Jharkhand News: जहां कभी चलता था नक्सलियों का फरमान, वहां अब प्रशासन की जनसुनवाई, बदल गई तस्वीर
लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ की तलहटी पर स्थित तिसिया गांव, जो कभी नक्सलियों की जन अदालतों और खौफ के लिए जाना जाता था, अब पूरी तरह नक्सल मुक्त हो चुका है।
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लातेहार जिले के बूढ़ा पहाड़ की तलहटी पर बसा तिसिया गांव कभी नक्सलियों की जन अदालतों के लिए कुख्यात था। यहां नक्सली खुलेआम फरमान सुनाते थे और ग्रामीण लंबे समय तक डर के साये में जीवन बिताने को मजबूर थे। हालांकि, सरकार के सख्त निर्देश, पुलिस के लगातार नक्सल विरोधी अभियानों और जवानों की कुर्बानियों के बाद अब यह गांव पूरी तरह नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुका है। आज तिसिया गांव में बदलाव साफ नजर आ रहा है।
नक्सल मुक्त होने के बाद जिला प्रशासन पहली बार दुर्गम और करीब 12 किलोमीटर लंबे कठिन रास्ते को पार कर सीधे तिसिया गांव पहुंचा। लातेहार उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव, उप विकास आयुक्त सैयद रियाज अहमद और एसएसबी 32वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश सिंह के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने गांव में ही जनसुनवाई का आयोजन किया। इस दौरान अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याएं गंभीरता से सुनीं और कई मामलों का समाधान मौके पर ही किया।
जनसुनवाई के दौरान पेंशन, राशन कार्ड, सड़क, पुल-पुलिया, स्कूल और अन्य बुनियादी सुविधाओं से जुड़े मुद्दों पर त्वरित निर्णय लिए गए। प्रशासनिक टीम को अपने बीच पाकर ग्रामीण भावुक हो उठे और खुलकर अपनी परेशानियां रखीं। ग्रामीणों ने बताया कि पहले गांव में नक्सलियों का दबदबा था, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं। उनका कहना था कि सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण हो जाने से उनकी आधी समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएंगी।
इस मौके पर लातेहार के उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि तिसिया गांव की दशा और दिशा बदलने के लिए ठोस योजनाएं तैयार की जा रही हैं। वहीं पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि गांव में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा और अब उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस हर कदम पर ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह तत्पर रहेगी।