UK: एकल पीठ का फैसला रद्द, उत्तराखंड HC ने गन्ना पर्यवेक्षक पद के लिए तीन वर्षीय डिप्लोमा धारकों को माना योग्य
Uttarakhand: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के एकल पीठ के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि कृषि अभियांत्रिकी में तीन वर्षीय डिप्लोमा धारक उम्मीदवार गन्ना पर्यवेक्षक पद के लिए योग्य हैं। अदालत ने आयोग को अपीलकर्ताओं के परिणाम तुरंत घोषित करने का आदेश दिया।

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Uttarakhand HC: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के फैसले को खारिज करते हुए और परिणाम घोषित करने का आदेश देते हुए कहा कि कृषि अभियांत्रिकी में तीन वर्षीय डिप्लोमा वाले उम्मीदवार गन्ना पर्यवेक्षक पदों के लिए पात्र हैं।

मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने एक विशेष अपील पर सुनवाई करते हुए एकल पीठ के 1 सितंबर के आदेश को खारिज कर दिया और (UKPSC) को अपीलकर्ताओं के परिणाम तुरंत घोषित करने का निर्देश दिया।
यह मामला यूकेपीएससी द्वारा 2022 में 78 गन्ना पर्यवेक्षक पदों के लिए जारी किए गए विज्ञापन से जुड़ा है, जिसे वापस ले लिया गया था और बाद में 2023 में फिर से शुरू किया गया था।
नए विज्ञापन में कृषि में दो वर्षीय डिप्लोमा की आवश्यकता थी। हालाँकि, परीक्षा में शामिल हुए तीन वर्षीय कृषि अभियांत्रिकी डिप्लोमा वाले उम्मीदवारों को चयन सूची में शामिल किया गया था, लेकिन दस्तावेज़ सत्यापन के दौरान उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
आयोग ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा था कि क्या तीन वर्षीय कृषि अभियांत्रिकी डिप्लोमा को वैध माना जा सकता है।
25 नवंबर, 2023 को गन्ना एवं चीनी आयुक्त कार्यालय ने स्पष्ट किया कि दो वर्षीय और तीन वर्षीय कृषि डिप्लोमा दोनों ही वैध हैं।
इसके बाद, 14 दिसंबर, 2023 को गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के सचिव ने आयोग को निर्देश दिया कि तीन वर्षीय डिप्लोमा धारकों को पात्र मानकर चयन प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। इन स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, आयोग ने विज्ञापन में संशोधन नहीं किया और तीन वर्षीय डिप्लोमा वाले उम्मीदवारों को बाहर कर दिया।
न्यायालय ने आयोग के कार्यों को मनमाना और गैरकानूनी माना और कहा कि भर्ती एजेंसी, नियोक्ता विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में बदलाव नहीं कर सकती।