर नई नीति तैयार की गई है। उन्होंने दावा किया कि 2018–19 में उनकी सरकार की शराब नीति से राज्य को 1,082 करोड़ का राजस्व मिला था, जो 2019–20 में बढ़कर 2,009 करोड़ हो गया।
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अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकानों को लेकर जताई नाराजगी
रघुवर दास ने आरोप लगाया कि उनकी सरकार ने जहां अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकानों को सीमित किया था, वहीं नई आबकारी नीति 2025 में इन क्षेत्रों में और अधिक शराब दुकानें खोलने का प्रावधान है। उन्होंने इसे युवाओं को नशे की ओर धकेलने वाला कदम बताया। उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता शिबू सोरेन पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन शराब के खिलाफ आंदोलन करते थे, लेकिन आज उनके बेटे हेमंत सोरेन शराब को बढ़ावा दे रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

पढ़ें: सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में दो माओवादी ढेर, जेजेएमपी का सरगना भी था शामिल

TAC बैठक पर उठाए सवाल
दास ने अनुसूचित क्षेत्रों में शराब दुकान खोलने के फैसले को आदिवासी सलाहकार परिषद (TAC) की बैठक में चर्चा के लिए लाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि क्या राज्य कैबिनेट बड़ी है या TAC? उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासी समुदाय के विरोध के बाद मुख्यमंत्री को इस विषय को TAC के सामने लाना पड़ा।

IAS अधिकारी की गिरफ्तारी को बताया राजनीतिक बचाव का प्रयास
रघुवर दास ने झारखंड में शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे की एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई गिरफ्तारी को भी सत्तारूढ़ सरकार का ‘राजनीतिक बचाव’ बताया। उन्होंने कहा कि ACB की जांच सीमित दायरे तक ही हो सकती है और चूंकि झारखंड और छत्तीसगढ़ के घोटाले आपस में जुड़े हैं, इसलिए इसकी जांच CBI जैसी केंद्रीय एजेंसी से कराना जरूरी है।
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