Jharkhand News: सरकारी दावे रह गए धरे! गुमला में प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला की मौत, व्यवस्था पर उठे सवाल
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड की दीरगांव पंचायत के झलकापाट गांव में सड़क सुविधा के अभाव के कारण एक गर्भवती महिला सुकरी कुमारी की मौत हो गई।
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गुमला जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र से रविवार को एक हृदय विदारक और व्यवस्था को कठघरे में खड़ा करने वाली घटना सामने आई है। सुदूरवर्ती दीरगांव पंचायत अंतर्गत झलकापाट गांव में सड़क सुविधा के अभाव के कारण एक गर्भवती महिला की जान चली गई। प्रसव पीड़ा से जूझ रही सुकरी कुमारी (उम्र लगभग 30 वर्ष), पति जगन्नाथ कोरबा, को परिजन और ग्रामीण डोली में लादकर अस्पताल ले जाने को मजबूर हुए।
मिली जानकारी के अनुसार रविवार को सुकरी कुमारी को अचानक तेज प्रसव पीड़ा शुरू हुई। परिजनों ने तत्काल एंबुलेंस और ममता वाहन के लिए संपर्क किया, लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं होने के कारण कोई भी वाहन वहां तक नहीं पहुंच सका। मजबूरी में ग्रामीणों ने बहंगी तैयार की और महिला को उसमें लादकर करीब एक किलोमीटर पैदल काड़ासिल्ली गांव तक ले जाया गया। इस दौरान महिला की हालत लगातार बिगड़ती चली गई।
काड़ासिल्ली गांव पहुंचने के बाद ममता वाहन की व्यवस्था हो सकी, जिसके जरिए महिला को घाघरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार किया, लेकिन उसकी स्थिति गंभीर बनी रही। इसके बाद डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
दुर्भाग्यवश, सदर अस्पताल में इलाज के दौरान सुकरी कुमारी की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया, वहीं पूरे गांव में शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर सड़क और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध होतीं, तो सुकरी कुमारी की जान बचाई जा सकती थी।
यह घटना एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की बदहाली और सरकारी दावों की सच्चाई को उजागर करती है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क निर्माण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की मांग की है।