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Jharkhand: समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंचने से 13 वर्षीय बच्ची की मौत, परिजनों ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रांची Published by: शबाहत हुसैन Updated Sun, 22 Jun 2025 05:20 PM IST
सार

Ranchi: परिजनों ने आनन-फानन में उसे इलाज के लिए गोड्डा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने हालत गंभीर बताकर उसे रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया। लेकिन अस्पताल प्रशासन घायल बच्ची को रांची ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सका।

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Jharkhand News: Family in shock after the death of a 13-year-old girl due to ambulance not arriving on time
रोते-बिलखते परिजन - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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राज्य सरकार भले ही बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इन दावों की पोल खोल रही है। गोड्डा जिले के ठाकुरगंगटी प्रखंड स्थित मदनपुर गांव में एक 13 वर्षीय बच्ची की जान समय पर एंबुलेंस नहीं मिलने के कारण चली गई।

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जानकारी के अनुसार, 13 वर्षीय दर्शन कुमारी रविवार को अपने घर की छत पर बारिश में नहा रही थी। इसी दौरान उसका पैर फिसल गया और वह बगल के मकान की छत पर जा गिरी। गिरने से उसका पेट छत के पिलर से टकरा गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई।

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परिजनों ने आनन-फानन में उसे इलाज के लिए गोड्डा सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने हालत गंभीर बताकर उसे रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया। लेकिन अस्पताल प्रशासन घायल बच्ची को रांची ले जाने के लिए समय पर एंबुलेंस की व्यवस्था नहीं कर सका।

परिजनों के अनुसार, उन्होंने 108 नंबर पर बार-बार कॉल किया, लेकिन कोई एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकी। अंततः मजबूर होकर उन्होंने निजी वाहन से उसे रांची ले जाने का निर्णय लिया। लेकिन रास्ते में ऑक्सीजन की व्यवस्था नहीं होने के कारण बच्ची की मौत हो गई।मृतका के पिता संतोष महतो ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, “अगर समय पर एंबुलेंस मिल जाती, तो मेरी बेटी की जान बच सकती थी। प्रशासन ने हमें अकेले छोड़ दिया।


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उन्होंने सरकार से मांग की है कि गोड्डा सदर अस्पताल की व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है और उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए। इस घटना से नाराज परिजनों और ग्रामीणों ने हाल ही में सदर अस्पताल में तोड़फोड़ भी की थी। लोगों का आरोप है कि समय पर इलाज न मिलने से यह स्थिति उत्पन्न हुई।

यह कोई पहली घटना नहीं है। राज्य के कई जिलों में जहां मरीज एंबुलेंस के इंतजार में दम तोड़ रहे हैं, वहीं कई जगह सरकारी एंबुलेंसें निष्क्रिय पड़ी हैं। यह मामला राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी लगातार अस्पतालों का निरीक्षण कर रहे हैं और सुधार की बात कह रहे हैं, लेकिन ज़मीनी स्तर पर अभी तक कोई ठोस बदलाव नजर नहीं आ रहा है।

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